(www.arya-tv.com)वॉशिंगटन. इजराइल और फिलीस्तीन की जंग शुरू हुए 10 दिन हो चुके हैं। UN सिक्योरिटी काउंसिल में एक हफ्ते में तीन बार इजराइल के पक्ष में वीटो करने वाला अमेरिका भी अब इजराल को यह जंग रोकने की नसीहत देने लगा है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बातचीत की। इस दौरान उन्होंने नेतन्याहू से कहा कि वे सीजफायर यानी संघर्ष विराम के लिए जल्द और पुख्ता कदम उठाएं।
सोमवार को एक इंटरव्यू में नेतन्याहू ने साफ कर दिया था कि उनका देश फिलीस्तीन और हमास (इजराइल इसे आतंकी संगठन बताता है) पर हमले बंद नहीं करेगा। नेतन्याहू ने कहा था- अब यह हमले तभी बंद होंगे जब हम हमास को शांत नहीं कर देते क्योंकि इसके बिना अमन बहाली नामुमकिन है।
अमेरिका पर भी दबाव
अमेरिका में बाइडेन की डेमोक्रेटिक पार्टी के कई सांसद ऐसे हैं जो फिलीस्तीन के मुद्दे पर अमेरिकी सरकार की आलोचना कर रहे हैं। देश के कुछ संगठनों ने भी बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन से कहा था कि वे इस जंग को रोकने के लिए जल्द कदम उठाएं। इसके बाद बाइडेन ने इजराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू से फोन पर बातचीत की। पिछले हफ्ते भी दोनों नेताओं की बातचीत हुई थी। बुधवार सुबह की बातचीत में बाइडेन ने नेतन्याहू से कहा कि अमेरिका अब सीजफायर देखना चाहता है, और इजराइल को अब इसी रास्ते पर आगे बढ़ना चाहिए ताकि तनाव कम किया जा सके।
220 लोगों की मौत
इजराइल और फिलीस्तीन की जंग में अब तक 220 लोगों की जान गई है। इजराइल में सिर्फ 10 लोगों की मौत हुई है। इनमें एक सैनिक शामिल है। दूसरी तरफ, फिलीस्तीन में मारे गए लोगों में ज्यादातर आम नागरिक हैं, जिनका हमास से कोई ताल्लुक नहीं था।
अब तक अमेरिका और बाइडेन इजराइल पर दबाव डालने से बचते रहे थे, लेकिन उनके इस रवैये की घर में ही आलोचना शुरू हो गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बाइडेन ने अपने डिप्लोमैट्स को मिशन सीजफायर पर लगा दिया है। इसमें मिस्र सरकार की भी मदद ली जा रही है। जर्मनी समेत कुछ यूरोपीय देश भी अब सीजफायर की मांग कर रहे हैं। हालांकि, ये एकतरफा नहीं हो सकता। क्योंकि, अगर हमास इसी तरह इजराइल पर रॉकेट दागता रहा तो इजराइली सेना भी इसका जवाब जरूर देगी। कतर और फ्रांस भी सीजफायर कराने के लिए कोशिश कर रहे हैं।