गोशाला में मरी 8 गाएं, कुत्ते और कौए नोंचते रहे:दयनीयता देख गोसेवकों के छलक पड़े आंसू

# ## Agra Zone

(www.arya-tv.com)आगरा में गायों की दयनीयता देखकर किसान और गोसेवकों के आंसू छलक पड़े। रोहता के गोपालक विश्राम गृह में सूखे चारे और गंदा पानी से 8 गाएं मर गईं। 3 गायों को दफन कर दिया, जबकि 5 मृत गायों को कुत्ते और कौए नौच रहे थे। यह दृश्य देखकर किसानों हंगामा किया। बरोली अहीर के गांव रोहता में गोपालक विश्राम गृह संचालित हो रहा है। यहां 150 से अधिक गायें हैं। विश्राम गृह में गायों का हाल देखने के लिए स्थानीय किसान नेता श्याम सिंह चाहर समेत अन्य गोसेवक पहुंचे तो चौकीदार ने गेट नहीं खोला। चौकीदार ने किसानों से कहा कि बीडीओ और रोहता ग्राम पंचायत के सचिव ने किसी भी व्यक्ति को अंदर प्रवेश देने के लिए मना किया हुआ है। इस पर किसान नेता ने एसडीएम सदर का फोन मिलाया तो रिसीव नहीं हुआ। इसके बाद एडीएम अजय कुमार को फोन पर सारी बात बताई। काफी हंगामे के बाद चौकीदार ने गेट खोला। विश्रामगृह में अंदर जाकर देखा तो 5 गायें मृत पड़ी हुई थीं। जबकि 3 गायें दफन की जा चुकी थीं। गोशाला के अंदर गायें गंदगी में बैठी थीं। कई अन्य गायों की हालत नाजुक थी। मृत गायों को कुत्ते और कौए नौच रहे थे।

‘आगरा में रोजाना मर रहीं 100 से अधिक गायें’
किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने कहा है कि आगरा में रोजाना 100 से अधिक गायें मर रही हैं। उनके पास 60 गोशालाओं का रिकॉर्ड है। गायों की देखरेख में लापरवाही के चलते इन गोशालाओं में हर रोज औसतन 2 गायें मर रही हैं। भूसा को गोबर और मिट्टी पर ही पटक दिया जाता है। टंकियों में गंदा पानी भरा रहता है, उसकी सफाई नहीं होती है। उसे गायों को पिलाते रहते हैं। उन्होंने कहा है कि मामले वह किसानों के साथ प्रशासन के उच्चाधिकारियों से मिलेंगे और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के यहां भी शिकायत करेंगे। गोशालाओं में मर रही गायों की जांच के लिए कमेटी बनाए जाने की मांग करेंगे ताकि दोषियों पर कार्रवाई हो सके।

शासन से मिल रही धनराशि का बंदरबांट
किसान बनवारीलाल, गोसेवक सौरभ गुप्ता आदि का कहना है कि आगरा में कई गोशालाओं में गायों की मौत के बाद ढर्रा नहीं सुधरा है। पिछले वर्ष खेरागढ़ में चीत स्थित गोशाला में 22 गायें एक साथ मरीं थीं। वहीं सिकदरा, डोकी में कौलरा कला, नुनिहाई, सिकंदरा आदि स्थानों पर गायों के मरने के बाद गोसेवकों ने हंगामा किया था। नगर निगम द्वारा संचालिक गोशालाओं में भी आए दिन इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। गायों के लिए शासन से मिलने वाली धनराशि का बंदरबांट होने से गायों की यह दुर्दशा है। दोषियों पर कार्रवाई नहीं हो रही है।