मनीष गुप्ता हत्याकांड: मनीष के दोस्तों का बयान, गिरकर नहीं हुई मनीष की मौत

Gorakhpur Zone

(www.arya-tv.com) कारोबारी मनीष गुप्ता की मौत के मामले की जांच कर रही एसआईटी कानपुर ने मनीष के दोनों दोस्तों हरवीर सिंह और प्रदीप का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की मदद से बयान दर्ज किया। दोस्तों ने मनीष के साथ ही शराब पीने और दावत की बात को स्वीकार करते हुए बताया कि शराब इतनी भी नहीं पी थी कि गिरकर मनीष मर जाते। अगर वह इतने पीए होते तो इतने आराम से अपने भांजे के दोस्त दुर्गेश वाजपेयी से बात नहीं कर पाते। पुलिस ने विवाद बढ़ाया तो उन्होंने खुद दुर्गेश को फोन मिलाया था। वीडियो कांफ्रेंसिंग से कानपुर के पुलिस अफसर भी जुड़े थे।

जानकारी के मुताबिक, कानपुर के एडिशनल पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी के नेतृत्व में मंगलवार को मनीष के दोस्तों का बयान दर्ज किया गया। दोपहर 12 से दो बजे तक एसआईटी ने बातचीत की। इनमें मनीष के दोस्त गोरखपुर के सिकरीगंज बढ़यापार के रहने वाले चंदन सैनी, राणा प्रताप चंद, धनंजय त्रिपाठी सहित गुड़गांव के दोस्त हरवीर सिंह और प्रदीप सिंह शामिल रहे। हालांकि, इस दौरान टीम ने राणा प्रताप सिंह और धनंजय त्रिपाठी से कोई खास बातचीत नहीं की। जबकि, चंदन सैनी, हरवीर सिंह और प्रदीप सिंह से टीम ने घटना के पहले दिन से लेकर अबतक की एक-एक जानकारी बारीकी से जानने की कोशिश की।

हरवीर ने यह भी स्वीकारा है कि वारदात से पहले उन्होंने दोस्तों संग गोरखपुर में अदालत रेस्टोरेंट में खाना खाया और थोड़ी शराब भी पी थी। लेकिन वह इतनी नहीं थी कि बहक जाएं। दुर्गेश से बातचीत के वायरल ऑडियो में मनीष बिल्कुल ठीक से बात करते हुए सुने जा सकते हैं। इसके अलावा होटल चेकिंग के वक्त उनकी कुछ फोटो भी सामने आई थीं। कुछ फोटो में मनीष बेड से बड़े ही आराम से उतरते भी दिख रहे हैं।

मनीष की याद में दोस्त ने लगाया कॉलर ट्यून
मनीष गुप्ता की मौत का उनके दोस्तों को कितना गम है और वे इस घटना के बाद किस कदर टूट चुके हैं, इसका अंदाजा उनके गोरखपुर में रहने वाले दोस्त चंदन सैनी के मोबाइल पर कॉल करते ही उनके कॉलर ट्यून से ही लग जाता है। मनीष की मौत के बाद उनके दोस्त चंदन ने अपने मोबाइल पर दोस्त की याद में दिल को झकझोर देने वाली कॉलर ट्यून लगाई है ‘ऐ मेरे दोस्त लौट के आजा… तेरे बिन जिंदगी अधूरी है।’

कानपुर के बर्रा निवासी कारोबारी मनीष गुप्ता 27 सितंबर की सुबह आठ बजे गोरखपुर अपने दो दोस्तों हरवीर व प्रदीप के साथ घूमने आए थे। तीनों तारामंडल स्थित होटल कृष्णा पैलेस के कमरा नंबर 512 में ठहरे थे। 27 सितंबर की रात ही रामगढ़ताल थाना प्रभारी इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह, फलमंडी चौकी प्रभारी रहे अक्षय मिश्रा सहित छह पुलिस वाले आधी रात के बाद होटल में चेकिंग को पहुंच गए थे। कमरे की तलाशी लेने पर मनीष ने आपत्ति जताई तो पुलिसकर्मियों से उनका विवाद हो गया। आरोप है कि पुलिस वालों ने उनकी पिटाई कर दी थी जिससे उनकी मौत हो गई थी। शुरुआत में पुलिस की ओर से नशे में गिरने से मौत बताया था मगर बाद में हत्या का केस दर्ज किया गया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मनीष के शरीर पर कई जगह चोट के निशान मिले। मनीष की पत्नी मीनाक्षी की तहरीर पर पुलिस ने तीन नामजद और तीन अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया, तब जाकर परिवार के लोग शव लेकर कानपुर रवाना हुए थे।

आज डॉक्टरों का बयान दर्ज करेगी एसआईटी
एसआईटी कानपुर घटना की रात मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर व नर्सिंग होम के स्टाफ से आज पूछताछ कर जानकारी हासिल करेगी। खबर है कि पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों से भी एसआईटी मनीष को आई चोटों को समझेगी। ताकि सभी पहलुओं को बारीकी से समझकर जांच पूरी की जा सके।