संगम नगरी प्रयागराज में है वृक्षों का ‘खजाना’, प्रदेश सरकार की विरासत सूची में हैं शामिल

Prayagraj Zone

प्रयागराज (www.arya-tv.com) प्रयागराज आस्‍था और ऐतिहासिक नगरी के नाम से प्रसिद्ध है। यहां राजनीतिक बुलंदियों को छूने वाले व्‍यक्तित्‍व भी हुए हैं। इसके साथ ही यहां गंगा, यमुना और अदृश्‍य सरस्‍वती का पावन संगम भी है। इस बात के गवाह त्रिवेणी तट पर मौजूद अक्षय वट के साथ वह 53 दरख्त भी हैं, जिन्हें प्रदेश सरकार ने विरासत सूची में शामिल किया है।

कुछ वृक्ष तो विज्ञान के लिए भी किसी अजूबे से कम नहीं हैं

हालांकि प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी प्रभाग की ओर से कुल 83 वृक्षों की सूची शासन को भेजी गई थी। उन वृक्षों का भी अपना ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व है। सभी के साथ कुछ दंत कथाएं भी जुड़ी हैं। जो किसी भी समाजशास्त्री व संस्कृति के विद्यार्थी के लिए खास मायने रखती हैं। यह आज की पीढ़ी के लिए भी विशेष है।

कुछ वृक्ष तो विज्ञान के लिए भी किसी अजूबे से कम नहीं हैं। फिलहाल कंकरीट के बढ़ते जंगल के बीच खड़े यह दरख्त, हमारी विकास यात्रा के गवाह हैं। साथ ही हमारी जड़ों से भी जोडऩे के लिए कारगर साबित होंगे। हमे इनके संरक्षण के साथ ही नई पीढ़ी को भी हरियाली और संस्कृति के मर्म को समझाना होगा।

इन स्‍थानों के खास वृक्षों पर डालें एक नजर

1. मेजा खास के बोलन धाम में 110 वर्ष पुराना बरगद है। इसकी गोलाई नौ मीटर है। इस स्थान और वृक्ष को लेकर मान्यता है कि महाभारत काल में अर्जुन ने बाड़ चलाकर एक जलाशय तैयार किया था। यहां हमेशा पानी भरा रहता है। इसके अलावा यहां सितंबर में मेला भी लगता है।

2. मेजा खास में ही 102 वर्ष पुराना पीपल का पेड़ है। इसकी गोलाई 2.50 मीटर है। यहां अर्से से लोग पूजा अर्चना करते आ रहे हैं। यही वजह है कि इसे विरासत सूची के लिए भेजा गया।

3. संगम क्षेत्र में अकबर के किला में 300 वर्ष पुराना अक्षयवट है। इसकी गोलाई 10 मीटर है। अक्षयवट तीर्थराज प्रयाग का सबसे महत्वपूर्ण धर्मस्थल है। धार्मिक कथाओं, पौराणिक घटनाओं व मान्यताओं को आधार पर इसे खास माना गया।

4. चंद्रशेखर आजाद पार्क में 5.20 मीटर गोलाई वाला 110 वर्ष पुराना बरगद है। मान्यता के अनुसार इसका भी पौराणिक महत्व है। कई धार्मिक कथाएं भी इससे जुड़ी हैं।

5. चंद्रशेखर आजाद पार्क में स्थित पारिजात का वृक्ष भी खास है। 7.60 मीटर गोलाई वाला यह वृक्ष 400 वर्ष पुराना है। कई दंत कथाएं भी इससे जुड़ी हैं।

6. झूंसी के उल्टा किला के पास भी एक पारिजात वृक्ष है। यह 17.30 मीटर गोलाई में है। इसकी आयु 700 साल आंकी गई है।

7. हनुमानगंज में 9.50 मीटर गोलाई में 150 साल पुराना बरगद है। ग्रामीण यहां अपने ईष्ट देव शिवजी का पूजन करते हैं।

8. झूंसी के सदाफल आश्रम के पास स्थित बरगद का वृक्ष भी लोगों की आस्था का केंद्र है। यह 180 साल का बताया जा रहा है। इसकी गोलाई नौ मीटर है।

9. चंद्रशेखर आजाद पार्क में 150 साल पुराना नीम का वृक्ष है। इसके तने का व्यास 5.20 मीटर है। इसे भी विरासत सूची के लिए नामित किया गया है।

10. चंद्रशेखर आजाद पार्क में 200 वर्ष पुराना बरगद का पेड़ है। इसके तने का व्यास 5.40 मीटर है।

11. प्रतापपुर रेंज के दयालापुर में 106 साल पुराना पीपल का वृक्ष भी खास है। इसके तने की गोलाई 6.90 मीटर है। बताया जा रहा है कि लोग चार पीढ़ी से यहां पूजन करते हैं।

12. नेहरू पार्क मार्ग पर 101 साल पुराना पीपल का वृक्ष है। इसकी चौड़ाई 3.90 मीटर है।

13. प्रतापपुर रेंज के कुनौरा में 115 साल का पाकड़ का पेड़ है। इसकी गोलाई 5.60 मीटर है। इसके प्रति भी लोग आस्था रखते हैं।

14. बड़ोखर बाजार के नउआन टोला में 120 साल पुराना पाकड़ का पेड़ भी लोगों की जिज्ञासा का केंद्र रहता है। इसकी गोलाई 4.15 मीटर है। इसे लेकर भी स्थानीय लोग कुछ दंत कथाएं सुनाते हैं।

15. देवघाट में 118 साल पुराना बरगद है। इसके तने का व्यास 7.40 मीटर है। वट सावित्री व्रत रहने वाली महिलाएं इसकी हमेशा पूजा करती हैं।

16. बड़ोखर में 150 साल पुराना बरगद है। इसकी गोलार्ई 16.10 मीटर है। इसके प्रति भी लोगों का रुझान देखने को मिलता है।

17. बड़ोखर के कलिकान मंदिर परिसर में 105 साल पुराना नीम है। इसके तने का व्यास 4.40 मीटर है।

18. कोरांव के महुली में पीपल है, जिसकी उम्र 105 वर्ष आंकी गई है। यह 8.40 मीटर चौड़ा है।

19. हंडिया के लाक्षागृह में 105 वर्ष पुराना पीपल है, जिसकी गोलाई 7.20 मीटर है। यह भी अपने परिप्रेक्ष्य में कई दंत कथाएं रखता है।

20. कोरांव के बसहरा में 129 साल पुराना पाकड़ है। इसकी गोलार्ई 3.76 मीटर है। क्षेत्रीय लोग इसके प्रति अपनी आस्था रखते हैं।

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21. पडि़ला महादेव बैजू बाबा के पास 150 साल पुराना पीपल है। इसके तने का व्यास 4.10 मीटर है। यहां समय-समय पर मेला आयोजित होता है। साथ ही लोगों की आस्था का केंद्र है।

22. रामचौरा घाट में 200 साल पुराना शीशम है, जिसकी गोलाई 2.50 मीटर है। लोग इस वृक्ष की परिक्रमा करते हैं। कई दंत कथाएं भी इससे जुड़ी हैं।

23. श्रृंगवेरपुर में 120 साल पुराना बरगद है, जिसकी गोलाई 4.50 मीटर है। इसे लेकर भी जन आस्था है।

24. हंडिया के चकमदा में 110 वर्ष का पीपल का पेड़ है, जिसकी गोलाई 6.90 मीटर है। इसे देवभूमि माना जाता है।

25. बजहां मिश्रान में 105 वर्ष पुराने पीपल है। इसकी गोलाई 7.40 मीटर है। यह स्थान आस्था का प्रतीक है।

26. आकाशवाणी केंद्र परिसर में 101 साल पुराना बरगद है, जिसकी गोलाई 6.10 मीटर है।

27. हनुमानगंज पैतिहा में 105 साल का पीपल है। इसकी गोलाई 6.65 मीटर है। आज भी यहां भगवान भोलेनाथ का स्थान माना जाता है।

28. पैतिहा में 115 साल पुराना पीपल है, जिसकी गोलाई 7.30 मीटर है। मान्यता है कि यह वंश देव महाराज का वास स्थान है। आज भी ग्रामीण पूजन करते हैं।

29. देवघाट में 116 साल पुराना पीपल, जिसकी गोलाई 8.85 मीटर है। यहां शंकर भगवान पूजे जाते हैं।

30. कोरांव के छापर हरदौन में 107 साल पुराना बरगद है। इसकी गोलाई 9.70 मीटर है। यहां ग्रामीण बीरबाबा की पूजा करते हैं।

31. कपुरी बढइया, सिरियारी में 3.26 मीटर गोलाई वाला 111 साल पुराना पीपल है। यहां शंकर भगवान की पूजा की जाती है।

32. उग्रसेनपुर के बीबीपुर में 120 वर्ष पुराना नीम है। इसकी गोलाई 4.50 मीटर है।

33. अशोक मार्ग पर हाईकोर्ट के गेट नंबर दो के सामने 110 वर्ष पुराना पाकड़ है। इसकी गोलाई 6.50 मीटर है।

34. अशोक मार्ग पर 100 साल पुराना पीपल है। इसके तने का व्यास 5.20 मीटर है।

35. उग्रसेनपुर रेलवे स्टेशन पर 110 साल पुरना पीपल है, जिसकी गोलाई 5.10 मीटर है। स्थानीय लोग यहां पूजन करते हैं।

36. उग्रसेनपुर रेलवे स्टेशन पर 105 साल पुराना महुआ भी है। इसकी गोलाई 4.20 मीटर है।

37. उग्रसेनपुर रेलवे स्टेशन पर ही 125 साल पुराना नीम है। इसकी गोलाई 5.40 मीटर है। इसमें भी माता शीतला का वास माना जाता है।

38. उग्रसेनपुर रेलवे स्टेशन के पीछे 125 वर्ष पुराना पीपल है। इसकी गोलाई 8.50 मीटर है। यहां भी लोग जल चढ़ाते हैं।

39. उग्रसेनपुर के बीबीपुर में 120 वर्ष पुराना नीम है। इसके तने की चौड़ाई 2.75 मीटर है।

40. उग्रसेनपुर के बीबीपुर में ही 140 वर्ष पुराना पाकड़ है। इसकी गोलाई 4.75 मीटर है।

41. सरपोसबीर में 135 वर्ष का पीपल है, जिसकी गोलाई 6.20 मीटर है।

42. मिर्जापुर पासी बस्ती में 180 वर्ष पुराना पीपल है। इसकी गोलाई 6.10 मीटर है। यहां भी लोगों की आस्था जुड़ी है।

43. हरदौन में 103 वर्ष पुराना बरगद है, जिसकी गोलाई 9.30 मीटर है। यहां ग्रामीण पहलवान बाबा की पूजा करते हैं।

44. कलिकन धाम, बड़ोखर में 102 वर्ष पुराना पीपल है। इसकी गोलाई 5.40 मीटर है। यहां लोग हनुमानजी का पूजन करते हैं।

45. पसना में 109 साल पुराना पीपल है। इसकी गोलाई 3.00 मीटर है। यहां ग्रामीण पिंड दान करते हैं।

46. पसना में 115 साल पुराना बरगद है। इसकी गोलाई 2.79 मीटर है। यहां न्याय चबूतरा है। मान्यता है कि आदि शक्ति मां न्याय करती है।

47. उगापुर (गौसौतीपुर) में 120 वर्ष पुराना पीपल है। इसकी गोलाई 5.80 मीटर है। स्थानीय लोग यहां पूजन करते हैं।

48. उगापुर (गौसौतीपुर) में 190 वर्ष पुराना बरगद है। इसके तने का व्यास 6.50 मीटर है।

49. उगापुर (गौसौतीपुर) में 200 साल पुराना बरगद है। इसका तना 11 मीटर व्यास का है।

50. केंद्रीय विद्यायल, राजीव गांधी मार्ग पर 105 वर्ष पुराना पीपल है। इसकी गोलाई 4.10 मीटर है।

51. नेहरू पार्क मार्ग पर 101 वर्ष पुराना बरगद है। इसकी गोलाई 4.40 मीटर है।

52. नेहरू पार्क मार्ग पर ही 100 वर्ष पुराना बरगद है। इसकी गोलाई 4.20 मीटर है। यहीं प्राचीन हनुमान मंदिर है। बरगद की भी पूजा की जाती है।

53. राजीव गांधी मार्ग, विचित्र विहार में 101 साल पुराना पीपल है। इसकी गोलाई 5.10 मीटर है।

54. द्रौपदी घाट पर 100 साल पुराना बरगद है। यह 5.00 मीटर चौड़ा है।

55. कुनौरा में 175 साल पुराना बरगद है। इसकी गोलाई 6.40 मीटर है।

56.आकाशवाणी केंद्र परिसर में 100 साल का बरगद है। इसकी चौड़ाई 4.80 मीटर है।

57. भोगवारा में 130 साल पुराना पीपल है। इसकी गोलाई 6.00 मीटर है।

58. भीमपुर सराय में 125 साल पुराना बरगद है। इसकी गोलाई 4.80 मीटर है। यहां बजरंबली मंदिर भी है।

59. उगापुर गोसौटीपुर में 130 साल पुराना पीपल है। इसकी गोलाई 6.30 मीटर है।

60. दयालापुर में 108 साल पुराना पीपल है। इसकी गोलाई 6.70 मीटर है।

61. दयालापुर में ही 110 साल पुराना पीपल भी है। इसकी गोलाई 6.90 मीटर है।

62. अशोक मार्ग दूर संचार केंद्र के पास 130 साल पुराना बरगद है। इसकी मोटाई 12.40 मीटर है।

63. आकाशवाणी केंद्र के पास 101 साल पुराना बरगद है। इसकी गोलाई 4.30 मीटर है।

64. सीडीए पेंशन ऑफिस कैंपस में 105 साल पुराना बरगद है। इसकी गोलाई 5.10 मीटर है।

65. सीडीए पेंशन ट्रेनिंग सेंटर के पास 105 साल पुराना पाकड़़ है। इसकी गोलाई 6.10 मीटर है।

66. इंदिरा गांधी चौराहा के पास 100 वर्ष पुराना पीपल है। इसकी गोलाई 5.20 मीटर है।

67. थॉर्न हिल रोड इंदिरा गांधी चौराहा के पास 100 साल पुराना बरगद है। इसकी गोलाई 6.10 मीटर है।

68. भोगवारा में 180 साल पुराना बरगद है। इसके तने का व्यास 7.90 मीटर है। यहां भी लोग पूजा पाठ करते हैं।

69. भीमपुर सराय में 150 साल पुराना बरगद है। इसके तने की चौड़ाई 8.50 मीटर है।

70. उगापुर गोसौटीपुर में 140 वर्ष का बरगद है। यह भी लोगों की आस्था से जुड़ा है। इसकी गोलाई 8.50 मीटर है।

71. दयालापुर में 108 साल पुराना महुआ का पेड़ भी लोगों के लिए कौतूहल का विषय रहता है। इसकी चौड़ाई 5.80 मीटर है।

72. कुंदनपुर में 160 साल पुराना पीपल का पेड़ है। इसका तना 5.40 मीटर चौड़ा है।

73. कुंदनपुर में 110 वर्ष पुराना बरगद है। इसके तने की चौड़ाई 8.30 मीटर है।

74. कुंदनपुर में 105 वर्ष का पीपल का पेड़ है। इसके तने की माप भी 5.30 मीटर है।

75. जानकीनगर पुलिस चौकी के पास 120 साल का पीपल है। इसकी गोलाई 5.30 मीटर है।

76. कुनौरा में 115 साल पुराना पीपल है। इसकी गोलाई 5.20 मीटर है।

77. कुनौरा में 160 साल पुराना पीपल है। इसकी गोलाई 5.40 मीटर है।

78. शिव इंटरमीडिएट कॉलेज, प्रतापपुर में 160 साल पुराना बरगद है। इसे भी लोग आस्था से जोड़कर देखते हैं। इसके तने की चौड़ाई 6.30 मीटर है।

79. एसआइसी, प्रतापपुर में 130 साल का बरगद है। यह भी लोगों की आस्था का केंद्र है। वर्तमान में इसकी चौड़ाई 5.40 मीटर है।

80. प्रतापपुर के शिव इंटरमीडिएट कॉलेज, परिसर में 130 साल पुराना बरगद है। इसके तने का व्यास 5.40 मीटर है।

81. हंडिया के इनायत पट्टी में 102 वर्ष पुराना पीपल है। इसके तने की गोलाई 7.60 मीटर है।

82. सोरांव के पटना उपरहार में 400 वर्ष का बरगद है। इसके तने की गोलाई 7.60 मीटर है।

83. भगौतीपुर में 120 साल का पीपल है। इसके तने का व्यास 7.60 मीटर है।