मुख्यमंत्री ने मां ललिता देवी मन्दिर में दर्शन-पूजन किया, चक्रतीर्थ का दर्शन किया

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(www.arya-tv.com) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  आज जनपद सीतापुर के नैमिषारण्य में आयोजित स्वच्छता जागरूकता कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। उन्होंने इस अवसर पर जनपद के विकास से सम्बन्धित 550 करोड़ रुपये से अधिक की कुल 74 परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इससे पूर्व, उन्होंने माँ ललिता देवी मन्दिर में दर्शन-पूजन किया। चक्रतीर्थ का दर्शन किया।

मुख्यमंत्री  ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारा सौभाग्य है कि रामचरितमानस में संत तुलसीदास  ने ‘तीरथ वर नैमिष विख्याता, अति पुनीत साधक सिद्धि दाता’ कह कर जिस नैमिषारण्य तीर्थ की महिमा का वर्णन किया है। उस पवित्र पौराणिक तीर्थ में गांधी जयंती के एक दिन पूर्व प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान पर स्वच्छता ही सेवा के माध्यम से पूज्य बापू को स्वच्छांजलि दी जा रही है।

मुख्यमंत्री  ने भारत की आजादी के महानायक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को नमन और श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि हमें अपने तीर्थों को पर्व और त्योहारों के साथ-साथ सामान्य दिनों में भी स्वच्छ और सुंदर बनाए रखना चाहिए। स्वच्छता नई आध्यात्मिक आभा को जन्म देता है। प्रधानमंत्री  के मार्गदर्शन और नेतृत्व में पूज्य बापू का स्वच्छता का अभियान घर-घर में पहुंचाकर लोगों को स्वच्छता के एक बड़े कार्यक्रम से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि जितने भी स्वच्छता ग्राही हैं, खासकर सफाई कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन की गारंटी प्रदेश सरकार देगी। इनको न्यूनतम वेतन मिलना ही चाहिए। प्रदेश सरकार द्वारा इस हेतु कमेटी गठित की गई है। बहुत शीघ्र ही उस रिपोर्ट को लागू किया जाएगा। प्रदेश सरकार उनके जीवन को सम्मानजनक ढंग से आगे बढ़ने का कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि पूज्य बापू की 154वीं पावन जयंती की पूर्व संध्या पर हम सभी का दायित्व है कि प्रति व्यक्ति एक घंटा स्वच्छता को समर्पित करें। स्वच्छता के लिए अपने घर एवं घर के परिसर, मठ, मंदिर, धर्मस्थल, विद्यालय, चिकित्सालय, सरकारी कार्यालय, पार्क, खाली प्लॉट, सड़क, चौराहे जहां कहीं भी गंदगी दिखे, उसको हटाने के लिए कार्य करें। स्वच्छता कर्मियों को सम्मानित करने के साथ ही उनके प्रति सम्मान का भाव रखें।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि हम सभी लोग अपने-अपने क्षेत्र में जाकर पवित्र धर्म स्थलों, तीर्थां, सार्वजनिक स्थलों, सरकारी कार्यालयों तथा सार्वजनिक सम्पत्ति के संरक्षण का दायित्व लेकर इसमें अपना योगदान दें, यह हम सबकी अपने पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता का भाव होगा। सनातन धर्म को इसी कृतज्ञता के साथ जोड़ा जाता है। ‘कृते च प्रति कर्तव्यम् एष धर्मः सनातनः’। सनातन धर्म वही है, अगर किसी ने आपके प्रति कोई योगदान किया है, तो उसके प्रति तथा अपने पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करना।

उनके सपने, संकल्प के साथ अपने आप को जोड़ना। पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता की भावना व्यक्त करने के लिए हम सभी इस पौराणिक तीर्थ स्थल पर एकत्र हुए हैं। यह समय हमारे यहां श्राद्ध कर्म का है। अपने पूर्वजों का श्राद्ध कर्म, उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का अवसर है। विकास एवं स्वच्छता के माध्यम से हम सभी यह कृतज्ञता ज्ञापित कर सकेंगे।

क्योंकि देवी-देवताओं व पितरों को स्वच्छता प्रिय होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पवित्र तीर्थ नैमिषारण्य की महिमा का गान न केवल भारतवर्ष में अपितु तीनों लोकों में किया गया है। भारत के ऋषि मुनियों को दुनिया के प्राचीनतम ग्रंथ देने का श्रेय है। अपनी आध्यात्मिक साधना से प्राप्त सिद्धि व ज्ञान की धरोहर को हमारे ऋषि मुनियों ने संजोकर आने वाली पीढ़ी के लिए प्रदान किया।

उन्होंने कहा कि यह महर्षि दधीचि के त्याग और बलिदान की धरती है। देवासुर संग्राम में देवताओं की विजय के लिए महर्षि दधीचि ने अपनी अस्थियां दान कर दीं। यहां सूत महाराज ने शौनक आदि 88 हजार ऋषियों को 18 पुराणों की कथा सुनाकर भारत की ज्ञान परम्परा को धरोहर के रूप में आने वाली पीढ़ी को देने के लिए लिपिबद्ध करने के कार्यक्रम को आगे बढ़ाया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की वेदों की परंपरा को आगे बढ़ाने वाले महर्षि वेदव्यास का आश्रम हो या यहां के विभिन्न पवित्र तीर्थ स्थल, सभी नैमिषारण्य के महात्म्य को हम सबके सामने प्रस्तुत करते हैं। उपेक्षा के कारण इस तीर्थ स्थल का विकास नहीं हो सका। अब डबल इंजन की सरकार नैमिषारण्य तीर्थ को विश्वविख्यात करने के लिए अनेक कार्यक्रम आगे बढ़ा रही है।

इसी अभियान में नई कड़ी जोड़ते हुए आज नैमिषारण्य तीर्थ के साथ-साथ जनपद सीतापुर के विकास की 550 करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण का कार्यक्रम आज यहां सम्पन्न हो रहा है। मुख्यमंत्री  ने कहा कि लखनऊ से नैमिषारण्य की बेहतर कनेक्टिविटी के लिए शीघ्र ही इलेक्ट्रिक बस सेवा से जोड़ा जाएगा। इसके कुछ दिनों बाद नैमिषारण्य को हेलीकॉप्टर सेवा से भी जोड़ा जाएगा।

डबल इंजन की सरकार द्वारा यहां के लिए स्वीकृत कार्ययोजना के धरातल पर उतरने के बाद यहां के लोगों की आमदनी कई गुना बढ़ जाएगी। सभी सम्बन्धित लोगों का जीवन भी उज्ज्वल होता हुआ दिखाई देगा। उन्होंने प्रभावित व्यापारियां, पुजारियों, माली, स्वच्छता कर्मियों को समुचित पुनर्वास के लिए आश्वस्त किया। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार नैमिषारण्य के तीर्थों, आश्रमों के पुनरुद्धार के लिए कदम बढ़ाएगी। पौराणिक एवं ऐतिहासिक पृष्ठभूमि से जुड़े हुए मठ, मंदिर, तीर्थ स्थल के विकास हेतु सरकार सहयोग करेगी।

यहां पर जनसुविधाओं के विकास के लिए कार्य किये जा रहे हैं ताकि लोगों को चौड़ी सड़क, गेस्ट हाउस, रेस्टोरेंट, धर्मशाला, होटल एवं बेहतर कनेक्टिविटी एवं स्वच्छ वातावरण प्राप्त हो। उन्होंने कहा कि सूत जी महाराज के द्वारा जिन 88 हजार ऋषियों को 18 पुराणों के बारे में जो यहां पर प्रवचन दिया गया था, उनकी प्रतिकृति भी यहां पर स्थापित हो सके इसके लिए भी प्रयास किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि पहले इस सीजन में डेंगू, मलेरिया, कालाजार, चिकनगुनिया, इंसेफेलाइटिस, हैजा, डायरिया आदि अनेक प्रकार की बीमारियां होती थीं। प्रधानमंत्री जी के देश की जनता को स्वच्छ भारत अभियान से जोड़ने के परिणामस्वरूप अब यह सभी जल व विषाणु जनित बीमारियां समाप्ति की ओर हैं। लोग स्वस्थ जीवन जी रहे हैं।

अन्य असाध्य बीमारियों के उपचार के लिए प्रधानमंत्री  ने देशवासियों को आयुष्मान भारत योजना की सौगात दी है। इस योजना के तहत हर गरीब परिवार को 05 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा कवर प्राप्त हो रहा है। स्वास्थ्य बीमा का यह कवर व्यक्ति के लिए एक जीवनदान है। आयुष्मान भारत योजना के अलावा आवश्यकता पड़ने पर बीमार परिवार को मुख्यमंत्री राहत कोष एवं प्रधानमंत्री राहत कोष से भी पर्याप्त धनराशि मिलती है।

डबल इंजन की सरकार हर स्तर पर लोगों को सहयोग कर रही है।मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जनपद सीतापुर में प्रधानमंत्री आवास योजना में 02 लाख 34 हजार 800 से अधिक परिवारों को एक-एक आवास प्राप्त हुआ है। स्वच्छ भारत मिशन में 7 लाख 16 हजार 500 से अधिक परिवारों को एक-एक शौचालय प्राप्त हुआ। हर घर नल योजना के माध्यम से 02 लाख 17 हजार परिवारों को अब तक जल का कनेक्शन दिया जा चुका है।

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना में 05 लाख 78 हजार 900 से अधिक लाभार्थियों को निःशुल्क रसोई गैस का कनेक्शन उपलब्ध कराया जा चुका है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना में लगभग 55 हजार बेटियों को 15 हजार रुपए का पैकेज उपलब्ध कराया जा रहा है। 02 लाख 05 हजार से अधिक लाभार्थियों को सौभाग्य योजना में निशुल्क विद्युत के कनेक्शन भी उपलब्ध करवाए गए हैं।

06 लाख 64 हजार से अधिक किसानों को 1,442 करोड़ रुपए की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ दिया जा चुका है।प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में विगत साढ़े तीन वर्षों से लगातार 32 लाख 65 हजार से अधिक परिवारों को निशुल्क राशन की सुविधा का लाभ दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना में 9000 स्ट्रीट वेंडर लाभान्वित हुए हैं।

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना में भी लगभग 10 हजार युवाओं को प्रशिक्षित करके रोजगार के साथ जोड़ने का कार्य हुआ है। 46 लाख 98 हजार जनधन खाता खोले गए। लगभग 06 लाख 80 हजार मृदा स्वास्थ्य कार्ड भी इस जनपद में वितरित किए गए हैं। आज प्रदेश में बिना भेदभाव शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं से हर गरीब को जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री  ने कहा कि यह तीर्थ स्थल मां गोमती के तट पर स्थित है।

गोमती नदी के बारे में कहा जाता है कि यह मां गंगा से भी प्राचीन है। इसके बावजूद 6 वर्ष पूर्व गोमती नदी अपने उद्गम पर सूख चुकी थी। लोगों के श्रमदान से वर्तमान में गोमती नदी अपने उद्गम स्थल से प्रवाहित हो रही हैं। उन्होंने कहा कि हमारा दायित्व है कि अपने तीर्थ स्थलों, स्कूल एवं कॉलेजों, तालाब एवं घाटों को स्वच्छ एवं सुंदर बनाए रखने में योगदान दें। पार्क एवं खाली प्लॉट में भी गंदगी न होने दें। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत हर घर में शौचालय के निर्माण की कार्यवाही, शुद्ध पेयजल के लिए हर घर नल की योजना प्रारंभ हो चुकी है।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि हमें प्लास्टिक मुक्त व्यवस्था की तरफ भी जाना ही होगा। उन्हांने लोगों से प्लास्टिक एवं थर्माकोल के स्थान पर वैकल्पिक उत्पादों के उपयोग की अपील करते हुए कहा कि इससे प्रदूषण के साथ ही गंदगी को भी काफी हद तक समाप्त करने में मदद मिलेगी। तीर्थ स्थलों में लोग कुछ समय सुंदर व स्वस्थ एवं आध्यात्मिक माहौल में तनाव मुक्त वातावरण में समय बिताने के लिए आते हैं।

इससे उनमें एक नई ऊर्जा का संचार होता है। स्वच्छता को इसका माध्यम बनना चाहिए।
कार्यक्रम के उपरान्त मुख्यमंत्री ने जनपदस्तरीय अधिकारियों एवं कार्यदायी संस्थाओं के साथ नैमिषारण्यधाम तीर्थ विकास परिषद से सम्बन्धित विकास कार्यां की समीक्षा की।
इस अवसर पर संसदीय कार्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, कारागार राज्य मंत्री  सुरेश राही सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना संजय प्रसाद तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।