इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के ये छात्र फिल्मी दुनिया में बजा रहे हैं डंका, जानें कौन हैं वह एक्टर

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(www.arya-tv.com) पूरब का आक्सफोर्ड कही जाने वाली इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने वाले कई पूर्व छात्र फिल्म और संगीत के क्षेत्र में अपनी कामयाबी का डंका बजा रहे हैं. यूनिवर्सिटी कैम्पस से निकले तमाम होनहार स्टूडेंट्स ने नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर अपना एक अलग मुकाम हासिल किया है. इन होनहारों ने न केवल सिनेमा और संगीत को नए रूप में परिभाषित किया है, बल्कि अपना एक अलग स्टाइल भी तैयार किया है.

इन होनहार स्टूडेंट्स में से कुछ ने एक्टिंग की फील्ड में अपनी अमिट छाप छोड़ी है तो कोई फिल्म डायरेक्शन और म्यूजिक कंपोजिशन की फील्ड में कामयाबी के में झंडे गाड़ रहे हैं. फिल्म और संगीत के क्षेत्र में अपनी खास पहचान बनाने वाले इलाहाबाद सेंट्रल युनिवर्सिटी के पूर्व स्टूडेंट्स में डायरेक्टर तिग्मांशु धूलिया, चर्चित गीतकार मनोज मुंतशिर शुक्ल, सिंगर अभिजीत घोषाल, विनय पाठक, आदित्य श्रीवास्तव, संदीप नाथ, पंडित रामाश्रय झा, पंडित प्रेम कुमार मलिक और शुभा मुद्गल के नाम ख़ास तौर पर शामिल हैं.

आइए इनमे से कुछ प्रमुख होनहारों और उनकी उपलब्धियों के बारे में जानते हैं : 

तिग्मांशु धूलिया: फिल्म निर्माता-निर्देशक और अभिनेता तिग्मांशु धूलिया ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से अंग्रेजी, अर्थशास्त्र और आधुनिक इतिहास में स्नातक की पढ़ाई पूरी की. 2003 में फिल्म हासिल के साथ फिल्म निर्देशन की पारी शुरू करने वाले तिग्मांशु ने “पान सिंह तोमर”, “साहेब बीबी” और “गैंगस्टर” जैसी कई शानदार फिल्में डायरेक्ट की हैं. वहीं “गैंग्स ऑफ वासेपुर” जैसी फिल्म में तिग्मांशु अपनी अभिनय क्षमता का लोहा मनवा चुके हैं. तिग्मांशु ने युनिवर्सिटी का कर्ज उतारते हुए फिल्म हासिल की शूटिंग भी अपनी पढ़ाई के कैम्पस में की है.

मनोज मुंतशिर शुक्ल: युवा दिलों की धड़कन एवं प्रसि़द्ध फिल्म गीतकार मनोज मुंतशिर भी इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र हैं. बहुमुखी प्रतिभा के धनी मनोज मुंतशिर गीतकार और कवि होने के साथ टेलीविजन सीरियल्स की स्टोरी स्क्रिप्ट और पटकथा लेखक भी हैं. “कौन बनेगा करोड़पति” के लिए पटकथा लेखन के बाद, उन्होंने फिल्मों के लिए कई सफल हिंदी गीत लिखे हैं. फिल्म केसरी के गीत तेरी मिट्टी में मिल जांवा के साथ कौन तुझे यूं प्यार करेगा, तेरी गालियां, दिल मेरी न सुने और फिर भी तुमको चाहूंगा जैसे फ़िल्मी गानों ने मनोज को खास पहचान दिलाई है. 

अभिजीत घोषाल: सिंगर एंड म्यूजिक डायरेक्टर  अभिजीत घोषाल भी इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट रहे हैं. एक बैंकर से अपने कैरियर को शुरू करने वाले अभिजीत के कुछ अलग हटकर करने के जुनून ने उन्हें म्यूजिक इंडस्ट्री में अलग पहचान दिलाई. चर्चित टीवी म्यूजिक शो “सारेगामापा” से म्यूजिक इंडस्ट्री में पहचान बनाने वाले अभिजीत का जादू युवाओं में सिर चढ़कर बोलता है. 17 भाषाओं में गाने का हुनर रखने वाले अभिजीत ने देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपनी कला की छाप छोड़ी है.

विनय पाठक: एक्टर विनय पाठक ने इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया है. उन्होंने थिएटर और फिल्म अभिनय के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाई है. विनय के नाम “भेजा फ्राई”, “खोसला का घोंसला”, “जॉनी गद्दार”, “रब ने बना दी जोड़ी”, “माई नेम इज़ खान” जैसी फिल्में शामिल हैं. कॉमिक अभिनय में विनय पाठक का अपना एक स्टाइल है. उनकी एक्टिंग का तमाम लोग लोहा मानते हैं.

आदित्य श्रीवास्तव: इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट आदित्य श्रीवास्तव ने चर्चित टीवी सीरियल “सीआईडी”  में इंस्पेक्टर अभिजीत की भूमिका से अभिनय के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई. वहीं “सत्या”, “गुलाल”, “ब्लैक”, “कालू” और “दिल से” आदि फिल्मों में भी उन्होंने अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करवाई है. उन्होंने “ब्योमकेश बख्शी”, “रिश्ते”, “नया दौर”, “ये शादी नहीं हो सकती”, “आहट” जैसे टीवी शोज में भी काम किया है. वह आज भी तमाम प्रोजेक्ट्स से जुड़े हुए हैं.

संदीप नाथ: गीतकार, कंपोजर, फिल्म राइटर, डायरेक्टर, प्रोड्यूसर संदीप ने बॉलीवुड की कई हिट फिल्मों को अपने खूबसूरत गीतों से सजाया है. 2003 में “भूत” फिल्म से करियर की शुरुआत करने वाले संदीप ने “पेज थ्री”, “सरकार”, “कॉरपोरेट”, “सांवरिया”, “सरकार राज”, “फैशन”, “जेल”, “पान सिंह तोमर”, “साहेब बीवी और गैंगस्टर”, “बुलेट राजा”, “आशिकी-2” और “सिंघम रिटर्न” में कई हिट गाने लिखे. उनका लिखा गीत ‘सुन रहा है न तू’ म्यूजिक लवर्स में काफी पसंद किया जाता है. संदीप बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं.

विकास स्वरुप: भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी और लेखक विकास स्वरुप ने इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी से मनोविज्ञान – दर्शन शास्त्र और इतिहास विषयों के साथ स्नातक की पढ़ाई की. आस्कर में धूम मचाने वाली फिल्म स्लमडॉग मिलेनियर उनके उपन्यास पर ही बनी थी. उनके दूसरे उपन्यासों पर भी फ़िल्में बन रही हैं. 

पंडित रामाश्रय झा: हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के प्रतिष्ठित संगीतकार, विद्वान और शिक्षक रामाश्रय झा 1980 से 1989 तक इलाहाबाद विश्वविद्यालय में संगीत विभाग के प्रमुख रहे. संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार विजेता झा का पांच खंडों वाला संकलन ‘अभिनव गीतांजलि’ हिंदुस्तानी संगीत के सबसे प्रभावशाली कार्यों में गिना जाता है.

पंडित प्रेम कुमार मलिक: संगीत नाटक अकादमी अवार्ड विजेता द्रुपद गायक पंडित प्रेम कुमार मलिक भी इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के एलुमनाई हैं. पेशेवर द्रुपद गायक दरबंगा घराने से आने वाले पंडित प्रेम कुमार ने द्रुपद शैली को बुलंदियों पर पहुंचाया है. संगीत के क्षेत्र में उनकी अपनी अलग और ख़ास पहचान है. 

शुभा मुद्गल: पद्मश्री से सम्मानित शुभा मुद्गल ने इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के प्रो. रामाश्रय झा के निर्देशन में संगीत की शिक्षा गृहण की. इन्होंने भारत के शास्त्रीय संगीत के साथ पापुलर म्यूजिक में भी अपनी अलग पहचान बनाई है. आज शुभा मुद्गल भारत में गायन एवं संगीत की दुनिया में नामचीन चेहरा है.

तनवीर ज़ैदी: इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने वाले तनवीर ज़ैदी ने इश्क़ समंदर, काहे गए परदेस पिया, शादी -वादी, इश्क बवंडर, सजनी, बेलगाम जैसी फिल्मों और जेल में है ज़िंदगी, अदालत, सीआईडी, बड़ी मेमसाब और मेले का सुपर स्टार जैसे टीवी सीरियल्स में काम किया है.        

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी  के पूर्व छात्रों की लंबी लिस्ट में ऐसे कई और नाम हैं, जिन्होंने फिल्म-थिएटर अभिनय, निर्देशन और संगीत के क्षेत्र में नाम कमाया है. इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र पवन शंकर ने मिस्टर भट्टी ऑन छुट्टी में अमिताभ बच्चन और अनुपम खेर के साथ काम किया था. वह यूनिवर्सिटी छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे कांग्रेस नेता श्याम कृष्ण पांडेय के बेटे हैं. यूनिवर्सिटी के एलुमनाई ध्रुव हर्ष की पहली चिल्ड्रेन फीचर फिल्म एल्हाम 21वें ढाका इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में भारत की ऑफिशियल एंट्री थी. फिल्म सिलसिला के चर्चित और सदाबहार गीत रंग बरसे लिखने वाले हरिवंश राय बच्चन इसी यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर रहे थे.