प्रयागराज समेत प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों को CCTV से किया जा रहा लैस

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(www.arya-tv.com) सरकारी अस्पतालों में व्यवस्थाएं दुरूस्त करने के लिए सरकार की ओर से तमाम कवायद की जा रही है। इसी क्रम में अब सरकारी अस्पतालों की हकीकत जानने के लिए सभी सरकारी अस्पतालों को CCTV कैमरे से जोड़ा जा रहा है। यह सीधे लखनऊ मुख्यालय से जुड़ा होगा। वहां बैठे विभाग के उच्चाधिकारी एक क्लिक पर किसी भी अस्पताल को देख सकेंगे।

मरीजों को क्या परेशानी हो रही है, डॉक्टर ओपीडी में हैं या नहीं? यह सब स्वास्थ्य विभाग के बड़े अधिकारी देख सकेंगे। प्रयागराज के तेज बहादुर सप्रू (बेली) अस्पताल में इसकी शुरूआत भी हो चुकी है। सभी वार्डों के साथ ही ओपीडी, पर्चा काउंटर, दवा काउंटर, एक्स-रे कक्ष, एमआरआई, पैथालॉजी समेत अन्य प्रमुख स्थानों पर उच्च क्वालिटी के कैमरे लगाए गए हैं।

24 घंटे एक्टिव मोड में रहेंगे CCTV
खास बात यह है कि सरकारी अस्पतालों में लगे CCTV कैमरे 24 घंटे एक्टिव मोड में ही रखने हैं। यह इंटरनेट से कनेक्टेड होंगे ताकि राजधानी में बैठा कोई भी बड़ा अधिकारी अस्पताल का नाम डालते ही उस अस्पताल को देख ले। शासन की ओर से स्पष्ट निर्देश है कि कैमरे हमेशा ऑन रखे जाने हैं ताकि अफसर चाहे जब किसी भी हास्पिटल के किसी भी वार्ड के अंदर की तत्काल की स्थिति देख लें। मरीजों की सुविधा को देखते हुए इस तरह की पहल की गई है।

तेज बहादुर सप्रू अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. शारदा चौधरी बताती हैं कि अस्पताल में सभी जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगवा दिए गए हैं। यहां की प्रत्येक गतिविधियों की जानकारी CCTV कैमरे के जरिए लखनऊ या दिल्ली में बैठे अधिकारी आसानी से पा सकते हैं।

कोरोना काल में अस्पताल से लापता हुए थे रामलाल

कोरोना काल में बेली अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमित मरीज रामलाल यादव अस्पताल से गायब हो गए थे। कौशांबी जनपद के रहने वाले रामलाल 7 मई को बेली अस्पताल से लापता हुए थे। आज तक इसके बारे में जानकारी नहीं है कि वह कहां हैं? यह मामला चर्चित हो गया है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के बाद अब इस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है। लापरवाही यह हुई थी कि यहां पर कोई सीसीटीवी फुटेज तक नहीं है कि रामलाल का कुछ पता लगाया जा सके। सरकार की इस व्यवस्था से प्रत्येक मरीजों का रिकार्ड सीसीटीवी में कैद होता रहेगा।