सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने किया फ्री लीगल ऐड विषय पर कार्यशाला का शुभारम्भ

Lucknow
  • भारत में केवल 10 लाख लोगों तक फ्री लीगल ऐड की पहुँच चिंताजनक है –  डॉ. राजेश्वर सिंह
  • निःशुल्क कानूनी परामर्श के क्षेत्र में विधि विश्वविद्यालय निभाएं अग्रणी भूमिका – डॉ. राजेश्वर सिंह

लखनऊ। भारत में विधि परामर्श और विधिक सहायता के लिए भुगतान वहन कर पाने में अक्षम नागरिकों के लिए विधि संस्थानों को आगे आना चाहिए, क्योंकि सभी नागरिकों के लिए न्याय और समानता का अधिकार मौलिक अधिकार है। ये विचार व्यक्त किये हैं सरोजनी नगर से भाजपा विधायक एवं सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता डॉ. राजेश्वर सिंह ने। मौका था शनिवार को डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में प्रो. बोनो क्लब द्वारा आयोजित ‘समुदायों को सशक्त बनाना: निःशुल्क कानूनी सहायता के प्रभावी वितरण के लिए रणनीतियाँ’ विषय पर आयोजित कार्यशाला के शुभारम्भ का।

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे डॉ. राजेश्वर सिंह ने ज्ञानवर्धक कार्यशाला के शुभारम्भ को सौभाग्य की बात बताते हुए कहा कि साथ मिलकर, हमने प्रत्येक व्यक्ति के आंतरिक मूल्य और गरिमा को पहचानते हुए, मुफ्त कानूनी सहायता के माध्यम से न्याय तक पहुंच को मजबूत करने की रणनीतियों का पता लगाया। एक वकील के रूप में, मैं उन सुधारों का समर्थन करने के लिए गहराई से प्रतिबद्ध हूं जो यह सुनिश्चित करते हैं कि न्याय एक विशेषाधिकार नहीं बल्कि एक सार्वभौमिक अधिकार है।
 
डॉ. सिंह ने कहा कि दुनिया के अलग अलग देशों में वकीलों के लिए प्रतिवर्ष कुछ घंटे, प्रो बोनो या निशुल्क कानूनी सहायता अनिवार्य की गयी है, दक्षिण कोरिया में सभी वकीलों के लिए प्रतिवर्ष न्यूनतम 30 घंटे निशुल्क कार्य करना अनिवार्य है, जबकि अमेरिकी बार एसोसिएशन प्रतिवर्ष न्यूनतम 50 घंटे निशुल्क सेवा की सिफारिश करती है।

डॉ. राजेश्वर सिंह ने राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में ज्ञानवर्धक कार्यशाला के शुभारम्भ को सौभाग्य की बात बताते हुए कहा कि साथ मिलकर, हमने प्रत्येक व्यक्ति के आंतरिक मूल्य और गरिमा को पहचानते हुए, मुफ्त कानूनी सहायता के माध्यम से न्याय तक पहुंच को मजबूत करने की रणनीतियों का पता लगाया। एक वकील के रूप में, मैं उन सुधारों का समर्थन करने के लिए गहराई से प्रतिबद्ध हूं जो यह सुनिश्चित करते हैं कि न्याय एक विशेषाधिकार नहीं बल्कि एक सार्वभौमिक अधिकार है।

डॉ. राजेश्वर सिंह ने न्याय के मुद्दे को आगे बढ़ाने में उनके अथक प्रयासों के लिए प्रो बोनो क्लब, विश्वविद्यालय के वीसी प्रोफेसर अमर पाल सिंह, प्रोफेसर दीपक कुमार चौहान, प्रोफेसर मनीष सिंह, डॉ. विकास भाटी, श्री अमित खरे, डॉ. अमन दीप सिंह और समस्त विश्वविद्यालय परिवार की सराहना की।