लोकसभा चुनाव के लिए बहुजन समाज पार्टी को मजबूत करने में जूटी मायावती, यूपी के पांच जिला अध्यक्ष बदले

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(www.arya-tv.com) लोकसभा चुनाव के लिए संगठन मजबूत करने में जुटी बहुजन समाज पार्टी में अब ओवरहॉलिंग शुरू हो गई है। बसपा प्रमुख मायावती के सख्त निर्देश को ध्यान में रखते हुए पश्चिमी यूपी के पांच जिला अध्यक्ष बदल दिए गए हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि संगठन के काम में ढिलाई बरतने वाले और भी पदाधिकारियों को हटाया जा सकता है। मायावती लोकसभा चुनाव समय से पहले करवाए जाने की आशंका जता चुकी हैं।

इसे देखते हुए उन्होंने संगठन के काम में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। बूथ स्तर तक कमिटियों के गठन का काम 31 जुलाई को पूरा करना है। उसके बाद कैडर कैंप शुरू होने हैं। मायावती कह चुकी हैं कि जो पदाधिकारी निष्क्रिय हैं, उनको हटाकर दूसरों को जिम्मेदारी दी जाए। इसी कड़ी में सभी जिलों में कमिटियों का गठन तेजी से चल रहा है। को-ऑर्डिनेटरों के जरिए इस काम की सीधी रिपोर्ट भी लगातार मायावती को भेजी जा रही है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इसी के आधार पर पार्टी में ऐक्शन भी लिया जा रहा है, ताकि समय पर कमिटियों का गठन हो सके।

ताजा फेरबदल में मुरादाबाद में सुनील आजाद को, बिजनौर में दिलीप कुमार उर्फ पिंटू, अमरोहा में सोमपाल सिंह एडवोकेट, रामपुर में सुरेंद्र सागर और मथुरा में गोवर्धन को नया जिलाध्यक्ष बनाया गया है। इस बारे में पार्टी के वरिष्ठ नेता धर्मवीर चौधरी का कहना है बूथ कमिटियों के गठन सहित संगठन मजबूत करने के निर्देश बसपा प्रमुख ने दिए हैं। इस काम को ठीक से करने के लिए ही बदलाव किए जा रहे हैं।

बीएसपी में किए जा रहे बदलावों से पहले लगातार फीडबैक लिया जा रहा है। फीडबैक में यह सामने आया कि नगर निकाय और लोकसभा चुनाव में काफी अंतर है। ऐसे में अहम पदों पर अनुभवी लोगों की जरूरत है। कई पुराने अनुभवी कार्यकर्ता किनारे हो गए थे। इस बात को लेकर उनमें से कुछ असंतुष्ट भी थे। इसी को ध्यान में रखते हुए अब अनुभवी लोगों को तवज्जो दी जा रही है। ये अपने संपर्क के आधार पर लोकसभा प्रत्याशियों का पैनल तैयार करने में ज्यादा अच्छी तरह से मदद कर सकते हैं।

मुरादाबाद में जिन्हें जिलाध्यक्ष बनाया गया है, वह मंडल को-ऑर्डिनेटर के पद पर रहे हैं। रामपुर में नए जिलाध्यक्ष पूर्व दर्जा प्राप्त मंत्री हैं। मथुरा के जिलाध्यक्ष पहले भी जिलाध्यक्ष रह चुके हैं। हालांकि पार्टी युवाओं को आगे बढ़ाने की अपनी रणनीति जारी रखेगी, लेकिन कुछ अहम पदों पर अनुभवी लोगों को जिम्मेदारी देकर बैलेंस बनाने की भी कोशिश होगी।