बरेली सेंट्रल जेल प्रकरण में जमानत अर्जी खारिज:जेल में बंद अशरफ से करते थे मुलाकात

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(www.arya-tv.com)  बरेली सेंट्रल जेल प्रकरण में अशरफ से अवैध तरह से मिलने वाले जेल में बंद चार आरोपियों की जामनत अर्जी कोर्ट ने खारिज कर दी है। इस प्रकरण में अभी तक 11 लोग जेल जा चुके हैं, वहीं अशरफ का साला सद्दाम पर एक लाख का इनाम है, जिसका कोई सुराग नहीं लगा। सद्दाम के विदेश भागने की आशंका है। अतीक और अशरफ की प्रयागराज में हत्या हो चुकी है।

अभी तक 9 लोग जेल भेजे गए

जेल में बंद आरोपियों में इज्जतनगर मुंशीनगर निवासी फुरकान उर्फ नबी खान, बारादरी चक महमूद निवासी मो. सरफुद्दीन, किला जसौली निवासी राशिद, पीलीभीत के फीलखाना निवासी मो. आरिफ की स्पेशल कोर्ट के समक्ष जमानत अर्जी दायर की थी।

शुक्रवार को सुनवाई कर स्पेशल जज पीसी एक्ट कोर्ट-1 सुरेश कुमार गुप्ता ने अर्जियों को खारिज कर दिया। विशेष लोक अभियोजक मनोज बाजपेई ने बताया कि बिथरी चैनपुर थाने में 6 मार्च को यह मुकदमा दरोगा अनिल कुमार ने दर्ज कराया था।

जेल के अधिकारी के नाम भी शामिल

जेल के सिपाही शिव हरि अवस्थी द्वारा सद्दाम और लल्लागद्दी की मदद व जेल के अधिकारियों व कर्मचारियों की मिली भगत से एक आईडी पर 6 से 9 लोगों की पैसा लेकर मुलाकात कराई जाती थी। यह मुलाकात अलग स्थान पर होती थी। प्रयागराज में उमेशपाल हत्याकांड के बाद इसका खुलासा हुआ। इसमें जेल के अधिकारी, कर्मचारी और अन्य लोग भी आरोपी हैं। जेल में भेजे गए 9 लोगों पर चार्जशीट भी दाखिल की जा चुकी है।

साठगांठ कर जेल में मुलाकात

अशरफ का साला सद्दाम व लल्लागद्दी जेल में आने जाने तथा अशरफ को सुविधाएं मुहैया कराने के लिए जेल अधिकारियों, कर्मचारियों को तमाम उपहार और पैसे का लालच देते थे। दयाराम उर्फ नन्हें की कैंटीन के सामान के साथ अशरफ के लिए पैसे, खाना और अन्य सामान जेल में पहुंचाता था। जेल के सिपाही शिवहरि और मनोज गुर्गों को अशरफ से मिलवाते थे।

पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और अन्य गंभीर धारा लगाईं। अशरफ से मिलने वालों में मो. रजा उर्फ लल्ला गद्दी, जेल वार्डन शिवहरि अवस्थी, दयाराम उर्फ नन्हें, राशिद अली, फुरकान, जेल वार्डन मनोज गौड़, मो. सरफुद्दीन, प्रापर्टी डीलर फरहद उर्फ गुड्डू और आरिफ जेल में बंद है। मुकमदे में शामिल अशरफ की हत्या हो चुकी है, जबकि अशरफ के साले सद्दाम पर एक लाख का इनाम है।