(www.arya-tv.com) आईएएस मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन के खिलाफ जांच कर रही एसआईटी ने उनकी तीसरी किताब भी जुटा ली है। कुल तीन किताबों की जांच की है। जिसमें इस्लाम को सर्वोपरि और अन्य धर्मों को दरकिनार करने की बात कही गई है और धर्मांतरण के फायदे भी गिनाए गए हैं।
एसआईटी इन सभी तथ्यों को बेहद अहम साक्ष्य माना है। जांच में शामिल किया है। एसआईटी के अनुसार वीडियो से अधिक पुख्ता सुबूत ये साहित्य हैं। वीडियो वायरल होने के बाद जब मामले ने तूल पकड़ा था तो पता चला था कि मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन ने बस्तियों में धार्मिक साहित्य बंटवाया है।
जिसमें शुद्ध भक्ति और उपासना तथा नमन नाम की दो किताबें थीं। एसआईटी ने जब जांच आगे बढ़ाई तो जानकारी हुई कि तीसरी किताब भी है। जिसका नाम शुद्ध धर्म है। इस किताब को भी लोगों में वितरित किया गया।
सूत्रों के मुताबिक वीडियो की अपेक्षा ये साहित्य आईएएस के खिलाफ ज्यादा मजबूत साक्ष्य हैं। जानकारी मिली है कि साहित्य में दूसरे धर्मों की बुराई की गई है। तमाम कट्टरता भरे प्रसंग भी उसमें लिखे गए हैं। एसआईटी ने उर्दू के जानकारों से साहित्य के तमाम लेख हिंदी में अनुवाद कराए हैं।
दोषी ठहराए जाना लगभग तय
एसआईटी ने जांच में मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन द्वारा लिखा हुआ साहित्य, वायरल वीडियो, कर्मचारियों और शिकायतकर्ताओं के बयान शामिल किए हैं। जो बयान और शिकायतें मिली हैं उससे संबंधित साक्ष्य जुटाए हैं। सूत्रों के मुताबिक आईएएस इफ्तिखारुद्दीन के खिलाफ लगे आरोपों की लगभग पुष्टि हो गई है। जांच में उनको दोषी ठहराए जाना तय है।