हाड़ और मेजबानी

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चुनौतियों से मुकाबले को बरकरार रहे आत्मबल

(www.arya-tv.com) पहाड़ों का सौंदर्य, बर्फ से ढकी उसकी वादी, दरख्तों व घरों पर ठहरे सफेद बर्फ के फाहों को देखकर और उसके खामोश संगीत को सुनकर मन करता है कि हम यहीं बस जायें। अगर आपको भी पहाड़ों से प्यार हो और उसकी खूबसूरती अपनी ओर खींचती हो तो हिमाचल घूमने जा सकते हैं।

प्याज के आंसू

यहां की वादियों की तरह ही यहां के लोग मेजबानी भी दिल से करते हैं। तो चलिए इस बार हम ले चलते हैं आपको तत्तापानी के एक छोटे से सफर पर, जहां कुदरत की एक नायाब मिसाल मौजूद है। कोरोना से पहले घूमने का कार्यक्रम बना था। हिमाचल की राजधानी शिमला से तकरीबन पचास किलोमीटर दूर मंडी जिले में पहाड़ों की कोख में सतलुज नदी के किनारे बसी एक छोटी-सी जगह है-तत्तापानी।

यहां गर्म जलस्रोत और जलकुंड पाये जाते हैं, इसलिए इसे तत्तापानी कहा जाता है। तत्ता का अर्थ गर्म होता है। पहाड़ों के सबसे निचले सिरे में जहां पानी बहुत ठंडा होता है, वहां कहीं-कहीं जमीन से अपने आप गर्म पानी निकलता रहता है। जहां कुदरत का कुछ नायाब तोहफा होता है तो वहां धर्म से जुड़ी मान्यताएं भी आ जुड़ती हैं। यहां भी ऐसा ही है। तकरीबन एक किलोमीटर में फैले तत्तापानी में हर साल पूर्णिमा को मेला लगता है और यहां के जलस्रोतों में नहाकर लोग कई बीमारियों से मुक्त होने की कामना रखते हैं।

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शिमला आईएसबीटी से बस या फिर कार से डेढ़-दो घंटे का सफर पूरा करके पहाड़ों की तलहटी में सर्प मार्ग बना रही सतलुज के किनारे तत्तापानी पहुंचना होता है। यहां पहाड़ों के बीच बने रिजॉर्ट की मेजबानी बहुत शानदार है। यहां के एक रिजॉर्ट के सहयोगियों ने यहां के अनेक स्थलों के बारे में बहुत अच्छे से समझाया। इसके साथ ही कई और भी बातें हुईं। कहीं भी घूमने जाने के साथ वहां के जायके का भी अपना एक महत्व होता ही है।

यहां के एक रिजॉर्ट के ऑर्गेनिक रेस्टोरेंट के हिमाचली खाने का स्वाद तो शायद ही हम भूल पायें। एक से बढ़कर एक स्वादिष्ट व्यंजन। सर्दियां आने वाली हैं, ऐसे में पहाड़ों की गर्मजोशी से भरपूर मेजबानी का लुत्फ लेना हो तो तत्तापानी आप जरूर जायें। यहां वादियों के बीच ठहरने का एक अलग ही अनुभव आप महसूस करेंगे।

वसीम अकरम