पन्नू केस में अमेरिकी अधिकारी ने दिखाए तेवर तो भारत ने ‘हड़काया’, कही ऐसी बात कि बोलती हो गई बंद!

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(www.arya-tv.com)अमेरिका में सिख अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या के प्रयास के मामले में बड़ी जानकारी सामने आई है. इस केस में अमेरिका की ओर से लगाए गए आरोपों की जांच में भारत ने पाया है कि हत्या के प्रयास में भारत सरकार का कोई भी अधिकृत व्यक्ति शामिल नहीं था.

मामले की जांच कर रही उच्च स्तरीय कमेटी ने पहचान का खुलासा न करने की शर्त पर बताया है कि कथित हत्या के प्रयास में सीधे तौर पर शामिल आरोपी लंबे समय से भारत की मुख्य जासूसी एजेंसी, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग के लिए काम नहीं कर रहा है.

अमेरिकी अधिकारी ने कही ये बात

दूसी तरफ अमेरिका ने इस मामले में कहा है कि गुरपतवंत पन्नू केस की जांच को वह गंभीरता से देख रहा है. अमेरिका ने भारत सरकार से जांच में तेजी लाने की भी अपील की है. अमेरिका के विदेश विभाग के अधिकारी और और सेंट्रल एशिया मामलों के सहायक सचिव डोनाल्ड लू से जब पूछा गया कि क्या अमेरिका पन्नू केस में शामिल लोगों पर प्रतिबंध लगाएगा और दूसरे कड़े कदम उठाएगा तो इस पर उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा है. इसमें भारत सरकार के अफसरों पर आरोप लगे हैं. ऐसे में हम इसमें बहुत सीरियस हैं.

अमेरिका ने भारत पर लगाए थे ये आरोप

अमेरिका की ओर से लगाए गए आरोपों में कहा गया था कि सिख नेता की हत्या के प्रयास में शामिल निखिल गुप्ता नाम का आरोपी भारत सरकार की ओर से नियोजित है और भारत ने उसके खिलाफ कोई आपराधिक कार्रवाई शुरू नहीं की है. अमेरिका ने इस मामले में भारत से कार्रवाई की मांग की थी. इसके बाद भारत सरकार ने एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया था. भारत सरकार ने कमेटी की जांच में सामने आई बातें अमेरिका को बताई हैं.

अमेरिका लगातार कर रहा कार्रवाई का अनुरोध

इससे पहले अमेरिका ने इस केस में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने की मांग की थी. यह अनुरोध दक्षिण और मध्य एशिया के सहायक सचिव डोनाल्ड लू ने जनवरी में अपनी भारत यात्रा के दौरान दोहराया था. दरअसल, अमेरिकी अभियोजकों ने नवंबर में भारत सरकार के एक अधिकारी पर जून में न्यूयॉर्क में अमेरिकी नागरिकता रखने वाले एक सिख कार्यकर्ता को मारने की साजिश का निर्देश देने का आरोप लगाया था.

हालांकि अमेरिका ने उस सिख नेता का नाम नहीं बताया था, लेकिन बाद में द फाइनेंशियल टाइम्स ने अज्ञात स्रोतों का हवाला देते हुए एक खबर में बताया था कि वह सिख नेता प्रतिबंधित ‘सिख फॉर जस्टिस’ संगठन का गुरपतवंत सिंह पन्नू है. पन्नू अलगाववादी नेता है और मौजूदा नरेंद्र मोदी सरकार का मुखर विरोधी है.