(www.arya-tv.com)आपने अक्सर लोगों को किचन गार्डन के फायदे बताते सुना होगा। हालांकि इसे बनाने का असली उद्देश्य आर्थिक लाभ न होकर अपने परिवार को सेहत और पोषण देना है। आमतौर पर लोग अपने घर के आंगन में टमाटर, धनिया, मिर्ची जैसी सब्जियां उगाते हैं। अलग-अलग मौसम के हिसाब से अलग-अलग सब्जियां उगाना कई लोगों का शौक होता है। घरेलू महिलाएं खाली वक्त में एक हॉबी की तरह किचन गार्डन बना सकती हैं।
वैसे तो किचन गार्डन के कई फायदे हैं। जैसे- खाली भूमि का सही इस्तेमाल, साल भर ताजी सब्जियों की उपलब्धता, बाजार की तुलना में उत्तम गुणवत्ता वाली सब्जियां, पोषण की बढ़त आदि, लेकिन इसके कई आध्यात्मिक लाभ भी हैं जिन्हें अक्सर नजरअंदाज किया जाता है। पौधे रोपना, निराई, सिंचाई और बागवानी का हर स्तर हमें खुशी और समय के सही इस्तेमाल का तरीका सिखाता है। गार्डनिंग या बागवानी हमारी मानसिक सेहत के लिए भी बेहद जरूरी है। ये मेडिटेशन का ही एक प्रकार है।
किचन गार्डन के आध्यात्मिक फायदे
- प्रकृति का स्पर्श
- संतुष्टि का एहसास
- सेहत पर सकारात्मक प्रभाव
- शारीरिक और मानसिक लाभ
- धैर्य, शांति और सुंदरता का एहसास
ऐसे लगाएं किचन गार्डन
- घर के आंगन या पिछवाड़े में खुली जमीन में ही किचन गार्डन बनाएं। इसके लिए दोमट मिट्टी जिसमें जीवांशों की अच्छी मात्रा हो, उपयुक्त रहती है।
- जमीन पर मिट्टी को रोपण के लिए कल्टीवेटर मशीन से तैयार कर लें।
- बाजार में कई तरह की खाद जैसे कार्बनिक, केमिकल, ऑर्गेनिक खाद उपलब्ध हैं। इनमें से ऑर्गेनिक खाद का इस्तेमाल करें।
- आप जो सब्जी उगाना चाहती हैं, उसके बीजों की बुवाई करें। मूली, शलजम, मैथी, पालक, खीरा, करेला, लौकी, भिंडी आदि सब्जियों के बीज मिट्टी में सीधे ही बोये जाते हैं। टमाटर, मिर्च, पुदीना आदि के पौधों की रोपाई की जाती है।
- समय-समय पर पानी और खाद का ध्यान रखें। पौधों का खरपतवार से बचाव करें।
- किसी भी तरह की शंका हो तो किचन गार्डन संबंधित किताब की मदद लें।