मंकीपॉक्स और स्वाइन-फ्लू को लेकर स्कूल अलर्ट:CMO ने जारी की एडवाइजरी

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(www.arya-tv.com)देश में कोरोना के बाद मंकीपॉक्स का खतरा बढ़ता जा रहा है। केरल, दिल्ली के बाद अब मंकीपॉक्स के लक्षण वाले मरीज बिहार, यूपी के औरैया में भी मिले हैं। हालांकि अभी इनमें मंकीपॉक्स की पुष्टि नहीं हुई है। सिर्फ लक्षण देखकर ही डॉक्टर अनुमान लगा रहे कि इनको मंकीपॉक्स हो सकता है। दोनों मरीजों की जांच रिपोर्ट अभी आना बाकी है।

कानपुर में मंकीपॉक्स के अलावा स्वाइन फ्लू का भी खतरा बढ़ गया है। CMO डॉ. आलोक रंजन ने स्कूलों को एक जनरल एडवाइजरी जारी की है।

40 साल से नीचे वाल रहें सतर्क
इस बारे में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की उप प्राचार्य और मेडिसिन विभाग हेड डॉ. ऋचा गिरी से बात की। उन्होंने बताया, “मंकीपॉक्स बच्चों के लिए उतना ही खतरनाक है, जितना बड़ों के लिए। स्मालपॉक्स, चिकनपॉक्स जैसी बीमारियां का इस समय मौसम चल रहा है।

मंकीपॉक्स भी इसी बीमारी की तरह होता है। ऐसी बीमारियां बच्चों में ज्यादा फैलने का डर होता है। क्योंकि, वो एक दूसरे के काफी करीब रहते है। 40 साल से नीचे के लोगों में मंकीपॉक्स फैलने का खतरा ज्यादा है।

स्कूलों को सतर्क रहने की सलाह दी
सीएमओ डॉ. आलोक रंजन ने बताया,”स्कूलों को सतर्कता बरतने के लिए कहा है। जिस तरह का प्रोटोकॉल कोरोना के समय में लागू होता था। उसे ही फॉलो करने की सलाह दी है। मंकीपॉक्स और स्वाइन फ्लू का संक्रमण कोरोना की तरह नहीं फैलता। ऐसे मामलों में हम लोगों को सिर्फ थोड़ी सावधानी बरतने की जरूरत है। स्कूलों को अपने परिसर में साफ सफाई रखने के लिए कहा है।

अगर किसी बच्चे को चिकनपॉक्स या स्मालपॉक्स जैसी बीमारी के लक्षण दिखते है, तो विभाग को इसकी सूचना दे। मास्क का प्रयोग हमेशा करे। शहर में अब तक जितने भी सूअर मरे है उनमें अफ्रीकन फ्लू पाया गया है जो इंसानों के लिए खतरनाक नहीं है। इस फ्लू से सिर्फ सुअरों की ही मौत हो सकती है।

सरकारी और निजी स्कूल बरत रहे है सावधानी
बेसिक शिक्षा अधिकारी और डीआईओएस ने कहा,”एक से आठवीं तक के स्कूलों में सतर्कता बरतने के लिए कहा गया है। साथ ही जितना हो सके उतनी साफ-सफाई स्कूल परिसर में रखने के निर्देश दिए है।”