सुभाष चंद्र बोस की प्रपौत्री 20 घंटे से नजरबंद:ज्ञानवापी में पूजा के लिए वाराणसी जा रही थीं राजश्री

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(www.arya-tv.com) नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रपौत्री राजश्री चौधरी बोस रविवार दोपहर से प्रयागराज के पुलिस लाइन में नजरबंद हैं। वे हिंदू संगठनों के बुलावे पर वंदे भारत ट्रेन से वाराणसी जा रही थीं। उन्हें सोमवार को ज्ञानवापी में पूजा पाठ करना था। पुलिस ने शांति व्यवस्था बिगड़ने की आशंका जताते हुए ट्रेन से उतार लिया था। अब वे ज्ञानवापी कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाएंगी। उन्हें पुलिस लाइन में रखा गया है। शाम तक छोड़ा जाएगा।

गेस्ट हाउस के बाहर पुलिस ने सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए हैं। किसी को भी उनसे मिलने नहीं दिया जा रहा है। वाराणसी के लिए किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर हिमांगी भी निकली थीं, लेकिन वे भी लापता हैं। वे कहां हैं? इसकी जानकारी पुलिस ने नहीं दी है।

वाराणसी में हिंदू संगठनों के बुलावे पर जा रही थीं राजश्री
विश्व हिंदू सेना और शिवसेना ने ज्ञानवापी परिसर में सोमवार को पूजा-अर्चना और जलाभिषेक करने की घोषणा की है। हिंदू संगठनों ने पूजा के लिए राजश्री चौधरी बोस और हिमांगी को अतिथि के रूप में आमंत्रित किया था। राजश्री के वंदे भारत ट्रेन से वाराणसी पहुंचने की जानकारी वाराणसी पुलिस को मिली। तत्काल पुलिस ने शासन को यह सूचना दी।

शासन के निर्देश पर पुलिस ने की कार्रवाई
शासन का निर्देश मिलने के बाद प्रयागराज पुलिस ने उन्हें रविवार दोपहर 12:08 बजे प्रयागराज जंक्शन पर उतार लिया। मगर, रविवार देर रात तक पुलिस ने इसकी भनक भी किसी को नहीं लगने दी।

सूत्रों के मुताबिक, “खुफिया एजेंसियों ने राजश्री चौधरी को लेकर अलर्ट दिया था। कहा था कि ज्ञानवासी परिसर में होने वाली पूजा-अर्चना में उनके शामिल होने से कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती है।” इसी आधार पर प्रयागराज पुलिस ने उन्हें महिला पुलिसकर्मियों की मदद से वंदे भारत ट्रेन से उतार लिया।

प्रयागराज के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश पांडे ने बताया, “राजश्री चौधरी बोस को पुलिस लाइन में रखा गया है। यहां उनके खाने-पीने का पूरा इंतजाम किया गया है। राजश्री को इस बात की जानकारी दे दी गई है कि उन्हें क्यों उतारा गया है। सोमवार को कार्यक्रम खत्म होने के बाद उन्हें सुरक्षित घर भेज दिया जाएगा।”

UP के साथ ही केंद्र सरकार भी सतर्क
ज्ञानवापी में पूजा-अर्चना और जलाभिषेक करने की हिंदू संगठनों की घोषणा करने से माहौल संवेदनशील हो गया है। यही कारण है कि यूपी सरकार के साथ ही केंद्र सरकार भी कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है। दोनों ही ओर से अलर्ट जारी किया गया है। सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस को सतर्क रहने को कहा गया है। पुलिस ने इस मामले में मीडिया से भी दूरी बना रखी है।

क्या है ज्ञानवापी मस्जिद का ताजा विवाद?
ताजा विवाद ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में श्रृंगार गौरी और अन्य देवी-देवताओं की रोजाना पूजा-अर्चना को लेकर है। 18 अगस्त 2021 को 5 महिलाएं ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मां श्रृंगार गौरी, गणेश जी, हनुमान जी समेत परिसर में मौजूद अन्य देवताओं की रोजाना पूजा की इजाजत मांगते हुए हुए कोर्ट पहुंची थीं। अभी यहां साल में एक बार ही पूजा होती है।

इन पांच याचिकाकर्ताओं का नेतृत्व दिल्ली की राखी सिंह कर रही हैं, बाकी चार महिलाएं सीता साहू, मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी और रेखा पाठक बनारस की हैं।

26 अप्रैल 2022 को वाराणसी सिविल कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में श्रृंगार गौरी और अन्य देव विग्रहों के सत्यापन के लिए वीडियोग्राफी और सर्वे का आदेश दिया था।

कोर्ट के आदेश के बावजूद मुस्लिम पक्ष के भारी विरोध के बीच सर्वे का काम पूरा हुआ। मामले की कोर्ट में सुनवाई भी चल रही है। सर्वे में शिवलिंगनुमा आकृति मिली थी, जिस पर हिंदू पक्ष का दावा है कि वह शिवलिंग है। मुस्लिम पक्ष ने उसे फौव्वारा बताया है।