COD परीक्षा में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से नकल:कॉलर में लगी थी डिवाइस, होटल से आंसर बताने की थी प्लानिंग

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(www.arya-tv.com) आगरा में सेंट्रल ऑर्डिनेंस डिपो (COD) की परीक्षा में डिवाइस के जरिए परीक्षा देने आए एक अभ्यर्थी और उसके कोच को पकड़ा गया है। अभ्यर्थी अपने कॉलर में डिवाइस लगाकर परीक्षा देने पहुंचा था। कोच ताजगंज के एक होटल में बैठकर उसे आंसर बताने वाला था। इससे पहले ही दोनों पकड़ लिए गए।

रविवार को COD में ट्रेडमैन और फायरमैन का रिटर्न एग्जाम था। परीक्षा में करीब 1700 अभ्यर्थियों को शामिल होना था। आर्मी इंटेलिजेंस लखनऊ की टीम परीक्षा को सही तरह कराने के लिए नजर रखे थी। परीक्षा के दौरान बायोमैट्रिक चेकिंग में एक परीक्षार्थी के शर्ट के कॉलर में कुछ भारी-सी चीज मिली।

जब उसके शर्ट के कॉलर को खोला गया तो उसमें एक डिवाइस थी। COD के अधिकारी और आर्मी इंटेलीजेंस ने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस मौके पर पहुंची और जांच की तो डिवाइस ब्लूटूथ ईयरफोन से कनेक्ट मिला। अभ्यर्थी के कान में बटन के बराबर का ईयरफोन लगा था।

होटल से करनी थी मदद
पुलिस ने अभ्यर्थी को पकड़ लिया। उससे पूछताछ की। उसने अपना नाम नवीन निवासी जींद हरियाणा बताया। कई घंटों तक अभ्यर्थी पुलिस को गुमराह करता रहा। बाद में उसने बताया कि यह डिवाइस कोच जोगेंद्र सिंह निवासी हिसार द्वारा उपलब्ध कराई गई है। वो नकल कराने के लिए उसके साथ आया है।

ताजगंज के होटल में ही रुका है। मुझे उसे प्रश्नों को धीरे-धीरे पढ़कर बोलने थे, जिससे वो मुझे लैपटॉप में देखकर आंसर बता सके। थाना प्रभारी सदर ने बताया कि दोनों आरोपियों को पकड़ लिया गया है। इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

ताजमहल से पकड़ा गया कोच
आरोपी ने बताया कि कोच को ही मुझे फोन करना था। मगर, मुझे पेपर से पहले ही पकड़ लिया, इसलिए उनका फोन नहीं आया। इसके बाद पुलिस और आर्मी इंटेलिजेंस ने आरोपी से उसके कोच को फोन करने की बात कही।

कोच जोगेंद्र ने नवीन को बताया कि वो ताजमहल देखने आ गया है। इसके बाद पुलिस आरोपी को लेकर ताजमहल पहुंची। पुलिस ने पश्चिमी गेट से कोच को पकड़ लिया। नकल कराने के लिए कोच ने कितने रुपए लिए, ये अभी स्पष्ट नहीं है। परीक्षा देने वाले ने बताया कि अभी पांच हजार रुपए कोच को दिए थे।

आर्मी भर्ती ट्रेनिंग सेंटर चलाता है
आरोपी कोच ने पुलिस को बताया, “मैं हरियाणा के कैथल में पिछले 10 साल से सेना भर्ती की तैयारी कराने की एकेडमी चलाता हूं। मगर, कोरोना और इसके बाद अग्निवीर भर्ती के कारण युवाओं का आना कम हो गया। इससे आमदनी प्रभावित होने लगी।

खर्चा निकालना मुश्किल हो गया था। इसलिए पैसा कमाने के लिए नकल कराने का आइडिया निकाला। मैं डिवाइस लेकर बच्चों से नकल कराने की जिम्मेदारी लेता था। नवीन को भी डिवाइस दी थी। मैंने नवीन को डिवाइस पर कॉल कर पूरी सेटिंग समझा दी थी, लेकिन परीक्षा शुरू होने से पहले उसका फोन नहीं लगा। इसलिए मैं ताजमहल देखने चला गया था।”

गैंग का मास्टर माइंड विदेश में
पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है। पुलिस उनसे जानकारी जुटा रही है कि इससे पहले वो इस डिवाइस की मदद से किन-किन लोगों को परीक्षा में बैठा चुका है। सूत्रों की मानें तो इस गैंग का मास्टर माइंड विदेश में है।