(www.arya-tv.com)कोरोना होने पर अगर आप अपना इलाज किसी प्राइवेट हॉस्पिटल में कराते हैं तो ये आपकी जेब खाली कर सकता है। वहीं कई लोगों को अब इसके इलाज का खर्च देखते हुए अपना ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस या फ्लोटर प्लान कवर कम लगने लगा है। अगर आप एक ही ग्रुप इंश्योरेंस में सभी लोगों को कवर करते हैं तो हो सकता है कि किसी एक व्यक्ति के बीमार पड़ने पर पहली बार में ही इतना पैसा लग जाए कि उसी पॉलिसी ईयर में दूसरा क्लेम करने पर इंश्योरेंस की राशि कम पड़ जाए।
ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल है कि इस स्थिति में अपने माता-पिता को क्या अलग व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस कवर देना सही रहेगा। हम आपको बता रहे हैं कि ऐसे में आप क्या कदम उठा सकते हैं।
इंश्योरेंस प्लान को अपग्रेड करना रहेगा सही
यदि आप अपने परिवार के लिए ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस या फ्लोटर प्लान ले रखा है तो आप अपने माता पिता के लिए कवर की राशि बढ़वा सकते हैं। ऐसा करना आपके लिए ज्यादा फायदेमंद रहेगा क्योंकि इसमें कोई वेटिंग पीरियड नहीं होता है। इसलिए, कवरेज तुरंत प्रभावी होगा। आप अपनी कंपनी से बात करके प्लान अपग्रेड करा सकते हैं। वहीं फ्लोटर प्लान को आप उस कंपनी को बोलकर अपडेट करा सकते हैं जहां से आपने प्लान ले रखा है।
‘सुपर टॉप-अप’ भी है अच्छा विकल्प
पर्सनल फाइनेंस एक्सपर्ट और ऑप्टिमा मनी मैनेजर्स के संस्थापक व सीईओ पंकज मठपाल कहते हैं कि अगर आपके बीमा कवर की रकम पर्याप्त नहीं है, तो ऐसे में वो अपने कवर को ‘सुपर टॉप-अप’ से अपग्रेड भी कर सकते हैं। एक्सपर्ट के अनुसार ऐसे में ‘सुपर टॉप-अप’ कवर लेना सही रहेगा ये कम खर्च में आपको ज्यादा कवर देगा। सुपर टॉप-अप हेल्थ प्लान उन लोगों के लिए अतिरिक्त कवर होता है जिनके पास पहले से ही हेल्थ पॉलिसी है। यह काफी कम कीमत में मिल जाता है। चूंकि कम कीमत में इससे अतिरिक्त कवर मिल जाता है, इसीलिए जिस व्यक्ति के पास पहले से इंश्योरेंस कवर है उसके लिए ये सही विकल्प है।
कोरोना के लिए ले सकते हैं अलग प्लान
ICICI लोम्बार्ड में अंडरराइटिंग, क्लेम एंड रि-इंश्योरेंस के चीफ संजय दत्ता के अनुसार अगर आप कोरोना महामारी के लिए अलग से प्लान लेना चाहते हैं तो ‘कोरोना कवच’ प्लान ले सकते हैं। इसे कोरोना काल में लोगों की स्वास्थ्य समस्याओं को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इसमें कोरोना संक्रमित पाए जाने पर अस्पताल में भर्ती, भर्ती होने से पहले और बाद और घर में देखभाल सहित इलाज से जुड़े अन्य खर्चे कवर होंगे।
कोरोना कवच पॉलिसी के लिए इंश्योरेंस की राशि न्यूनतम 50 हजार रुपए और अधिकतम 5 लाख रुपए है। इंश्योरेंस की अवधि कम से कम 3.5 महीने, 6.5 महीने और 9.5 महीने हो सकता है। इसमें मूल कवर का प्रीमियम 500 से 5,500 रुपए (जीएसटी शामिल नहीं) रहेगा।
अगर आप माता-पिता के लिए पहली बार इंश्योरेंस ले रहे हैं तो क्या करें?
अगर आपके माता-पिता के लिए पास अभी तक कोई इंश्योरेंस कवर नहीं है और अगर आपके माता-पिता को पहले से कुछ बीमारियां है तो उनकी जरूरतें आपके ग्रुप बीमा प्लान से अलग होंगी। ऐसे में उनके लिए अलग बीमा पॉलिसी खरीदना सही रहेगा।
सभी हेल्थ इंश्योरेंस प्लान पहले से मौजूद बीमारियों को कवर करते हैं। लेकिन, इन्हें 36 महीने बाद कवर किया जाता है। हालांकि, पॉलिसी खरीदते वक्त ही पहले से मौजूद बीमारियों के बारे में बताना महत्वपूर्ण होता है। इससे क्लेम सेटलमेंट में दिक्कत नहीं आती है। इसके अलावा कवर की राशि भी उनकी स्वास्थ्य जरूरतों को देखते हुए पर्याप्त होना चाहिए।
इंश्योरेंस खरीदने में न करें देर
संजय दत्ता कहते हैं कि इसके अलावा एक बात का ध्यान और रखें की ज्यादातर कंपनियां 65 साल से ज्यादा के उम्र के लोगों को हेल्थ कवर नहीं देती हैं। इसीलिए अगर आपके माता-पिता की उम्र 65 साल से कम है तो जितनी जल्दी हो सके उनके लिए इंश्योरेंस कवर ले लें। हालांकि अगर आपने 65 साल से पहले उनके लिए इंश्योरेंस ले लेते हैं तो उसे 65 साल की उम्र के बाद भी जारी रख सकते है।