- विपुल लखनवी ब्यूरो प्रमुख पश्चिमी भारत
नवी मुंबई। दो हजार की नोट रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा वापस लिए जा रहे हैं और आदेश के अनुसार यह 30 सितंबर तक मार्केट में चलाए जा सकते हैं लेकिन नवी मुंबई के एपीएमसी मार्केट तुर्भे मार्केट अथवा अन्य जगह पर दुकानदारों द्वारा यह नहीं लिए जा रहे हैं। एक ताल पत्री विक्रेता की दुकान पर पत्रकार के सामने किसी व्यक्ति ने जब दो हजार का नोट दिया तो दुकानदार ने स्पष्ट मना कर दिया इस बात में जब दुकानदार को समझाया गया कि कोई भी दुकानदार यह नोट लेने से मना नहीं कर सकता। यह कानूनी अपराध है इस पर दुकानदार ने जीएसटी लगाकर पेमेंट लेने की स्वीकृति दी। यह साबित करता है कि अधिकतर दुकानदार भारत सरकार को जीएसटी नहीं देते हैं यानी अधिकतर माल कैश में बिना बिल के बिना जीएसटी के बेचा जाता है।
क्या रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और भारत सरकार इस तरह दो हजार के नोट लेने से मना करने पर और जीएसटी न देने वालों के खिलाफ कोई मुहिम चलाएगी। हांलाकि आम जनता जो मध्यम वर्ग के नीचे की है वह दो हजार के नोट बंद होने पर प्रसन्न है अथवा अपने को क्या लेना देना यह कह रही है। कुछ लोग तो बेहद प्रसन्न हैं क्योंकि अब ब्लैक मनी रखने वालों को बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। अब देखना यह है कि 30 सितंबर तक भारत सरकार कितना काला धन बटोरने में समर्थ हो पाएगी? क्या आने वाले चुनाव में वर्तमान सरकार को वोटों की बढ़ोतरी होगी? यह तो भविष्य ही बता सकता है।