राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन रूस की नेवी डे परेड में हुए शामिल, परमाणु पनडुब्बियों और युद्धपोतों का लिया जायजा

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(www.arya-tv.com) रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन रविवार को देश की नेवी डे परेड में शामिल हुए। इस मौके पर पुतिन ने परमाणु पनडुब्बियों और युद्धपोतों का जायजा लिया। नेवी डे का आयोजन पुतिन के होम टाउन सेंट पीटर्सबर्ग में हुआ। इस दौरान 45 जंगी जहाजों और पनडुब्बियों ने नेवा नदी में प्रदर्शन किया।

जानकारी के मुताबिक नेवी डे पर नौसेना के 3000 सदस्यों ने मार्च भी निकाला। वहीं, इस मौके पर पुतिन ने रूसी नौसेना के लिए 30 जंगी जहाजों की घोषणा की। उन्होंने कहा इससे नौसेना की ताकत में इजाफा होगा और देश की सुरक्षा मजबूत होगी। इस दौरान रूस के डिफेंस मिनिस्टर सर्गेई शोइगू, नेवी के कमांडर एडमिरल निकोलाई येवमेनोव भी मौजूद रहे।

आमतौर पर रूस में किसी भी बड़े आयोजन पर पुतिन यूक्रेन जंग के बारे में जरूर कुछ न कुछ कहते हैं। हालांकि, रविवार को हुई नेवी डे परेड में उन्होंने जंग के बारे में एक शब्द भी नहीं कहा।

पुतिन ने सिर्फ यह कहा- आज रूस आत्मविश्वास के साथ बड़े स्तर पर अपनी नौसेना की पॉलिसी को लागू कर रहा है। साथ ही अपनी ताकत को और बढ़ा रहा है। रूस की नेवी डे परेड में 4 अफ्रीकी देशों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।

एक रिपोर्ट के मुताबिक नेवी डे परेड में नौसेना की ब्लैक सी फ्लीट खासतौर पर शामिल हुई। दरअसल, 23 जुलाई को रूस ब्लैक सी ग्रेन डील से बाहर हो गया है। इससे ब्लैक सी एक बार फिर रूस-यूक्रेन के बीच संघर्ष का पॉइंट बन चुका है। पुतिन ने अफ्रीकी देशों के नेताओं से मुलाकात के दौरान कहा है कि वो फिर से इस डील का हिस्सा नहीं बनेंगे।

ग्रेन डील दोनों देशों के बीच पिछले साल जंग शुरू होने के बाद हुई थी। इसके तहत दोनों देशों ने यह तय किया था कि वो ब्लैक सी से गुजरने वाले एक-दूसरे के उन जहाजों पर हमले नहीं करेंगे, जिनमें फूड आइटम खासतौर पर अनाज होगा।

रूस के इस डील से बाहर निकलने के कारण अफ्रीकी देशों में अनाज का संकट मंडरा रहा है। इसके तहत पुतिन ने अफ्रीकी देश के नेताओं से मुलाकात की है। पुतिन ने अफ्रीकी देशों के नेताओं को भरोसा दिलाया है कि वो तीन से चार महीनों में करीब 50 हजार टन गेहूं 6 अफ्रीकी देशों को देंगे। इसके लिए रूस पेमेंट नहीं लेगा। इसके पहले यूएन 2 लाख 75 हजार टन गेहूं सप्लाई पर समझौता कर चुका है। यह वर्ल्ड फूड प्रोग्राम का ही हिस्सा है।

पुतिन ने साफ किया कि यह युद्ध तब तक नहीं रुकेगा जब तक यूक्रेन की सेना उन पर हमले करना जारी रखेगी। अफ्रीकी नेताओं से मुलाकात के दौरान पुतिन ने कहा- अगर यूक्रेन हम पर हमला करेगा तो हमें जवाबी कार्रवाई करनी पड़ेगी। कुछ लोग चाहते हैं कि शांति वार्ता की बात हो। हमने इससे इनकार नहीं किया है। मैंने पहले भी कहा है कि हम शांति वार्ता से इनकार नहीं करते।

पुतिन ने कहा- यूक्रेनी सेना आक्रामक है, वो हम पर हमले कर रही है। वे बड़े स्तर पर आक्रामक रणनीतिक अभियान चला रहे हैं। हम शांति वार्ता के प्रस्ताव को बिल्कुल नहीं नकार रहे, लेकिन कोई भी प्रक्रिया शुरू होने के लिए दोनों पक्षों के बीच एक आम सहमति बनना सबसे अहम है।