उत्तर कोरिया के साथ कूटनीतिक संबंधों पर जोर देगा दक्षिण कोरिया, जानें किसने किया वादा

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(www.arya-tv.com) दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन ने सोमवार को अपने कार्यकाल के आखिरी महीनों में उत्तर कोरिया के साथ कूटनीतिक की सफलता पर जोर देने का वादा किया। राष्ट्रपति मून ने कहा कि उनकी ओर से दोनों पक्षों के बीच शांति की घोषणा के प्रयासों के बाद भी प्योंगयांग चुप्पी साधे हुए है। इसके बावजूद भी वह कूटनीतिक की सफलता के लिए प्रयास करेंगे।

उन्होंने आगे कहा कि सरकार अंतर कोरियाई संबंधों को सामान्य और शांतिपूर्ण बनाए रखने का प्रयास करेगी। यह बात राष्ट्रपति मून ने मई में अपना पांच साल का कार्यकाल खत्म होने से पहले अपने नए साल के अंतिम संबोधन में कही। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि आने वाली सरकार भी उत्तर कोरिया के साथ बातचीत के प्रयास जारी रखेगी।

अमेरिका ने भी किया मून का समर्थन

दूसरी ओर नए साल की पूर्व संध्या पर उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने अपने संबोधन में आधिकारिक तौर पर 1950-1953 के कोरियाई युद्ध को समाप्त करने या संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ रुकी हुई परमाणु निरस्त्रीकरण बातचीत के राष्ट्रपति मून के आह्वान का कोई जिक्र नहीं किया। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून ने उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग के साथ कई शिखर बैठकें कीं, जिसमें प्योंगयांग भी शामिल है।

मून युद्ध घोषणा के अंत को रुकी हुई बातचीत को आगे बढ़ाने के तरीके के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन उत्तर कोरिया ने सार्वजनिक रूप से दक्षिण कोरिया के प्रयास पर कोई बयान जारी नहीं किया है। संयुक्त राज्य अमेरिका ने भी दक्षिण कोरिया के विचार का समर्थन किया है। साथ ही अमेरिका ने यह भी कहा कि वह दक्षिण कोरिया के समय को लेकर असहमत हो सकते हैं। मून ने स्वीकार करते हुए आगे कहा कि वह मानते है कि अभी दोनों देशों दक्षिण और उत्तर कोरिया को लंबा रास्ता तय करना है, लेकिन अंतर कोरियाई संबंधों में सुधार से अंतरराष्ट्रीय समुदाय को काफी फायदा होगा।

कोरोना महामारी के बढ़ते मामलों पर उत्तर कोरिया ने काबू पा लिया है। 2020 की शुरुआत में चीन के बाहर प्रमुख कोरोना वायरस के प्रकोप को कम करने में मून को घरेलू दबाव भी झेलना पड़ा था। इसके बाद से ही दक्षिण कोरिया ने आक्रामक ट्रैकिंग और ट्रेसिंग का इस्तेमाल किया। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों को लागू भी किया और वैश्विक स्तर से कम मामलों और मौतों को रोकने के लिए वैक्सीनेशन अभियान भी शुरू किया।