अब यादों में स्निफर डॉग गुसी…: पुलिस अधिकारियों ने दी श्रद्दांजलि

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(www.arya-tv.com)फुर्तीला शरीर, सूंघने की गजब शक्ति और टारगेट पर पैनी निगाह। भीड़ का जमावड़ा या फिर जिस भी जगह पर विस्फोटक छिपा हो उसे तत्काल तलाश लेना खूबी थी स्नीफर डॉग गुसी की। गुसी अब इस दुनिया में नहीं रही। प्रयागराज पुलिस का पिछले 3 साल से हिस्सा रही गुस्सी की मंगलवार शाम 5 बजे मौत हो गई। जिसके बाद बुधवार सुबह उसे ससम्मान श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान एएसपी श्रवण टी समेत आलाधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे। गुसी का अंतिम संस्कार अरैल घाट पर किया गया।

एक महीने से बीमार चल रही थी गुसी​​​​​​​​​​​​​​

पिछले एक महीने से गुसी बीमार चल रही थी। उसका एक हिस्सा पैरालाइस हो गया था। इलाज राजकीय पशु चिकित्सालय भारद्वाज सदर प्रयागराज में पिछले 25 जून से 8 जुलाई तक चला। इसके बाद आईवीआरआई बरेली में रेफर किया गया। वहां से डॉक्टरों ने जवाब दे दिया तो उसे 13 जुलाई को प्राइवेट डॉग केयर सेंटर प्रयागराज में इलाज के लिए लाया गया। इलाज के दौरान गुसी मादा श्वान का निधन हो गया। मृत श्वान का पोस्टमार्टम राजकीय पशु चिकित्सालय भारद्वाज सदर प्रयागराज में पशु चिकित्तक द्वारा किया गया।

पीएम से लेकर वीवीआईपी की सुरक्षा में तैनात रही
गुसी को 15 अगस्त 2019 को नियुक्त किया गया था। प्रयागराज का करीब तीन साल हिस्सा रही गुसी को सुरक्षा की अहम जिम्मेदारी दी गई थी। प्रयागराज में होने वाले वीवीआईपी कार्यक्रमों जैसे प्रधानमंत्री, सीएम आदि के प्रोग्राम में कार्यक्रम स्थल और रेलवे, एयरपोर्ट जैसे महत्वपूर्ण स्थानों पर तलाशी के दौरान भी इन्हें ले जाया जाता था। गुसी की देखरेख की जिम्मेदारी डॉग स्निफर प्रभारी संतोष संभालते रहे हैं।​​​​​​​

हरियाणा के पंचकूला में दी गई ट्रेनिंग

डॉग स्क्वॉयड प्रभारी संतोष कुमार ने बताया कि खोजी कुत्तों को करीब दो साल पहले हैदराबाद के लॉजिस्टिक विभाग से खरीदा गया था। उस वक्त काफी छोटे थे। इसके बाद हरियाणा के पंचकूला में ट्रेनिंग दी गई और फिर प्रयागराज लाया गया। यहां के खोजी कुत्ते स्मार्टी की मौत के बाद बेहतरीन ट्रैकर की तलाश थी, जो गुसी ने पूरी की। डॉग स्क्वॉयड टीम में लेब्राडोर प्रजाति की गुसी की जासूसी भी गजब की थी। गुसी बम और दूसरे हथियारों का पता बहुत आसानी से लगा लेती थी।

तीन तरह के खोजी कुत्ते
फॉरेंसिक टीम के पास तीन तरह के खोजी कुत्ते हैं। पहले ट्रैकर, जिसकी मदद से चोरी और हत्या जैसे मामले की सुरागरसी की जाती है। दूसरे विस्फोटक पदार्थ को सूंघकर पहचान लेते हैं। वीवीआइपी के आने और रेलवे, एयरपोर्ट जैसे महत्वपूर्ण स्थानों पर तलाशी के दौरान भी इन्हें ले जाया जाता है। तीसरे मादक पदार्थों के बारे में पता लगाते हैं।