(www.arya-tv.com) भारत और पाकिस्तान दोनों ही साल 1947 में आजाद हुए और दोनों देशों में अब भी कई ऐसे ब्रिटिश समय के कानून हैं जो बने हुए हैं। भारत में अब जहां न्यायपालिका में लगातार आधुनिकरण पर जोर दिया गया है, वहीं पाकिस्तान अभी भी इससे अछूता था।
अब पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट में काजी फैज ईसा नए चीफ जस्टिस बने हैं और आते ही उन्होंने इतिहास रच दिया है। भारत के सुप्रीम कोर्ट की तर्ज पर पाकिस्तान में आजादी के बाद पहली बार सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई का सरकारी टीवी चैनल पर लाइव प्रसारण किया गया। अब तक पाकिस्तान में जजों की तस्वीर तक लेना गुनाह था।
जस्टिस काजी फैज ईसा के पद संभालते ही सोमवार को पहली बार पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट में बड़ा बदलाव देखने को मिला। सुप्रीम कोर्ट ने जजों की बेंच बनाने की प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई की। इस सुनवाई से पहले चीफ जस्टिस काजी फैज ईसा ने पहले दिन सुनवाई से पहले कोर्ट की बैठक बुलाई।
इससे पहले उन्होंने रविवार को पदभार संभाला था। वह अगले 13 महीने तक पाकिस्तान के चीफ जस्टिस रहेंगे। इस दौरान पाकिस्तान में अगले आम चुनाव होने हैं और इसी वजह से उनकी भूमिका काफी बढ़ गई है।
भारत से प्रभावित है पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट का फैसला
जस्टिस काजी फैज ईसा वही न्यायाधीश हैं जिनका पूर्व आर्मी चीफ जनरल बाजवा, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और आईएसआई के पूर्व चीफ जनरल फैज ने कड़ा विरोध किया था। यही नहीं इन तीनों ने मिलकर जस्टिस काजी फैज का उत्पीड़न भी किया था। जस्टिस काजी फैज की पत्नी को सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप की गुहार लगानी पड़ी थी।
अब इन तीनों के हटने के बाद जस्टिस काजी फैज ईसा पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बन गए हैं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए इसकी कार्यवाही के लाइव प्रसारण की व्यवस्था की।
पाकिस्तान से पहले साल 2022 में भारत में भी सुप्रीम कोर्ट के सुनवाई का पहली बार लाइव प्रसारण शुरू किया गया था। भारत में इसको लेकर करीब 4 साल तक बहस चली थी और फिर लाइव प्रसारण को मंजूरी दी गई।
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक भारत में जो बहस लाइव प्रसारण को लेकर चली, उसका असर पाकिस्तान में भी पड़ा। इसकी वजह यह है कि दोनों देशों के ब्रिटिशकालीन कानून लगभग एक जैसे हैं। अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट में केवल ऑडियो के लाइव प्रसारण की सुविधा है।