क्या ओडीएफ डबल प्लस में फ्राड करने वाले जाएंगे जेल?

# ## Lucknow UP

(किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार की जानकारी अगर आपके पास है तो 7007096037 पर संपर्क करें। आपका नाम और पता गोपनीय रखा जाएगा)

Suyash Mishra
Suyash Mishra

लखनऊ। भ्रष्ट अधिकारियों के प्रति नगर निगम का सुस्त रवैया पहले से ही रहा है। यही कारण है कि ई टेंडरिंग जैसे तमाम घोटालों के आरोपियों पर आज भी एक्शन नहीं लिया जा सका। वह अलग बात है कि कुछ बाबुओं और इंजिनियरों पर सिकंजा कसा गया, लेकिन इस भ्रष्टाचार के मुख्य आरोपियों पर आज भी नकेल नहीं कसी जा सकी। यही कारण है कि ऐसे ​अधिकारियों और कर्मचारियों का मनोबल बढ़ता है।

महाफ्राड किया गया है?
राजधानी लखनऊ को ओडीएफ डबल प्लस का दर्जा दिलाने में महाफ्राड किया गया है। यह हम नहीं कह रहे हैंं। यह कह रहे हैं आकड़े जो कभी झूठ नहीं बोलते। आखिर किस आधार पर लखनऊ को ओ​डीएफ डबल प्लस का दर्जा दे दिया गया जब आज भी पुराने लखनऊ के कई इलाके ऐसे हैं जहां सीवर लाइन का मल खुली नालियों में बह रहा है।

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अभी भी बहता है नालियों में मल!
फैजुल्लागंज के कई ऐसे इलाके आज भी हैं जहां घरेलू शौचालयों को सीवर से कनेक्ट नहीं किया जा सका है। वह अलग बात है कि पिछले कुछ महीनों से यह कार्य तेजी से चल रहा है। लेकिन सवाल यह उठता है कि फरवरी 2019 में ही लखनऊ को ओडीएफ डबल प्लस का दर्जा दिला दिया गया।

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क्या दर्ज होगा 420 का मुकदमा?
जिम्मेदार अधिकारियों ने क्वालिटी काउंसिल आॅफ इंडिया को गुमराह करने की कोशिश की हैै। टीम को मनमुताबिक शौचालय स्थलों का निरीक्षण कराया गया। जहां पहले से व्यवस्था सुदृढ कर ली गई थी। टीम को गलत आंकड़े देकर गुमराह किया गया। मानकों के पूरे न होने के बाद भी सर्टिफिकेट ले लिया गया। कहीं न कहीं कागजों और आकड़ों को छुपाकर सरकार और टीम को गुमराह करने की कोशिश की गई है। अब सवाल यह उठता है ​कि जांच में अगर ऐसा पाया गया तो इसके लिए जो ​अधिकारी जिम्मेदार हैं क्या उन पर 420 का केस दर्ज होगा।

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मानक के अनुरूप शौचालय भी पूरे नहीं हैं!
लखनऊ शहर में 14000 प्राइवेट शौचालय बनवाने की बात कही जा रही है। लेकिन अगर जांच हो जाती है तो 50 प्रतिशत फर्जी निकलेंगे। नगर निगम सूत्रों की माने तो कई बार गलत आईडी बनाकर भुगतान कराया गया है वहीं कई बार पुराने शौचालय को ही पुतवाकर नया बताया गया और पैसा रिलीज कर दिया गया है। इस षड़यंत्र में जिम्मेदार कर्मचारियों और अधिकारियों ने मोटी रकम वसूल की है।

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एके राव नहीं तो कौन जिम्मेदार?
वर्तमान में एसबीएम के प्रभारी अरविंद कुमार राव हैं। इससे पहले यह जिम्मेदारी पंकज भूषण संभाल रहे थे। राव साहेब का कहना है कि वह पिछले 8—10 महीनों से इसको देख रहे हैं इसलिए इसमें जो कुछ भ्रष्टाचार हुआ होगा इसकी न तो उन्हें जानकारी है और न ही इसके लिए वह जिम्मेदार हैं। उनका कहना है कि पूछताछ पुराने जिम्मेदारों से होगी।

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ऐसे फसेंगे राव साहब!
शुरुआत से ही यह जिम्मेदारी पंकज भूषण संभाल रहे थे। नगर आयुक्त उदयराज के कार्यकाल में लखनऊ को ओडीएफ प्लस कराने के​ लिए उनसे कहा गया था लेकिन उन्होंने यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि अभी लखनऊ जब मानकों को ही पूरा नहीं करता तो फिर कैसे उसे ओडीएफ प्लस कर दिया जाए। सितंबर 2018 में उनसे यह जिम्मेदारी लेकर एके राव को दे दी गई राव साहब आंकड़ों और तथ्यों की बाजीगरी के माहिर खिलाड़ी हैं। उन्होंने आते ही न जाने कौन सी जादू की छड़ी घुमाई की लखनऊवासियों की शैली ही बदल गई। वह खुले में शौच न जाकर टॉयलेट में जाने लगे। वैसे सुनने में ही यह हास्यास्पद लगता है। पर राव साहब बड़े कान्फीडेंट से बोलते हैं कि हमने बहुत मेहनत की लोगों का व्यवहार बदलने में। बहरहाल पलक झपकते राव साहब ने पहले लखनऊ में ओडीएफ प्लस और फिर डबल प्लस का दर्जा दिलवा दिया।

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अब सवाल यह उठता है कि जब पंकज भूषण के कार्यकाल में नहीं बल्कि आपके कार्यकाल में लखनऊ को ओडीएफ डबल प्लस का दर्जा दिया गया है तो फिर पूछताछ भी आपसे ही होगी। नगर आयुक्त भी इस मामले में अब तक कोई एक्शन लेने से कतराते रहे हैं।

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बहरहाल राव साहब ने एक और भ्रम पाल रखा है कि क्वालिटी काउंसिल आॅफ इंडिया ने चेक करने के बाद ही सार्टिफिकेट दिया है। पर उनको यह भी मालूम होना चाहिए कि उसने सभी टॉयलेट का निरीक्षण नहीं किया बल्कि कुछ टॉयलेट देखकर आपके द्वारा दिए गए आंकड़ों को आधार बनाकर ये प्रमाणपत्र दिया है। लेकिन आप द्वारा टीम को गलत आंकड़े दिए गए हैं तो पूछताछ आपसे ही होगी।

बहरहाल दोषी चाहे जो भी हो, लेकिन इस मामले की जांच होनी चाहिए। वह जांच इसलिए जरूरी है ​क्योंकि यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद मोदी जी की महत्वाकांक्षी योजना है और अगर राजधानी लखनऊ में ही यह योजना सिर्फ कागजों पर रहेगी तो बाकी जिलों का हाल कैसा होगा। उत्तर प्रदेश में ऐसा तब हो रहा है जब यूपी में योगी राज है जो कि भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बात करती है।