लॉकडाउन में इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के हॉस्टल खाली कराने की हो तैयारी

Prayagraj Zone UP

प्रयागराज।(www.arya-tv.com) इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) के हॉस्टल अब लॉकडाउन के बाद ही खाली कराए जा सकेंगे। इविवि प्रशासन हॉस्‍टल खाली करने की हिदायत दे चुका है। इविवि प्रशासन ने पिछले दिनों हॉस्टल तत्काल प्रभाव से खाली कराने का निर्देश देते हुए सख्त हिदायत दी थी कि हॉस्टल नहीं खाली करेंगे तो फोर्स की मौजूदगी में खाली कराएंगे। छात्रों ने गुरुवार को कुलपति कार्यालय घेरकर नारेबाजी की थी। चीफ प्रॉक्टर प्रो. आरके उपाध्याय ने बताया कि प्रशासन से बात के बाद ही कोई निर्णय लिया जा सकेगा। फिलहाल हॉस्टल खाली करना पड़ेगा।

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छात्र नेता ने डीएम व एसएसपी से मुलाकात की

उधर छात्र नेता अखिलेश यादव के नेतृत्व में छात्रों ने शुक्रवार को डीएम भानुचंद्र गोस्वामी को ज्ञापन सौंपा। छात्रों ने एसएसपी अभिषेक दीक्षित से भी मुलाकात की। उन्होंने कहा कि पुलिस बल ऐसी कोई कार्रवाई नहीं करेगा जो छात्रहित में नहीं हो। अखिलेश का कहना है कि विवि तानाशाही फरमान वापस नहीं लेगा तो आंदोलन तेज होगा। इस दौरान अजय यादव सम्राट, अतेंद्र सिंह, जितेंद्र धनराज, धनंजय सिंह, रितेश यादव, रोहित प्रजापति, मुकेश राजभर, शुभम पांडेय आदि मौजूद रहे।

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इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) में जून में शिक्षकों के परिवहन भत्ता भुगतान पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की आपत्ति के बाद इविवि प्रशासन सख्त हो गया है। शिक्षकों को जवाब देने के लिए 20 जुलाई तक की मोहलत दी फिर रिकवरी की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

दरअसल, इविवि के करीब 300 शिक्षकों को विश्वविद्यालय आने-जाने के लिए प्रतिमाह परिवहन भत्ते का भुगतान वेतन के साथ किया जाता है। हालांकि, इसके लिए विश्वविद्यालय का खुला होना आवश्यक रहता है। जून में गर्मी की छुट्टी होने के बावजूद शिक्षकों को इसका भुगतान इविवि प्रशासन की ओर से किया जाता रहा है। 2012 से अब तक कुल चार करोड़ रुपये का भुगतान किया। कैग ने इविवि प्रशासन से जवाब मांगा तो 10 जुलाई तक वक्त दिया गया। अब यह अवधि 20 जुलाई कर दी गई। रजिस्ट्रार प्रोफेसर एनके शुक्ल की ओर से जारी नोटिस में कहा कि अविध में कार्यरत और रिटायर्ड शिक्षक जवाब नहीं देते तो वेतन और पेंशन से कटौती की जाएगी।