BBAU में ग्रह बनाम प्लास्टिक विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया

Lucknow
  • बीबीएयू में ग्रह बनाम प्लास्टिक विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया

(www.arya-tv.com)बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ में एन.सी.सी.इकाई ( 20 यू.पी.गर्ल्स बटालियन व 67 यू.पी.बटालियन NCC) एवं विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजय सिंह, कर्नल रत्नाकर त्रिवेदी कमांडिंग अधिकारी 20 यू. पी. गर्ल्स बटालियन, कर्नल पुनीत श्रीवास्तव कमांडिंग अधिकारी 67 यू. पी. बटालियन, एनसीसी के दिशा निर्देशन में विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर ग्रह बनाम प्लास्टिक विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। एसोसिएट एनसीसी अधिकारी,कैप्ट. डॉ. राज श्री ने सभी अतिथिओ का स्वागत करते हुए, सेमिनार का विषय परिचय देते हुए भारत में प्लास्टिक उपयोग के बारे में लोगो को जागरूक किया। सभी अतिथिओं ने बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए कार्यक्रम की शुरुआत किया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में प्रो. राम चंद्रा, डायरेक्टर आई.क्यू.ए.सी. मौजूद रहे। उन्होंने बताया की प्लास्टिक के उपयोग से हम सभी के जीवन पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है। इस साल की थीम का मकसद लोगों को प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने के लिए प्रेरित करना और प्लास्टिक का इस्तेमाल कम से कम करने के लिए प्रोत्साहित किया।

विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रो. प्रीती मिश्रा, डीन एसएलएस ने बताया की प्लास्टिक के उपयोग से हमारा जीवन बहुत प्रभावित हुआ है उन्होंने बताया की हमेशा कचरे को अलग अलग करके ही रखना चाहिए और हमें पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वाहन भी करना चाहिए इसी क्रम में प्रो. शशि कुमार ने बताया की हमे अपने दिनचर्या में कम से कम प्लास्टिक का उपयोग करे उसके स्थान पर कपड़ो से बने बैग का उपयोग करना चाहिए।

डॉ. बबिता पाण्डेय ने प्लास्टिक से होने वाली हानिया व इसके कु प्रभाव के बारे में बताया तथा कार्यक्रम के आयोजक ले. डॉ मनोज कुमार डडवाल ने सभी अतिथिओ को धन्यवाद ज्ञापित किया तथा विश्वविद्यालय के छात्र अभिषेक, डॉ . क्षितीज, आशुतोष त्रिपाठी एन सी सी कैडेटस शुभम सिंह, अंकिता मिरी, आर्यन शर्मा, शिवांगी सिंह, नव्या ने भी अपने अपने विचार प्रस्तुत किए। इसी क्रम में स्वच्छता पखवाड़ा का भी आयोजन किया गया जिसमें जागरूकता अभियान/ रैली का आयोजन किया गया जिसमे एनसीसी कैडेट्स के अलावा बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय के छात्र/छात्रांए मौजूद रहे।