गाजीपुर में अंसारी परिवार से सिर्फ अफजाल नहीं एक और शख्स करेगा नामांकन, मुख्तार की भतीजी भी मैदान में

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(www.arya-tv.com) गाज़ीपुर सीट से सांसद और समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अफजाल अंसारी की उम्मीदवारी अब इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर टिकी हुई है. हाईकोर्ट में अफजाल अंसारी के मामले में सुनवाई 13 मई को है, जबकि गाजीपुर में नामांकन की आखिरी तारीख 14 मई है. 13 मई को अगर सुनवाई पूरी भी हो जाती है, तो भी उस दिन फैसला आने की उम्मीद न के बराबर है. अदालत का फैसला आने में कम से कम दो से तीन दिनों का वक्त लग सकता है. ऐसे में पूर्वांचल के चर्चित अंसारी परिवार ने अब लोकसभा चुनाव को लेकर नई रणनीति बनाई है.

तय यह किया गया है कि गाज़ीपुर सीट पर आज से शुरू हो रहे नामांकन में अफजाल अंसारी और उनकी बड़ी बेटी नुसरत अंसारी दोनों ही अपने पर्चे दाखिल करेंगे. दोनों के पर्चे नामांकन के अंतिम दिन 14 मई या उसके नजदीक ही दाखिल किए जाने की तैयारी है. गाज़ीपुर सीट पर मौजूदा सांसद अफजाल अंसारी के साथ ही उनकी बेटी नुसरत अंसारी भी समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर ही अपना नामांकन दाखिल करेगी. 17 मई को नाम वापसी के अंतिम दिन पिता या बेटी में से कोई एक अपनी उम्मीदवारी वापस ले लेगा. रणनीति के मुताबिक अगर हाईकोर्ट का फैसला 17 मई की दोपहर या उससे पहले आता है और उसमें अफजाल अंसारी को राहत मिलती है तो बेटी नुसरत अंसारी अपना नामांकन वापस ले लेगी, लेकिन अगर फैसला आने में देरी होती है या अदालत का जजमेंट अफजाल अंसारी के पक्ष में नहीं आता है तो फिर बेटी नुसरत ही चुनाव लड़ेगी और अफजाल अंसारी अपना नामांकन वापस लेंगे.

गाजीपुर की स्पेशल कोर्ट ने पिछले साल 29 अप्रैल को अफजाल अंसारी को गैंगस्टर के एक मुकदमे में दोषी करार देते हुए  चार साल की सजा सुनाई थी. इस मामले में अफजाल अंसारी को जेल भी जाना पड़ा था और उनकी लोकसभा की सदस्यता निरस्त हो गई थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट से अफजाल अंसारी को जमानत तो मिल गई थी, लेकिन उनकी सजा पर रोक नहीं लगाई गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने अफजाल अंसारी की सजा पर रोक लगा दी थी, जिसके चलते उनकी लोकसभा की सदस्यता बहाल हो गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने अफजाल अंसारी के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट को 30 जून से पहले सुनवाई पूरी कर फैसला सुनाने को कहा था.

अफजाल अंसारी की अपील पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में अंतिम सुनवाई अभी शुरू ही नहीं हो सकी है. जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच ने सुनवाई के लिए 13 मई की तारीख तय की है. इस बीच यूपी सरकार और बीजेपी के पूर्व विधायक कृष्णानंद राय के परिवार ने हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर अफजाल अंसारी की सजा को चार साल से बढ़कर दस साल किए जाने की अपील की है. 13 मई को तीनों याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई होनी है. सुनवाई के दौरान अफजाल अंसारी के साथ ही यूपी सरकार और कृष्णानंद राय के परिवार का भी पक्ष रखा जाएगा.

कानून के जानकारों के मुताबिक अफजाल अंसारी अदालत का फैसला आने से पहले नामांकन कर चुनाव तो लड़ सकते हैं, लेकिन अगर उन्हें हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली और उनकी सजा रद्द नहीं हुई तो उनके चुनाव लड़ने पर रोक लग जाएगी. इसके अलावा चुनाव जीतने की सूरत में उनकी सदस्यता रद्द हो जाएगी. यही वजह है कि अंसारी परिवार ने चुनाव को लेकर अब खास रणनीति तैयार की है. यह रणनीति इलाहाबाद हाईकोर्ट के कानूनी जानकारों की राय मशविरे के बाद तैयार की गई है.

दरअसल अफजाल अंसारी खेमे को इस बात की उम्मीद है की 13 मई को सुबह से ही होने वाली सुनवाई उसी दिन पूरी हो जाएगी. सुनवाई पूरी होने की सूरत में अफजाल अंसारी की तरफ से अदालत से 24 घंटे में ही फैसला सुनाने की गुहार लगाई जाएगी. अदालत का फैसला अगर अगले दिन नहीं आता और दो-तीन दिनों का वक्त लग जाता है तो भी न सिर्फ अफजाल की उम्मीदवारी कायम रहेगी, बल्कि अपनी बेटी नुसरत को वह विकल्प के तौर पर भी बनाए रख सकेंगे. गाज़ीपुर सीट पर नामांकन 14 मई तक होना है. 15 मई को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी और 17 मई तक नाम वापस लिए जा सकते हैं. अफजाल अंसारी नामांकन के दौरान समाजवादी पार्टी का कंडीशनल सिंबल दाखिल कर सकते हैं, जिसमें यह लिखा होगा कि अगर वह नाम वापस लेते हैं तो उनकी जगह बेटी नुसरत अंसारी को समाजवादी पार्टी का अधिकृत उम्मीदवार माना जाए. नामांकन और चुनाव की रणनीति को लेकर अंसारी परिवार का अंतिम फैसला मुख्तार अंसारी के चालीसवें की फातिहा के बाद लिया जाएगा.