इलेक्ट्रिक व्हीकल से सालाना 30 हजार रुपए बचेंगे, 1 लाख की गाड़ी 38 महीने हो जाएगी फ्री

Technology

(www.arya-tv.com)पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से इलेक्ट्रिक व्हीकल मार्केट की जड़ें मजबूत हो रही हैं। यही वजह है कि अब ईवी सेगमेंट में लगभग सभी प्रमुख कंपनियों की एंट्री हो रही है। ग्राहकों को लुभाने के लिए एक तरफ जहां कंपनियां कई आकर्षक ऑफर ला रही हैं, तो सरकार भी इन व्हीकल पर सब्सिडी दे रही है। बीते एक साल में इस सेगमेंट में तेजी भी आई है। हालांकि, ईवी को लेकर ग्राहकों के मन में अभी कई सवाल हैं। जिनके जवाब उन्हें इस खबर में मिल सकते हैं।

ज्यादातर लोगों के मन में इलेक्ट्रिक व्हीकल के माइलेज और इसकी कीमत ज्यादा होने जैसे सवाल होते हैं। साथ ही, बैटरी डिस्चार्ज होने पर गाड़ी के बंद होने का खतरा भी दिमाग में रहता है। इन सवालों के जवाब आपको पॉपुलर यूट्यूबर और ऑटो एक्सपर्ट अमित खरे दे रहे हैं।

पहला सवाल: बैटरी डिस्चार्ज तब क्या होगा?

इलेक्ट्रिक व्हीकल को खरीदने से जुड़ा ये सबसे जरूरी सवाल भी है। दरअसल, ईवी खरीदने वाले ग्राहकों को ये बात समझनी होगी कि ईवी खरीदने का मकसद क्या है? यानी जिन लोगों को दिनभर में 50 से 60 किलोमीटर का ही सफर तय करना है उन्हें बैटरी खत्म होने की टेंशन नहीं होना चाहिए, क्योंकि ज्यादातर कंपनियों ने अब टू-व्हीलर ईवी की रेंज 80 से 100 किमी तक कर दी है। वहीं, ईवी सेगमेंट में कार की रेंज 300 से 500 किमी तक हो गई है।

अब यदि आप डेली ऑफिस जाते हैं या फिर बाजार से जुड़े जरूरी काम निपटाते हैं। अब ज्यादा से ज्यादा 50 से 60 किमी का ही काम होता है। इसके लिए गाड़ी को रोजाना चार्ज करके चल सकते हैं। ये ठीक वैसा ही है कि लोग डेली गाड़ी में 100 रुपए का पेट्रोल डलाकर काम चलाते हैं।

दूसरा सवाल: पेट्रोल-डीजल तुलना में इलेक्ट्रिक व्हीकल कितने बेहतर?

ये ईवी खरीदने से जुड़ा दूसरा सबसे जरूरी सवाल है। इसका जवाब को इस तरह समझा जा सकता है कि इन दिनों पेट्रोल और डीजल की कीमतें आसमान को छू रही हैं। पेट्रोल 100 रुपए प्रति लीटर तक हो चुका है। यानी आपकी गाड़ी 1 लीटर पेट्रोल में 70 किमी तक का सफर तय करेगी। वहीं, ईवी अधिकतम 20 रुपए के खर्च में इतने किमी तक चलेगी। यानी महीने के 30 दिन में जहां पेट्रोल के लिए 3000 रुपए खर्च होंगे। तो वहीं, ईवी पर सिर्फ 600 रुपए का खर्च होगा। यानी आपकी 2400 रुपए की सीधी बचत होगी।

ईवी से सालभर में कितनी बचत होगी और कितने साल में फ्री हो जाएगी?
किसी भी इलेक्ट्रिक व्हीकल को खरीदने से जुड़ा ये सबसे जरूरी गणित है, क्योंकि ग्राहक ने एक बार इसे समझ लिया तो वो हर साल हजारों रूपए की बचत करेगा। आपकी बचत कितनी होगी ये बिजली की प्रति यूनिट पर डिपेंड है। इस गणित को उदाहरण से समझिए…

  • आपने एक इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर खरीदा जिसकी कीमत 1 लाख रुपए है।
  • आपके शहर में 1 यूनिट बिजली की कीमत 8 रुपए है। ईवी को फुल चार्ज करने में करीब 2 यूनिट खत्म होती हैं।
  • तब 8 रुपए यूनिट के हिसाब से ईवी को एक दिन चार्ज करने में 2 यूनिट के 16 रुपए खर्च होंगे।
  • मान लेते हैं कि 16 रुपए के खर्च में ईवी 50 से 70 किलोमीटर की रेंज देती है।
  • अब 1 दिन में 16 रुपए खर्च हुए। तो एक महीन में 16 रुपए x 30 दिन = 480 रुपए खर्च होंगे।
  • हम राउंड फिगर में 480 रुपए की जगह एक महीने का खर्च 500 रुपए मान लेते हैं।
  • इस हिसाब से एक साल में 12 महीने x 500 रुपए = 6000 रुपए खर्च होंगे।
  • मान लीजिए पेट्रोल गाड़ी में आप डेली 100 रुपए खर्च करते थे, तब एक महीने के आपने 3000 रुपए खर्च किए।
  • इस तरह पेट्रोल गाड़ी में एक साल के 12 महीने x 3000 रुपए = 36,000 रुपए खर्च होते हैं।
  • यानी पेट्रोल गाड़ी के 36,000 रुपए से ईवी के 6000 रुपए घटाए जाएं, तब सालभर में 30,000 रुपए की बचत होती है।
  • इस तरह आप 1 लाख रुपए के ईवी को 3.2 साल यानी 38 महीने में फ्री कर लेंगे।
  • इसी तरह आप फोर व्हीलर में पेट्रोल/डीजल के होने वाले खर्च से इलेक्ट्रिक कार से होने वाली बचत निकाल सकते हैं।

आपको बता दें कि ईवी की बैटरी पर कंपनियां 50 हजार से 1 लाख किलोमीटर या फिर 5 साल की वांरटी देती हैं। वहीं, सालभर में इसके मेंटेनेंस का भी कोई खर्च नहीं है। यानी पहला मेंटेनेंस आने से पहले ही आपकी गाड़ी फ्री हो जाएगी।

इलेक्ट्रिक व्हीकल की लाइफ बढ़ाने के तरीके?

इलेक्ट्रिक व्हीकल में बैटरी और मोटर ही दो सबसे अहम पार्ट्स होते हैं। ज्यादातर कंपनियां IP6 रेंटिग वाली बैटरी देती हैं। यानी बैटरी को डस्ट और नमी से कुछ नहीं होता। यहां तक की ये वाटरप्रूफ भी होती हैं। यानी बारिश के दिनों में भी इसमें कोई समस्या नहीं आई। कंपनी बैटरी पर 5 साल या 1 लाख किलोमीटर तक की वारंटी देती हैं। वहीं, इसमें किसी तरह का मेंटेनेंस भी नहीं होता। इसके बाद भी बैटरी की लाइफ बढ़ाने का सबसे आसान तरीका यही है कि इसे बार-बार चार्जिंग से बचें। वहीं, ओवरचार्ज होने से भी बचाएं।