गोरखा रेजीमेंट से ट्रेंड कराकर बनी 5 QRT:’स्पेशल-25′ जवान संभालेंगे गोरखपुर की सिक्योरिटी

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(www.arya-tv.com)  गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर पर आतंकी हमला हो या फिर शहर में कहीं दंगा जैसी स्थिति, अब इसके लिए स्पेशल-25 जवान सड़क पर उतरेंगे। इमरजेंसी में कमांडो या एटीएस बुलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। क्योंकि गोरखपुर पुलिस के 25 जवान बिना हथियार के दंगाइयों का सामना कर सकेंगे।

गोरखपुर में 25 पुलिस कर्मियों की एक स्पेशल फोर्स तैयार हो गई है। इस फोर्स को आर्मी की ‘गोरखा रेजीमेंट’ की ट्रेनिंग दिलाकर उन्हें हर तरह से लड़ने के लिए काबिल बनाया गया है। गोरखपुर के करीब 4 हजार पुलिस कर्मियों में से 25 स्पेशल पुलिसकर्मियों को चुना गया है। इनकी उम्र 25 से 30 साल तक की है।

25 जवानों की 5 QRT तैयार
इस टीम की ब्लू प्रिंट तैयार करने से लेकर टीम को खुद लीड कर रहे गोरखपुर के एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि गोरखपुर में क्विक रिस्पांस टीम यानी QRT की काफी जरूरत है। इसे देखते हुए पुलिस के 25 स्पेशल जवानों को छांटकर यह टीम बनाई गई है।

टीम की ‘गोरखा रेजीमेंट’ कुडाघाट, गोरखपुर के बेस सेंटर पर तीन दिनोंकी  ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है। जिसके बाद इन पुलिस वालों की 5 QRT बनाई गई है। एक QRT में एक दरोगा और 4 सिपाही को रखा गया है। दरोगा अपनी टीम को लीड करेगा।

इन जगहों पर तैनात होगी QRT
एक QRT गोरखनाथ मंदिर, एक एयरपोर्ट की सुरक्षा में मुस्तैद होगी तो, वहीं तीन को VIP से लेकर अन्य जगहों के लिए हर वक्त अलर्ट रखा  जाएगा। गोरखनाथ मंदिर में पुलिस कर्मियों पर हमले के बाद इस तरह की एक ट्रेंड टीम की जरूरत महसूस की गई थी। जिसके बाद एसपी सिटी ने इसकी रूप-रेखा तैयार की थी।

यह है QRT की खासियत

  • यह चाकू के हमले से कैसे बचा जाए इसके लिए भी पूरी तरह से ट्रेंड हुई है।
  • टीम चाकू के हमले से बचने के साथ ही चाकू से दुश्मन पर हमला करने को भी ट्रेंड हुई है।
  • इस टीम के मेंबर बिना हथियार के भी दुश्मन को पल भर में धूल चटा देंगे।
  • टीम के जवानों के आंखों पर पट्टी बंधी हो या घने अंधरे में भी यह दुश्मन का डटकर मुकाबला कर सकते हैं।
  • इस टीम को खुकरी की ट्रेनिंग दी गई है। जिसमें जवान चाकू के प्रहार सेनिपटना, निहत्थे से कैसे मुकाबला करने की ट्रेनिंग मिली है।
  • हथियार संचालन और सुरक्षा के दृष्टि से टैक्टिकल मूवमेन्ट की तीन दिवस स्पेशलाइज्ड कैप्सूल (स्पेशल ट्रेनिंग) दी गई है।
  • इस टीम को स्पेशल पिस्टल चाकूओं से लैस किया गया है।
  • यह टीम पुलिस की वर्दी में नहीं होगी। इनके लिए ड्रेस कोड (सफारी) भी तैयार किया गया है।
  • गोरखनाथ मंदिर हमले से लगी जरूरत
    गोरखपुर में सुरक्षा को लेकर कई तरह की चुनौतियों से पुलिस अफसरों को निपटना पड़ता है। शहर में VIP का दौरा लगातार होता है। वहीं, गोरखनाथ मंदिर, गीता प्रेस, एयरपोर्ट आदि स्थानों पर समय-समय पर सुरक्षा की जरूरत महसूस होती है। पिछले दिनों गोरखनाथ मंदिर में सुरक्षा कर्मियों पर जिस तरह से आतंकी मुर्तजा अब्बासी ने हमला किया था, उससे कई तरह की चूक भी दिखी थी।