अस्पतालों को मिले वेंटिलेटर पर बड़ा खुलासा:SGPGI के डॉक्टर्स ने वेंटिलेटर को खराब बताया

Lucknow

(www.arya-tv.com)कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच लखनऊ के SGPGI के डॉक्टर्स की एक रिपोर्ट से बड़ा खुलासा हुआ है। इसमें डॉक्टर्स ने पीएम केयर फंड से मिले वेंटिलेटर को खराब बताया है। कहा है कि इससे 10 किलोग्राम से कम वजन के बच्चों का इलाज संभव नहीं होगा। डॉक्टर्स की टीम ने बकायदा जांच करने के बाद ये रिपोर्ट तैयार की है।

इस रिपोर्ट में पॉइंट वाइज बताया है कि वेंटिलेटर में क्या-क्या खामियां हैं। उसका क्या असर पड़ सकता है। हालांकि, डॉक्टर्स ने ये भी कहा है कि बड़े उम्र के लोगों का इससे इलाज संभव है। बता दें कि राजधानी लखनऊ के अस्पतालों को पीएम केयर से 40 वेंटिलेटर मिले हैं। इसमें PGI, KGMU, लोहिया, बलरामपुर अस्पताल भी शामिल है।

क्या है रिपोर्ट में ?

  • ईज ऑफ वेंटिलेशन के मामले में टाइडल वेंटिलेशन वॉल्यूम सेट 50 ml से 1600 ml है, इसलिए इसे 10 किलोग्राम से कम वजन के बच्चों के लिए प्रयोग में नहीं लाया जा सकता।
  • वेंटिलेटर कंप्रेसर को लेकर एक्सपर्ट पैनल का मानना है कि काम तो यह ठीक कर रहा है पर इसमें नॉइज़ (आवाज) बहुत ज्यादा है। शोर होने के कारण यह मरीजों और ICU स्टॉफ दोनों के लिए असुविधाजनक है।
  • वेंटिलेटर का डिस्प्ले साइज के 6.5 cm है। इसके कारण अलार्म रिकॉगनिशन में भी चैलेंज है।
  • NIV मोड को लेकर अभी अनिश्चितता है। डॉक्टर्स में भ्रम की स्थिति बनी हुई है।

    क्यों कराई गई जांच ?
    दरअसल देश और दुनियाभर के वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि अगस्त, सितंबर तक देश में कोरोना की तीसरी लहर दस्तक दे सकती है। इसमें ये भी कहा गया है कि इस लहर में सबसे ज्यादा बच्चे संक्रमित होंगे। यही कारण है कि सरकार भी पहले से सारे इंतजाम करने में जुटी हुई है और सारे अस्पताल प्रशासन भी तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं।

    इसी को लेकर SGPGI प्रशासन ने भी वेंटिलेटर की स्थिति को लेकर एक इंटर्नल कमेटी बनाई थी। इसमें इमरजेंसी मेडिसिन, एनस्थीसिया और पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के विशेषज्ञ शामिल किए गए। एक्सपर्ट्स ने अस्पताल में पीएम केयर फंड से मिले वेंटिलेटर की हर पैरामीटर्स को बारीकी से चेक किया गया। टीम के सदस्य डॉ.आरके सिंह ने पीएम केयर के वेंटिलेटर को बड़े मरीजों के इलाज में इस्तेमाल किए जाने की सलाह दी है।