दूसरे दिन भी धधक रहा कानपुर का कपड़ा बाजार:AR टावर की सीढ़ियों पर मिला एक शव

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(www.arya-tv.com) UP का सबसे बड़ा कानपुर बांसमंडी रेडीमेड गारमेंट बाजार को शॉर्ट सर्किट की एक चिंगारी, हवा के झोंके और फिर फायर ब्रिगेड की बदइंतजामी ने तबाह कर दिया। देखते ही देखते 6 कॉम्प्लेक्स में मौजूद 800 से ज्यादा कपड़े की दुकानें जल गईं। अरबों रुपए का नुकसान हो गया। आग पर पूरी तरह से काबू नहीं पाया जा सका है। आग अभी भी रह-रह कर धधक रही है। फायर ब्रिगेड की गाड़ियां लगातार 36 घंटे से पानी की बौछार कर रही हैं। वहीं मसूद कॉम्प्लेक्स में ग्राउंड फ्लोर की छत लटक गई है। कॉम्प्लेक्स कभी भी ढह सकता है।

डेड बॉडी मिली, DNA से हो सकेगी पहचान

शनिवार सुबह करीब 4.30 बजे AR टावर की तीसरी मंजिल की सीढ़ियों से एक डेड बॉडी मिली। बॉडी इतनी बुरी तरह से जल चुकी है कि उसकी पहचान होना मुश्किल है। इस बॉडी को समेटकर DNA टेस्ट के लिए भेजा जा रहा है। लापता ज्ञान के परिजनों को बुलाया गया है। लेकिन पहचान नहीं हो सकी है।

10 शहरों से पहुंची फायर ब्रिगेड, सेना बुझा रही आग

कानपुर अनवरगंज इलाके के बांसमंडी स्थित रेडीमेंड गारमेंट बाजार में गुरुवार देर रात 1:30 बजे आग लग गई थी। AR टावर में लगी आग ने चंद मिनट में पहले पूरा टावर और फिर मसूद कॉम्प्लेक्स, हमराज कॉम्प्लेक्स, नफीस टावर, सुपर हमराज कॉम्प्लेक्स और अर्जन कॉम्प्लेक्स को भी अपनी चपेट में ले लिया। आग की भयावहता देख कानपुर फायर ब्रिगेड के साथ, कानपुर देहात, फतेहपुर, उन्नाव, लखनऊ और प्रयागराज से टीम को बुलाना पड़ा।

इसके बाद भी आग काबू नहीं हुई। शुक्रवार सुबह एयरफोर्स, आर्मी के जवान, ऑर्डिनेंस फैक्ट्री, COD, फर्टिलाइजर समेत अन्य संस्थानों की मदद लेनी पड़ी। शाम तक आग पर तो काबू पा लिया, लेकिन पूरी तरह से बुझा नहीं सके और देर रात तक रह-रह कर धधकती रही।

फायर ब्रिगेड की 50 से ज्यादा गाड़ियां और लखनऊ से आई विशेष हाईड्रोलिक प्लेटफॉर्म मशीन बचाव में जुटी रही। देर रात प्रयागराज से भी एक हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म मशीन पहुंची। सुबह तक आग पर पूरी तरह से काबू नहीं पाया जा सका। इसके चलते कोई भी बिल्डिंग के भीतर नहीं घुस सका है।

बिल्डिंग में कोई भी घुस नहीं सका
अग्निकांड के दौरान AR टावर में सो रहा ज्ञान चंद्र (40) का देर रात तक कोई सुराग नहीं मिल सका। क्योंकि टावर की आग देर रात तक रह-रहकर धधकती रही और बिल्डिंग में कोई भी घुस नहीं सका। भाई अजय कुमार, पत्नी दीपा और भाभी व बच्चों समेत परिवार के सभी सदस्य देर रात तक कपड़ा बाजार के सामने इस आस में बैठे रहे कि आग बुझे तो उन्हें एक बार AR टावर के अंदर ज्ञान को तलाशने का मौका मिले या उसका कोई सुराग लग सके। पुलिस अफसरों का कहना है कि आग इतनी तेज थी कि किसी का पता चलना अब बेहद मुश्किल है।