कोरोना से लड़ चुके सतीश कौशिक, दीपिका चिखलिया जैसे सेलेब्स ने सुनाई आपबीती

Fashion/ Entertainment

(www.arya-tv.com)कोरोना महामारी का अभी तक कोई कारगर इलाज इजाद नहीं हुआ है। अनुभव के आधार पर कोई कुछ तो कोई कुछ और बताता है। दैनिक भास्कर ने कोरोना के बारे में जानने के लिए उन स्टार्स से बात की, जो कभी खुद कोरोना से जंग लड़ चुके हैं। इस दौरान उन्होंने बताया कि वे इस बीमारी से कैसे उबरे? इसके चलते उनकी लाइफ किस तरह से प्रभावित हुई? कोरोना से रिकवर होने के बाद दिनचर्या में क्या बदलाव लाए हैं? कोरोना निगेटिव आने के लिए क्या खास घरेलू उपाय किए? पढ़िए फिल्म और टीवी के चुनिंदा एक्टर्स की आपबीती...

ब्रेक द चैन को फॉलो करेंगे, तब जाकर हम कोरोना फ्री होंगे- सतीश कौशिक

मैं, मेरी आठ साल की बेटी वंशिका और तीन सर्वेंट, घर में कुल पांच लोग कोरोना पॉजिटिव हुए थे। लेकिन मेरी पत्नी की रिपोर्ट निगेटिव आई थी। इस दौरान घर में बहुत ज्यादा तनाव का माहौल हो गया था। यह मेरे परिवार के लिए बड़ी मुश्किल घड़ी थी। क्योंकि मुझे इस दौरान अपना और बेटी सहित सबका खयाल रखना था। लाइफ में पहली बार इतनी ज्यादा परेशानी आई।

बेटी अगले सप्ताह से ऑनलाइन क्लासेस शुरू करने वाली है। फिर भी हम लोग सोशल डिसटेंसिंग बनाए हुए हैं। हाथ सैनिटाइज कर रहे हैं। साथ में खाना खाते हैं। अभी तो सर्वेंट नहीं है। इसलिए सारा काम हम खुद ही कर रहे हैं। 13 अप्रैल को वंशिका ने मेरा बर्थडे भी मनाया। घरेलू उपाय के तहत गर्म पानी में नमक डालकर गरारे करता था। काढ़ा पीता था और स्ट्रीम लेता था। इसके अलावा घर का बना खाना खाता हूं।

एक महीने का यह वक्त बहुत टफ था। लोगों से यही कहूंगा कि सेफ रहें, अपने बच्चों का खयाल रखें। क्योंकि कोरोना की दूसरी लहर बच्चों को ज्यादा इफेक्ट कर रही है। हर एक घंटे में हाथ सैनिटाइज करने चाहिए। सबको मास्क पहनना चाहिए। ब्रेक द चैन को फॉलो करना चाहिए, तभी जाकर हम कोरोना फ्री होंगे।

यह चार-पांच चीजें बहुत जरूरी हैं, जिसे करना चाहिए- दीपिका चिखलिया टोपीवाला

कोरोना जिस किसी को हो रहा है, उन सबमें लक्षण अलग-अलग पाए जा रहे हैं। किसी को बुखार, किसी को खांसी, किसी को डायरिया तो किसी को बहुत बदन दर्द होता है। शायद जिसकी बॉडी का जो पार्ट कमजोर है, उसे इफेक्ट करता है। यह बॉडी के हिसाब से होता है। खैर, जिसको कोरोना हुआ है, वह प्रोटीन ज्यादा खाए। दूसरा, पानी और लिक्विड चीजें ज्यादा लें। मैं तीन लीटर पानी पीती थी और डेढ़ लीटर नींबू पानी, मूंग का पानी, ज्यूस और सूप लेती थी। इस तरह कम से कम चार लीटर लिक्विड बॉडी में जाना चाहिए।

तीसरा, कंप्लीट आराम। यह बहुत जरूरी है। चाहे तो योग आसन कीजिए। जैसे- चाइल्ड पोज, ब्राह्मी प्राणायाम, भस्त्रिका प्राणायाम, पर्वतासन, पवन आसन जैसे बेसिक आसन बेड पर बैठकर कीजिए, जिसमें शरीर को तकलीफ न हो। इससे रिकवरी बेहतर होती है। चौथा, गरम पदार्थ का सेवन कीजिए। कोई भी चीज गर्म खाइए। गर्म पानी, गर्म सूप, गर्म भोजन कीजिए। फ्रिज का खाना और बासी खाना मत खाइए।

मेरा मानना है कि सोशल मीडिया पर आने वाले मैसेज से दूर रहना चाहिए। मैंने खुद देखा है कि मैसेज आते हैं कि यहां पर लोग मर रहे हैं, हॉस्पिटल में जगह नहीं है, दवा नहीं मिल रही है। बात सही हो सकती है, लेकिन इससे ज्यादा डर पैदा हो रहा है। हमारे अंदर निगेटिविटी बढ़ रही है। निगेटिव सिचुएशन अवॉयड कीजिए। यह अच्छी-खासी सिचुएशन को खराब कर देती है।

मुझे पर्सनली अनुभव है कि कपूर की स्मेल लेने से ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ जाती है। गर्म पानी के गरारे और स्ट्रीम करने से भी मुझे फायदा लगा। काढ़ा, हल्दी पानी और नीबू पानी लेने से भी आराम महसूस किया। मेरे पॉजिटिव होने के बाद मेरे ससुर, मेरे हसबैंड और बेटी सबको कोरोना हो चुका है। इसलिए मुझे यह समझ में आता है कि ये चार-पांच चीजें बहुत जरूरी हैं, जो करनी चाहिए।

स्ट्रेंथ बढ़ाने के लिए नॉनवेज भी खाया: हिमानी शिवपुरी

पर्सनल एक्सपीरियंस के आधार पर बताऊं तो मुझे कोरोना तब हुआ था, जब इस बीमारी के बारे में लोग ज्यादा नहीं जानते थे। अभी भी उतना पता नहीं है। मुझे शूटिंग के समय थकान, कमजोरी और हल्का-सा बुखार आ रहा था। टेस्ट करवाया तो कोरोना पॉजिटिव निकला। खैर, एक सप्ताह के लिए हॉस्पिटल में एडमिट हो गई। उस समय हॉस्पिटल में रहना बड़ा दुखदाई था, क्योंकि अपनों से मिल नहीं सकती थी। डॉक्टर-नर्स भी दूर से बात करते थे। डर का माहौल था। घर आकर भी एक सप्ताह परिवार वालों से अलग रही। मेरा खाना भी दरवाजे पर रख दिया जाता था।