सीमा विवाद पर सुलह की कोशिश:भारत-चीन के बीच मोल्डो में होगी कोर कमांडर लेवल की बातचीत

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(www.arya-tv.com)तीन महीने बाद एक बार फिर भारत-चीन के बीच आज कोर कमांडर लेवल की 12वें दौर की बातचीत होगी। यह मीटिंग चीन के मोल्डो में सुबह 10.30 बजे से होगी। भारत और चीन हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा हाइट्स इलाके से सेना हटाने को लेकर चर्चा करेंगे।

दोनों देशों के बीच पिछले साल अप्रैल से पूर्वी लद्दाख की वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनावपूर्ण स्थिति कायम है। दोनों देश की सेनाओं के बीच पैंगोंग झील के किनारों समेत कई जगहों से डिसएंगेजमेंट हुआ है, लेकिन कुछ हिस्सों को लेकर अभी भी तनाव बना हुआ है।

इससे पहले विवाद खत्म करने को लेकर चीन ने 26 जुलाई को बातचीत का सुझाव दिया था। भारत ने करगिल विजय दिवस के चलते इसे आगे बढ़ा दिया था। इससे पहले दोनों देशों के बीच कोर कमांडर लेवल की 11वें दौर की बातचीत 9 अप्रैल को LAC से भारतीय सीमा की ओर चुशुल में हुई थी।

इन मुद्दों पर हो सकती है बातचीत

  • सैन्य सूत्रों के मुताबिक, ईस्टर्न लद्दाख में गोगरा और हॉट स्प्रिंग एरिया से डिसएंगेजमेंट पर सहमति बनाने को लेकर चर्चा हो सकती है। इन दोनों पॉइंट पर दोनों तरफ से करीब 30-35 सैनिक ही तैनात हैं।
  • हॉट स्प्रिंग एरिया में पैंगोंग से भी पहले डिसएंगेजमेंट शुरू हुआ था, लेकिन वह पूरा नहीं हो पाया। यहां दोनों सेनाओं की एक प्लाटून (करीब 30 सैनिक) तैनात हैं। दोनों देशों के सैनिक इन पॉइंट्स पर पेट्रोलिंग भी नहीं कर पा रहे हैं।
  • बातचीत में डेमचोक और डेपसांग का मसला भी उठाया जाएगा। भारत चाहेगा कि डेपसांग एरिया में चीनी सैनिकों ने जो पेट्रोलिंग पॉइंट ब्लॉक किए हैं उन्हें वह खोले और अपने सैनिकों को हटाए।
  • डेमचोक एरिया में चीनी सैनिकों के साथ ही सिविलियंस के टेंट भी लगे हैं। यह भी करीब दो साल पुराने हैं और मीटिंग में इन पर भी बात होनी है। मीटिंग में भारत की तरफ से अप्रैल 2020 से पहले वाली स्थिति बहाल करने पर बात होगी। हालांकि यह इतना आसान नहीं है।

लद्दाख में टकराव वाले कई स्थानों पर सैन्य गतिरोध बरकरार
पिछले साल मई के बाद से पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले कई स्थानों पर दोनों देशों के बीच सैन्य गतिरोध बना हुआ है। दोनों पक्षों ने सिलसिलेवार सैन्य और कूटनीतिक वार्ताओं के बाद पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिणी किनारों से सैनिकों और हथियारों को हटाने की प्रक्रिया पूरी कर ली है।

हालांकि, टकराव वाले शेष स्थानों से सैनिकों को हटाने की कोई गतिविधि होती नहीं दिखी है, क्योंकि चीनी पक्ष ने 11वें दौर की सैन्य वार्ता में इस पर अपनी नरमी नहीं दिखाई थी।