गोरखपुर पुलिस ने नेपाली युवक को किया गिरफ्तार, जानें पूरी खबर

Gorakhpur Zone

(www.arya-tv.com) गोरखपुर के रजिस्ट्री कार्यालय में फर्जी नाम पर करोड़ों की जमीन रजिस्ट्री करने आए नेपाली युवक को कैंट पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वह आयुष विश्वविद्यालय के पास की जमीन का फर्जी रजिस्ट्री करने पहुंचा था। आरोपित के पास से 20 वर्ष पहले मर चुके अकबाल अहमद के नाम से बना फर्जी आधार कार्ड, बैंक में खुलवाए गए फर्जी खाते का पासबुक बरामद किया गया है। आरोपित अकबाल बनकर ही जमीन की रजिस्ट्री करने गया था। पूछताछ में तिवारीपुर क्षेत्र में रहने वाले तीन साथियों का नाम सामने आया है जिनकी तलाश चल रही है।

प्रभारी निरीक्षक कैंट शशिभूषण राय ने बताया कि मऊ जिले के गोहना निवासी अकबाल अहमद नाम का एक शख्स रजिस्ट्री करने के लिए रजिस्ट्री कार्यालय पहुंचा था। वहां के कर्मचारियों को संदेह हुआ तो वास्तिवक अकबाल अहमद के जमीन की देखरेख करने वाले व्यक्ति को फोन कर रजिस्ट्री की बात बताई। जानकारी होने पर जमीन की देखरेख करने वाले जाफरा बाजार निवासी जैद अली सब्जपोश पहुंच गए। जानकारी होने पर रजिस्ट्री कार्यालय के अधिकारियों ने पुलिस को सूचना दी। जिसके बाद रजिस्ट्री कार्यालय पहुंची पुलिस ने आरोपित को हिरासत में ले लिया। पूछताछ में उसकी पहचान नेपाल के भैरहवा, हाटी बनगाई टोला महुआरी निवासी रामबेलास अहिर के रूप में हुई।

आरोपित ने बताया कि 2019 में गांव के अब्दुल चुड़िहार ने बड़े काजीपुर निवासी राजेश गिरी, जाफरा बाजार निवासी डा. नसीम और खूनीपुर के मंजर से संपर्क कराया। ये लोग मऊ और गोरखपुर में रखे और फिर बैंक में मेरा अकबाल नाम से खाता खुलवा दिए। जिसमें एक हजार रुपये जमा किया गया। राजेश, डा. नसीम और मंजर ने रामबेलास यादव को गोरखपुर बुलाया था। आधार कार्ड व बैंक पासबुक देकर रजिस्ट्री कार्यालय ले गए। भेद खुलने पर तीनों आरोपित फरार हो गए। रामबेलास के पास से नेपाली नागरिकता का प्रमाण पत्र मिला है जिसकी जांच कराई जा रही है।

आजमगढ़ के गोहना थानाक्षेत्र स्थित मुहम्मदाबाद निवासी अकबाल अहमद की गुलरिहा के पिपरी व तरकुलहा गांव में जमीन है। मुकदमा दर्ज कराने वाले जैद सब्जपोश ने पुलिस को बताया कि 20 वर्ष पहले ही अकबाल अहमद की मौत हो चुकी है। जिसकी जानकारी जाफरा बाजार के रहने वाले जालसाजों को थी। कूटरचित दस्तावेज तैयार करके उन्होंने जमीन का फर्जी तरीके से बैनामा करने के लिए नेपाल के रहने वाले अपने साथी को गोरखपुर बुलाया था।