भारत ने NATO में शामिल होने से किया मना, अमेरिका फिर भी पीएम मोदी के दौर से पहले NATO प्लस में करना चाहता है शामिल

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(www.arya-tv.com) 21 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के दौरे पर जाने वाले हैं। लेकिन इससे पहले US भारत हो NATO प्लस में शामिल करना चाहता है पर भारत ने इसमें शामिल होने से साफ मना कर दिया है।

वर्तमान में NATO प्लस में 5 सदस्य में हैं। इसे नाटो प्लस 5 के तौर पर जाना जाता है इसका काम नाटो और पांच गठबंधन देशों को एक साथ लाना है, ताकि वैश्विक रक्षा सहयोग को बढ़ाया जा सके। इन 5 देशों में ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, जापान, इजरायल और दक्षिण कोरिया शामिल हैं।

अमेरिकी संसद की चाइनीज पर हाल ही में बनी सलेक्ट कमेटी ने उइघुर अत्याचार और ताइवान सुरक्षा पर अपने अनुशंसा प्रस्ताव दिए हैं। इस कड़ी में जारी 10 For Taiwan रिपोर्ट में अमेरिका को नाटो प्लस का दायरा बढ़ाते हुए भारत को उसका हिस्सा बनाने की बात कही है।

इस सलेक्ट कमेटी के सदस्य और भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि हमारा उद्देश्य किसी भी सैन्य संघर्ष और शीतयुद्ध को टालना है। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि अमेरिका अपने सहयोगियों के साथ हिन्द-प्रशांत में एक प्रभावी तंत्र बनाए। ताकि ज़रूरत पड़ने पर चीन को ताइवान के खिलाफ सैनिक कार्रवाई से रोका जा सके।

अगर नाटो प्लस में भारत को शामिल किया जाता है, तो इन देशों के बीच खुफिया जानकारी साझा करना आसान होगा। भारत के लिए भी लेटेस्ट मिलिट्री टेक्नोलॉजी हासिल करने में सरल होगा।

इसके अलावा नाटो प्लस देशों को अमेरिकी डिफेंस इंडस्ट्री और टेक्नोलॉजी की बेहतर उपलब्धता मिलती है। इस गठबंधन में शामिल होने से भारत को भी चुनिंदा देशों के जैसे बेहतर अमेरिकी डिफेंस टेक्नोलॉजी मिल सकेगी।

फिलहाल अमेरिका-भारत में कोई डिफेंस समझौता या डील नहीं है। लेकिन अमेरिका ने भारत को अहम डिफेंस पार्टनर (MDP) का दर्जा दिया हुआ है। इससे भारत को संवेदनशील तकनीक का निर्यात हो रहा है।