लखनऊ। वॉटरएड द्वारा विश्व जल दिवस 2025 के उपलक्ष्य में समापन कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें बृजराज सिंह यादव कार्यकारी निदेशक राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन, संजय सिंह वित्त नियंत्रक, राधाकृष्णन मीडिया प्रमुख के साथ डॉ.स्मृति सिंह राज्य कार्यक्रम निदेशक वॉटर एड ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। जिसमें सरकारी अधिकारियों, विशेषज्ञों और अन्य जिलों के सामुदायिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस वर्ष की थीम हिमनद संरक्षण पर केंद्रित रही, जिसका उद्देश्य मीठे जल स्रोतों को जलवायु परिवर्तन और मानव हस्तक्षेप से बचाना है।
कार्यक्रम में राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन के कार्यकारी निदेशक बृजराज सिंह यादव ने वॉटरएड के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि जल संरक्षण और स्वच्छ पेयजल के प्रति जागरूकता फैलाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में जल की उपलब्धता असमान है। उन्होंने कहा कि जब तक कोई संसाधन दुर्लभ नहीं हो जाता, तब तक उसकी महत्ता का एहसास नहीं होता—और पानी के साथ भी यही हो रहा है। उन्होंने जल उपयोग के आँकड़ों को साझा करते हुए बताया कि 70 प्रतिशत जल कृषि में उपयोग होता है इसके साथ ही 22-23 प्रतिशत पेयजल के रूप में इस्तेमाल किया जाता है,बाकी का हिस्सा औद्योगिक गतिविधियों में जाता है। उन्होंने सतत जल प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए घरेलू जल उपयोग में सावधानी बरतने, ड्रिप सिंचाई और स्प्रिंकलर प्रणाली को अपनाने पर जोर दिया, जिससे सिंचाई में जल की खपत 70 प्रतिशत तक कम की जा सकती है।
इसके साथ ही कार्यक्रम में राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन के वित्त नियंत्रक संजय सिंह ने जल जीवन मिशन के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह मिशन भारत में स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा संयुक्त रूप से 50 प्रतिशत-50 प्रतिशत वित्त पोषित है।
उन्होंने कहा कि विश्व जल दिवस 1993 से हर साल मनाया जा रहा है, और प्रत्येक वर्ष की थीम जल संबंधी किसी महत्वपूर्ण मुद्दे पर केंद्रित होती है। इस वर्ष की थीम हिमनद संरक्षण जल संसाधनों को जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों से बचाने की आवश्यकता को दर्शाती है।
एसडब्ल्यूएम के मीडिया प्रमुख श्री राधाकृष्णन ने कहा कि हमें जल संरक्षण के प्रति संकल्प लेने के साथ-साथ अपने प्रयासों को सोशल मीडिया और सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से प्रचारित करने की भी आवश्यकता है, ताकि लोग प्रेरित होकर इस अभियान से जुड़ें।
इसी के साथ वॉटर एड की राज्य कार्यक्रम निदेशक डॉ.स्मृति सिंह ने सभी उपस्थित समूहों का धन्यवाद दिया और जल संरक्षण के लिए समाज को जागरूक रहने की सलाह दी। कार्यक्रम में लखनऊ सहित कई जिलों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।