जब राजेश खन्ना ने मनोज कुमार के सामने जाते ही देनी शुरू कर दी थीं भर-भरकर गालियां!

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(www.arya-tv.com) ये किस्सा तब का है जब राजेश खन्ना इंडस्ट्री के पहले सुपरस्टार तो क्या स्टार भी नहीं बने थे. नए थे और उन पर भरोसा जताने वाले लोग भी ज्यादा नहीं थे. उस दौरान मनोज कुमार को वो पहली नजर में ही पसंद आ गए थे. मनोज ने उन्हें अपनी फिल्म में कास्ट भी कर लिया था.

लेकिन राजेश खन्ना ने वो फिल्म करने से मना कर दिया. मना भी किया और गाली-गलौज भी की. रोए भी परेशान भी हुए और एक मलाल लेकर सेट से चले गए. बाद में इस फिल्म को फिल्मफेयर और नेशनल मिलाकर कुल 5 अवॉर्ड्स मिले. लेकिन इस किस्से में एक ट्विस्ट है जो काफी दिलचस्प है. ट्विस्ट ये है कि राजेश ने आखिर किस पर गुस्सा निकाला था और किसे भर-भरकर गालियां दे रहे थे?

कहानी का बैकग्राउंड
कहानी 1967 से कुछ महीने पहले की है और फिल्म ‘उपकार’ से जुड़ी हुई है. रुकिए, थोड़ा सा और पहले चलते हैं साल 1965 में, जब मनोज कुमार की फिल्म ‘शहीद’ रिलीज हुई थी. कहानी की असल शुरुआत यहीं से हुई थी. इस फिल्म के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के लिए स्पेशल स्क्रीनिंग रखी गई थी. पीएम शास्त्री को ये फिल्म इतनी पसंद आई कि उन्होंने मनोज कुमार से एक आग्रह कर डाला.

पीएम लाल बहादुर शास्त्री ने नई-नई आजादी मिले देश को ‘जय जवान जय किसान’ का नारा दिया था. उनका मन था कि मनोज कुमार इस नारे से प्रेरित होकर कोई फिल्म बनाएं. मनोज कुमार ने उनके आग्रह को स्वीकार किया और ऐसे जन्म हुआ साल 1967 में रिलीज हुई बेहतरीन फिल्म ‘उपकार’ का. इस फिल्म में मनोज कुमार के अलावा उनके छोटे भाई के रोल में कोई ऐसा चाहिए था जो उस रोल को बेहतरीन तरीके से कर पाए.

अब शुरू होती है असली कहानी
राजेश खन्ना की पहली फिल्म ‘आखरी खत’ 1966 में रिलीज हो चुकी थी. इसी दौरान ‘उपकार’ के लिए एक्टर्स की खोज की जा रही थी. ऐसे में मनोज कुमार के असिस्टेंट ने मनोज कुमार से राजेश खन्ना को मिलवाया. मनोज कुमार को राजेश इतने पसंद आ गए कि उन्होंने राजेश को तुरंत अपनी फिल्म में छोटे भाई का किरदार ऑफर कर दिया.

मनोज कुमार नेएक इंटरव्यू में बताया था, ‘मेरे असिस्टेंट ने राजेश से मिलवाया तो मुझे वो पसंद आए. मुझे उनकी आवाज अच्छी लगी. उन्हें स्टेज का एक्सपीरियंस भी था. और मुझे अपने आप पर भी भरोसा था कि मैं नए लोगों से अच्छा काम ले सकता हूं.” 

इसी इंटरव्यू में मनोज ने ये भी बताया- वो फिल्म का हिस्सा बन चुके थे और अगले 3-4 महीनों तक वो मेरे घर भी आते रहे. वो परिवार के सदस्य की तरह हो गए थे. हम लोग फिल्में देखने भी साथ में जाते थे.

फिर वो हुआ जो इस किस्से का अहम पार्ट है
मनोज कुमार ने राजेश खन्ना की फिल्म को लेकर गंभीरता के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा, ”फिल्म की शूटिंग से पहले फिल्म के फेमस गीत ‘मेरे देश की धरती’ गाने की रिकॉर्डिंग हो रही थी. इस दौरान राजेश रात के 9 बजे से लेकर सुबह 4 बजे तक मेरे साथ थे.”

फिर अचानक एक दिन राजेश खन्ना राजकमल स्टूडियो सुबह-सुबह पहुंच गए. ये वही स्टूडियो था जहां फिल्म की शूटिंग चल रही थी. इस बारे में बात करते हुए मनोज कुमार बताते हैं

”राजेश सुबह-सुबह आए तो मैंने देखा कि उनकी आंखों में आंसू भरे हुए हैं और वो कांप रहे हैं. तो मैंने कहा अरे काका हुआ क्या? तो गुस्से में  उन 10 प्रोड्यूसर्स को गालियां देनी शुरू कर दीं, जो नहीं चाहते थे कि राजेश मेरी फिल्म में काम करें.”

मनोज कुमार ने समझाया राजेश खन्ना को
मनोज कुमार बताते हैं कि उन्होंने राजेश को समझाया कि अगर आपने किसी के साथ एग्रीमेंट साइन किया है तो आपको उनकी बात रखनी चाहिए. इसके जवाब में राजेश खन्ना ने कहा, ”मेरा सपना था कि मैं आपके साथ काम करूं क्योंकि मैंने आपकी ‘शहीद’ जैसी फिल्में देखी हैं.” मनोज ने फिर से समझाया कि ऊपर वाला चाहेगा तो जरूर करेंगे.

इसके बाद दोनों ने साथ में कभी काम नहीं किया.  जानकारी के मुताबिक, हां एक मौका जरूर आया जब मनोज कुमार ‘नया भारत’ नाम की एक फिल्म बनाना चाह रहे थे और इस फिल्म के लिए राजेश खन्ना फाइनल भी हो चुके थे. लेकिन किन्हीं वजहों से ये फिल्म ठंडे बस्ते में चली गई. हालांकि, दोनों की दोस्ती हमेशा कायम रही.

‘उपकार’ की झोली में आ गिरे ढेरों अवॉर्ड्स
फिल्म राजेश खन्ना के बिना बनी और राजेश वाले रोल को प्रेम चोपड़ा ने निभाया. फिल्म हिट रही और फिल्म को एक नेशनल सहित 4 फिल्मफेयर अवॉर्ड्स भी मिले. मनोज कुमार को बेस्ट डायरेक्टर के अलावा फिल्म को बेस्ट फिल्म का अवॉर्ड भी मिला. ये वही फिल्म थी जिसमें प्राण को पहली बार पॉजिटिव रोल में देखा गया था. उनको भी बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर के अवॉर्ड से नवाजा गया. इसके अलावा, बेस्ट लिरिसिस्ट और महेंद्र कपूर को बेस्ट प्लेबैक सिंगर का अवॉर्ड भी मिला.