कांग्रेस अध्यक्ष खरगे बाद बेटे प्रियांक ने की पीएम मोदी पर आपत्तिजनक  टिप्पणी, कहा- अगर ऐसा नालायक बेटा होगा तो देश कैसे चलेगा

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(www.arya-tv.com) कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बाद उनके बेटे प्रियांक खरगे ने भी पीएम मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी है। प्रियांक खरगे ने अपने बयान में पीएम मोदी को लेकर कहा कि अगर ऐसा नालायक बेटा होगा तो देश कैसे चलेगा। इससे पहले मल्लिकार्जुन खरगे ने भी पीएम मोदी पर आपत्तिजनक  टिप्पणी की थी, जिस पर खूब हंगामा जारी है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे और पूर्व मंत्री प्रियांक खरगे ने कहा कि ‘मालखेड़ा आने पर मोदी ने बंजारा समुदाय से क्या कहा? मोदी ने कहा कि बंजारा समाज का बेटा दिल्ली में है लेकिन ऐसा बेटा होगा तो कैसे चलेगा? देश ही नहीं चलाते। प्रियांक खरगे ने कहा कि घर में नालायक पुत्र होने पर भी घर सुचारू रूप से नहीं चलता है।’

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई ने कहा है कि प्रधानमंत्री कभी नहीं रोए हैं। उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस है जो बीते नौ सालों से रो रही है। दरअसल सोशल मीडिया पर CryPMPayCM नाम से एक कैंपेन चल रहा है। यह कैंपेन कांग्रेस द्वारा चलाया जा रहा है और इसमें पीएम मोदी और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई पर निशाना साधा गया है।

जब इसे लेकर बासवराज बोम्मई से मीडिया ने सवाल किए तो उन्होंने कहा कि ‘प्रधानमंत्री कभी नहीं रोए हैं, यह कांग्रेस है जो बीते नौ सालों से रो रही है और वह इतना रो चुकी है कि उसकी आंखों से अब आंसू भी सूख चुके हैं और लोगों को भी अब उससे सहानुभूति नहीं है।’

बता दें कि कर्नाटक की भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। कांग्रेस चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा सरकार के कथित भ्रष्टाचार को बड़ा मुद्दा बना रही है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री बोम्मई भी विपक्ष के निशाने पर हैं। बीते दिनों कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने जनसभा के दौरान पीएम मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी।

इस पर पीएम मोदी ने शनिवार को बीदर की चुनावी रैली में कहा कि अब तक कांग्रेस ने उन्हें 91 बार गालियां दी हैं। पीएम ने कहा कि गालियां देने में समय खराब करने के बजाय अगर कांग्रेस ने इतनी मेहनत गुड गवर्नेंस में की होती तो उनकी स्थिति दयनीय नहीं होती।

पीएम मोदी ने कांग्रेस और जेडीएस को परिवारवादी पार्टियां बताते हुए कहा कि कर्नाटक कांग्रेस के नेता 24 घंटे दिल्ली में बैठे एक परिवार की परिक्रमा करते हैं। उन्हें हर फैसले के लिए दिल्ली वाले परिवार से ग्रीन सिग्नल लेना पड़ता है। वहीं जेडीएस का पूरा समय अपने परिवार के कल्याण में ही खत्म होता है।