(www.arya-tv.com) स्मार्ट सिटी के तहत शहर में ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए चौराहों पर लगे सीसीटीवी कैमरों से शुरू हुए ई-चालान व्यवस्था अफसरों पर ही भारी पड़ने लगी है। हाल यह है कि CCTV से होने वाले ई-चालान आम आदमी और अफसर शाही गाड़ियों को पहचान नहीं पा रहे है। जिससे आम आदमी के साथ-साथ अब सरकारी गाड़ियों के चालान से अफसर शाह परेशान हैं।
बड़ी संख्या में सरकारी वाहनों के चालान हो गए है। अब अफसरों के पास ऐसा मद ही नहीं है जिससे वह लाखों रुपये के हुए चालान ट्रैफिक पुलिस को जमा कर सकें। हाल यह है कि अफसरों के रुतबे और सरकारी गाड़ियों को चालान से बचाने के लिए चोरी छिपे सीट बेल्ट और हेलमेट का ई-चालान को सरेंडर कर दिया गया है।
सरकारी वाहनों ने उड़ाया सिस्टम का मजाक
करीब एक महीने पहले एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने मिनी बाईपास तिराहा और सौ फुटा चौराहे से सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से ई-चालान की व्यवस्था शुरू की थी। जिसके तहत हेलमेट, रेड लाइट जंप और सीट बेल्ट नहीं होने पर ई चालान होते थे। हाल यह था कि एक दिन में ही इन दो चौराहों पर 7 लाख रुपए से अधिक के चालान हो गए।
लाखों के चालान कैसे भरे श्रीमान
अब सरकारी गाड़ियों के हुए लाखों रुपये के चालान ही अफसरों के लिए मुसीबत बन गए हैं। आखिर वह चालान जमा करें तो किस मद से करें क्योंकि उनके पास सरकारी वाहनों के चालान कटने पर रुपये जमा करने के लिए कोई व्यवस्था या मद ही नहीं है।
सिर्फ रेड लाइट जंप पर चालान
सूत्रों की माने तो अब सिर्फ रेल लाइट जंप पर चालान हो रहा है। जिसमें अफसरों, पुलिस एवं एंबुलेंस को आपातकालीन सेवाओं के चलते रेड लाइट जंप पर छूट है। जबकि आम आदमी अगर रेड लाइट जंप करता है तो उसके लिए ई-चालान की सुविधा वैसे ही रहेगी। फिलहाल अफसरों के ई-चालान जहां उनके लिए मुसीबत से कम नहीं थे। यह व्यवस्था गुपचुप तरीके से बंद होने के चलते महकमे में चर्चा का विषय बन गया है।
तीन जून से 6 अन्य चौराहों पर शुरू होगा ई-चालान
वहीं ट्रैफिक पुलिस ने 3 जून से शहर के 6 प्रमुख चौराहों पर भी कैमरों के जरिए ई-चालान की व्यवस्था शुरू कर दी है। इसके तहत अब सेलेक्शन प्वाइंट, शील चौराहा, सर्किट हाउस चौराहा, सैटेलाइट चौराहा, मालियों की पुलिया चौराहा, डोहरा मोड़ चौराहा पर भी अब यातायात का पालन नहीं करने पर ई-चालान शुरू कर दिया जाएगा।