MES के काला दिवस कार्यक्रम में भाग लेने बेलगावी जा रहे थे शिवसेना कार्यकर्ता, पुलिस ने रोका

National

(www.arya-tv.com) कर्नाटक स्थापना दिवस के मौके पर महाराष्ट्र एकीकरण समिति (एमईएस) के ‘काला दिवस’ कार्यक्रम में हिस्सा लेने बेलगावी जा रहे शिवसेना कार्यकर्ताओं को पुलिस ने बुधवार को सीमा पर जाने से रोक दिया।

पुलिस ने बताया कि कोल्हापुर जिला अध्यक्ष विजय देवाने के नेतृत्व में शिवसेना के करीब 30 कार्यकर्ताओं को सीमा पर बेलगावी में प्रवेश करने से रोका गया। इसके बाद उन लोगों को कोल्हापुर पुलिस को सौंप दिया गया। अधिकारी ने बताया कि कार्यकर्ताओं को पुणे-बंगलूरू राष्ट्रीय राजमार्ग पर निप्पानी तालुक में कोगनोली जांच चौकी पर रोका गया।

गौरतलब है, कई मराठी भाषी क्षेत्रों और गांवों को महाराष्ट्र में मिलाने के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रही एमईएस हर साल कर्नाटक स्थापना दिवस को काला दिवस के रूप में मनाती है।

बेलगावी प्रशासन ने मंगलवार को कानून-व्यवस्था बनाए रखने का हवाला देते हुए महाराष्ट्र के तीन मंत्रियों और एक सांसद के इस जिले में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगा दिया था। प्रशासन ने यह कदम हिंसा और विरोध प्रदर्शन न हो इसे देखते हुए लिया था।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि एमईएस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मंत्रियों शंभूराजे देसाई, चंद्रकांत पाटिल, दीपक केसरकर और सांसद धैर्यशील माने के शामिल होने की उम्मीद है। एमईएस ने हाल ही में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से कोल्हापुर में मुलाकात की थी और सीमा मुद्दे पर उनका समर्थन मांगा था। साथ ही अनुरोध किया था कि वह एमईएस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए प्रतिनिधियों को भेजें।

सीमा विवाद सन् 1957 का है, जब राज्यों को भाषाई आधार पर पुनर्गठित किया गया था। महाराष्ट्र ने बेलगावी पर दावा किया, जो पूर्ववर्ती बॉम्बे प्रेसीडेंसी का हिस्सा था, क्योंकि यहां मराठी भाषी आबादी अधिक है और 800 से अधिक मराठी भाषी सीमावर्ती गांव हैं जो वर्तमान में कर्नाटक का हिस्सा हैं।

कर्नाटक का कहना है कि राज्य पुनर्गठन अधिनियम और 1967 महाजन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार भाषाई आधार पर किया गया सीमांकन अंतिम है। बेलगावी को राज्य का अभिन्न अंग बताने के लिए कर्नाटक ने वहां ‘सुवर्ण विधान सौध’ का निर्माण किया, जो राज्य विधानमंडल और बंगलूरू में सचिवालय की सीट विधान सौध की तर्ज पर है।