- कट्टरपंथियों को खुश करने के लिए ही ‘सपा’ ने चलवाई राम भक्तों पर गोलियां : अखिलेश यादव के आरोप पर डॉ. राजेश्वर सिंह का जबाब
- एक वर्ग को खुश करने के लिए सपा ने वापस लिए थे आतंकियों के मुकदमें, भाजपा को सलाह न दें सपा प्रमुख – डॉ . राजेश्वर सिंह
- विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को 1-2 सीटों पर सिमटने का डर, तभी सपा प्रमुख भाजपा को दे रहे नसीहत – डॉ. राजेश्वर सिंह
लखनऊ। सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने सोमवार को ट्वीट कर सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर तीखा हमला बोला। भाजपा विधायक ने समाजवादी पार्टी अध्यक्ष द्वारा भाजपा के विरुद्ध किये गए ट्वीट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए लिखा, “लाखों यत्न करके भी आप, लोगों को महाकुम्भ आने से रोक नहीं पाए। 66 करोड़ लोगों के अमृत स्नान करने से आप हतप्रभ है, आप समझ नहीं पा रहें है की अब हिंदुओं को कैसे तोड़ें!”
अखिलेश यादव द्वारा भाजपा पर नकारात्मक राजनीति करने के आरोप पर जबाब देते हुए सरोजनीनगर विधायक ने लिखा, “भाजपा कोई जातीय गठजोड़ नहीं, बल्कि ‘सबका साथ, सबका विकास’ की राजनीति करती है! भाजपा की विचारधारा पर देश की जनता ने लगातार 3 लोकसभा चुनाव, उप्र में लगातार 2 विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनावों में प्रचंड विश्वास जताया है, जबकि सपा सिर्फ विभाजन और तुष्टीकरण की राजनीति करती रह गई।”
समाजवादी पार्टी पर हमला बोलते हुए भाजपा विधायक ने आगे लिखा, “कश्मीरी पंडितों के समर्थन में आपने कभी आवाज नहीं उठाई, आपको बांग्लादेशी हिंदुओं के विरुद्ध अमानवीयता भी नजर नहीं आती है। आज आप किस उद्देश्य से एंग्लो इंडियन समुदाय की चिंता कर रहे हैं, आप सामाजिक दूरियों की बातें कर रहे हैं? डॉ. सिंह ने अखिलेश यादव के आरोपों का बिन्दुवार जबाब देते हुए आगे लिखा, “मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में नोट बंदी से काले धन, माफिया, नक्सलवाद की कमर टूटी, जिससे देश सुरक्षित हुआ। GST ने ‘One Nation, One Tax’ की अवधारणा को साकार कर व्यापार को पारदर्शी बनाया। किसान सम्मान निधि, फसल बीमा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड जैसी योजनाओं से किसानों को मजबूती मिली, जबकि सपा राज में बिचौलियों का बोलबाला था, खाद की जगह किसानों को पुलिस की लाठी मिलती थी, आप भूल गए लेकिन जनता नहीं भूली है।”
वक्फ अधिनियम, 1995 को भारत में तुष्टिकरण की राजनीति का काला अध्याय बताते हुए डॉ. सिंह ने आरोप लगाया,”वक्फ बोर्ड के नाम पर भू माफियाओं को सपा का संरक्षण मिला” विधायक ने आगे जोड़ा मोदी सरकार व्यापक राष्ट्र हित में इसे रोकने के लिए प्रतिबद्ध है। अखिलेश यादव द्वारा कट्टर समर्थकों को खुश करने के आरोप पर विधायक ने तीखा हमला करते हुए लिखा, “सपा का इतिहास कट्टर समर्थकों (कट्टरपंथियों) को खुश करने का रहा है, रामभक्तों पर गोलियां चलवाना, माफियाओं को संरक्षण देना, दंगाइयों को प्रोत्साहित करना, आतंकियों के मुकदमें वापस लेना यही सपा की पहचान है। सपा प्रमुख जी, उत्तर प्रदेश से आपकी राजनीति उसी दिन ख़त्म हो गई थी, जिस दिन आपने नेता विपक्ष का पद त्याग कर दिल्ली की ओर रुख कर लिया था।
विधायक ने अपनी बात समाप्त करते हुए लिखा असल में, सपा प्रमुख की चिंता भाजपा नहीं, बल्कि आगामी विधानसभा चुनाव में स्वयं के 2-4 सीटों तक सिमटने का डर है। लेकिन जनता सब जानती है, तुष्टीकरण और विभाजन की राजनीति अब नहीं चलेगी।