(www.arya-tv.com) 16 साल पहले जब सीरियल ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ घर-घर की कहानी बना तो फैंस की कसौटी पर खरा उतरा था. उस दौर में टीवी की दुनिया में ‘एकता कपूर’ रानी थीं और उनकी कोशिश ने ऐसा कमाल कर दिखाया कि हर सीरियल का फैंस के साथ पवित्र रिश्ता बन गया था. मगर इतनी चर्चा के बीच जो चीज खटकती थी वो थी सालों साल बेवजह खिंचती कहानियां.
कहानी की अच्छी स्टार्ट पर फिर हुई बोझिल
टीवी की दुनिया में शुरू से देखा गया है कि जब कोई सीरियल टीआरपी की रेस में पीछे रह जाता है तो उसे आनन-फानन बंद कर दिया जाता है. मगर जब कोई सीरियल चल पड़ता है तो मेकर्स उस शो को इतना खींचते हैं कि अच्छी शुरुआत खराब क्लाइमेक्स पर आ पहुंचती है. और ऐसे एक-दो नहीं कई एग्जामप्ल हैं जब टीवी शोज सालों साल खींचे गए.
सालों साल घसीटे गए शोज
इस लिस्ट में क्योंकि सास भी कभी बहू थी, कहानी घर घर की, उतरन,भाभी, पवित्र रिश्ता, दीया और बाती हम, अमानत, बालिका वधू, साथ निभाना साथिया, ससुराल सिमर का, चिड़िया घर, वो रहने वाली महलों की जैसे कई शोज हैं. ये सारे शोज जब शुरू हुए थो हर घर में इनकी चर्चा थी, मगर धीरे-धीरे शो अपनी मैन कहानी से भटकते नजर आए. यहां तक कि शोज को लंबे अरसे तक चलाने के लिए पुराने कैरेक्टर्स को मारकर नए कैरेक्टर्स को इंट्रोड्यूस किया गया.
वैसे भी टीवी की दुनिया में अक्सर ऐसा देखा गया है कि जब-जब शो की टीआरपी डाउन होती है तो मेकर्स या तो लीप कॉन्सेप्ट पर चले जाते हैं. या फिर किसी कैरेक्टर को मार देते हैं. जैसे बालिका वधू में जब सुगना के पति प्रताप की डेथ हुई थी तो टीवी इंडस्ट्री में भूचाल आ गया था. वहीं जब एकता कपूर के शो में तो मरे हुए कैरेक्टर वापस जिंदा तक कर दिया गया था. शो क्योंकि सास भी कभी बहू थी में जब लीड रोल मिहिर की डेथ हुई तो लोग फूट-फूटकर रोए थे. लेकिन फिर जब मिहिर की वापसी हुई थो हर जगह बस इसी की चर्चा थी. टीवी की ड्रामेटिक दुनिया में इसी तरह के कई उदाहरण आपको देखने को मिल जाएंगे.
यहां देखें कौनसा शो कितने साल चला…
शोज | साल | एपिसोड्स |
क्योंकि सास भी कभी बहू थी | 2000-2008 | 1833 |
कहानी घर घर की | 2000-2008 | 1661 |
उतरन | 2008-2015 | 1549 |
भाभी | 2002-2008 | 1328 |
पवित्र रिश्ता | 2009-2014 | 1424 |
दीया और बाती हम | 2011-2016 | 1491 |
बालिका वधू | 2008-2016 | 2248 |
साथ निभाना साथिया | 2010-2017 | 2184 |
ससुराल सिमर का | 2011-2018 | 2685 |
वो रहने वाली महलों | 2005-2011 | 1387 |
ये है मोहब्बतें | 2013-2019 | 1894 |
टीआरपी की रेस में दौड़ रहे शोज
और सालों बाद भी टीवी की दुनिया का ये दस्तूर बदला नहीं है. टीआरपी में आगे रहने की होड़ इतनी है कि मेकर्स शो की फैन फॉलोइंग को हर तरह से भुनाने में लगे हैं और शो को अच्छे क्लाइमेक्स के साथ बंद नहीं करना चाहते हैं.
ये रिश्ता क्या कहलाता है, तारक मेहता का उल्टा चश्मा, कुमकुम भाग्य, भाबीजी घर पर हैं, कुंडली भाग्य जैसे शोज आज भी चल रहे हैं. ये रिश्ता क्या कहलाता है तो 2009 में शुरू हुई था और आज भी चल रहा है. शो के अब तक 4325 एपिसोड आ चुके हैं. इस शो में चार जेनरेशन की कहानी दिखाई जा चुकी है मगर ये शो है कि रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है. ये रिश्ता क्या कहलाता है लॉन्गेस्ट रनिंग शोज की लिस्ट में शामिल है. वहीं तारक मेहता का उल्टा चश्मा भी 4000 हजार एपिसोड क्रॉस कर चुका है. इस शो की कहानी में भी अब धीरे-धीरे फैंस का इंटरेस्ट कम हो रहा है. शो के फैंस आज भी नए एपिसोड की बजाय पुराने एपिसोड्स देखना प्रिफर करते हैं. और कहा जा सकता है कि ये एक कारण है जिसकी वजह से डेली सोप्स के पति फैंस के रुझान कम हो रहा है.