www.arya-tv.com)पूर्व सांसद कपिलमुनि करवरिया को इलाहाबाद हाईकोर्ट से फिलहाल राहत नहीं मिली है। जवाहर पंडित हत्या केस मे हाईकोर्ट ने भतीजी की शादी में शामिल होने के लिए 20 दिन की अल्पकालिक जमानत मंजूर की थी। लेकिन मंझनपुर, कौशाम्बी में दर्ज भ्रष्टाचार के एक मामले में जमानत अर्जी तय न होने के कारण जेल अधीक्षक ने उन्हें रिहा करने से इन्कार कर दिया था। इस मामले में करवरिया की ओर से याचिका दायर की गई थी। इस पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से दो हफ्ते में जवाब मांगा है। अधीनस्थ अदालत को याची की जमानत अर्जी यथाशीघ्र तय करने का निर्देश दिया है। याचिका की अगली सुनवाई 11जून को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति बच्चू लाल तथा न्यायमूर्ति वीसी दीक्षित की खंडपीठ ने कपिल मुनि करवरिया की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता सुरेश चंद्र द्विवेदी ने बहस की। इनका कहना है कि याची को हाईकोर्ट ने जवाहर पंडित हत्या केस मे सजा के खिलाफ आपराधिक अपील मे अल्पकालिक जमानत पर रिहाई का आदेश दिया है। भ्रष्टाचार के आरोप में लंबित एक अन्य केस के कारण जेल अधीक्षक ने रिहा करने से इंकार कर दिया है, जिसे रद्द कर उसे रिहा किया जाए। अग्रिम जमानत अर्जी की सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने कहा था कि यदि किसी मामले में कोर्ट से पेरोल के निर्देश का अनुपालन नहीं किया जा रहा है, तो यह संभवतः अग्रिम जमानत देने का आधार नहीं बन सकता। इसके लिए सही जगह पर जाना चाहिए। याचिका में कहा गया है कि गत 13 मई को जवाहर पंडित हत्या केस की आपराधिक अपील पर याची की अल्पकालिक जमानत मंजूर की गयी है। इस आदेश के बावजूद जेल अधीक्षक भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के इस मामले के लंबित होने के कारण रिहा नहीं कर रहे हैं।
भतीजी की शादी 19 मई को थी, नहीं पहुंच पाए
13 मई को भतीजी के विवाह मे शामिल होने के लिए पूर्व सांसद कपिलमुनि करवरिया, पूर्व विधायक उदयभान करवरिया एवं पूर्व एमएलसी सूरजभान करवरिया की जमानत मंजूर की थी। सूरजभान करवरिया की बेटी की शादी 19 मई को हुई। इस आदेश पर उदयभान करवरिया व सूरजभान करवरिया को नैनी जेल से रिहा कर दिया गया था लेकिन मंझनपुर थाने के भ्रष्टाचार मामले में जमानत न होने के कारण कपिलमुनि करवरिया की रिहाई नहीं हो सकी थी।
क्या था मामला
मामला तब (2004-2009) का है, जब कपिलमुनि करवरिया कौशाम्बी जिला पंचायत अध्यक्ष थे। उस दौरान की नियुक्तियों को लेकर कौशाम्बी के मंझनपुर थाने में वर्ष 2019 में कपिलमुनि करवरिया व मधु वाचस्पति सहित चार लोगों के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)डी/13(2) और आईपीसी की धारा 120-बी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले में चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है और वाराणसी स्थित विशेष अदालत उस पर संज्ञान भी ले चुकी है। याची का कहना है कि हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत से इंकार के बाद उसने नियमित जमानत अर्जी अधीनस्थ अदालत वाराणसी मे दाखिल की है, जो विचाराधीन है।