उ0प्र0 माध्यमिक शिक्षक संघ की बैठक सम्पन्न, कई मुद्दों पर चर्चा हुई: डॉ.आर.पी.मिश्रा

Lucknow

माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम की शिक्षकों की पदोन्नति सम्बन्धी धारा 12, प्रधानाचार्यो की तदर्थ पदोन्नति सम्बन्धी धारा 18 और शिक्षकों की सेवा सुरक्षा सम्बन्धी धारा 21 को माध्यमिक शिक्षा अधिनियम 1921 में जोडे़ जाने की मांग को लेकर प्रदेशव्यापी चरणबद्व संघर्ष किया जाएगा। यह निर्णय आज उ0प्र0 माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष सुरेश कुमार त्रिपाठी, पूर्व एम0एल0सी की अध्यक्षता में जय नारायन इण्टर कालेज, लखनऊ के सभागार में सम्पन्न राज्य परिषद की बठैक मे लिया गया।

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रादेशिक उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता डा0 आर0पी0 मिश्र ने बताया कि संघर्ष के पहले चरण में दि0 11 सितम्बर से 20 सितम्बर, 2023 तक प्रदेश के सभी मण्डलों में धरना होगा और धरने के समापन पर संयुक्त शिक्षा निदेशक के माध्यम से मा0 मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया जायगा। ज्ञापन मेे माध्यमिक शिक्षा सेवा अधिनियम की धारा 12, धारा 18 और धारा 21 को माध्यमिक शिक्षा अधिनियम 1921 में जोडे़ जाने तथा अन्य मांगें सम्मिलित होगी।

डा0 मिश्र ने बताया कि संघर्ष के अगले चरण में प्रदेश की राजधानी लखनऊ में विशाल धरना होगा और यदि तब भी मांगे नहीं मानी जाती है तो जेल भरो आंदोलन भी शुरू किया जा सकता है।

प्रदेशीय उपाध्यक्ष डा0 आर0पी0 मिश्र ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा विधान मण्डल में पारित कराये गए उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग में माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम में शिक्षकों की सेवा सुरक्षा की धारा 21, प्रधानाचार्यों की तदर्थ पदोन्न्नति सम्बन्धी धारा 18 और शिक्षकोें की पदोन्नति सम्बन्धी धारा 12 समाप्त कर दी गई है। जिससे प्रदेश के शिक्षकों में आक्रोश व्याप्त है।
डा0 मिश्र ने बताया कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष एवं पूर्व एम0एल0सी0 स्व0 ओम प्रकाश शर्मा की अगुवाई में शिक्षकों के लम्बे संघर्ष के पश्चात माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम में प्रबन्धकों के उत्पीड़न से बचाव के लिए तथा शिक्षकों की सेवा सुरक्षा के लिए धारा 21 बनाई गई थी जिसमें बिना चयन बोर्ड की पूर्वानुमति के प्रबन्ध तन्त्र किसी शिक्षक के विरूद्व कोई दण्डात्मक कार्यवाही नही कर सकता था और यदि चयन बोर्ड की अनुमति के बगैर सेवा समाप्त, वेतन अवरोध आदि किसी भी प्रकार की कार्यवाही शून्य मानी जाती थी। माध्यमिक शिक्षक सेवा चयन बोर्ड अधिनियम की धारा 18 के अन्तर्गत विद्यालय में रिक्त होने वाले प्रधानाचार्य के पद पर यदि 60 दिनों तक प्रधानाचार्य की नियुक्ति नही होती है तो विद्यालय के वरिष्ठतम शिक्षक की तदर्थ प्रधानाचार्य के रूप में पदोन्नित होती है। चयन बोर्ड अधिनियम की धारा 12 के अन्तर्गत संयुक्त शिक्षा निदेशक स्तर पर गठित मण्डलीय समिति द्वारा शिक्षकों की पदोन्नति की जाती थी। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग में शिक्षकों एवं प्रधानाचार्यों की पदोन्नति बाधित होगी।
बैठक में प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कुमार त्रिपाठी, पूर्व एम0एल0सी, नेता शिक्षक दल ध्रुव कुमार त्रिपाठी, एम0एल0सी, महामंत्री नरेन्द्र कुमार वर्मा, हेम सिंह पुण्डीर, पूर्व एम0एल0सी, जगवीर किशोर जैन, पूर्व एम0एल0सी0, सुभाष चन्द्र शर्मा पूर्व एम0एल0सी0, डा0 प्रमोद कुमार मिश्र, पूर्व एम0एल0सी0, पूर्व महामंत्री इन्द्रासन सिंह कोषाध्यक्ष मुकेश शर्मा के साथ प्रदेशीय कार्यकारिणी के पदाधिकारी एवं सदस्यों, सभी मंडलों के अध्यक्ष एवं मंत्री, सभी जनपदों के अध्यक्ष एवं मंत्री तथा जनपद से राज्य परिषद सदस्य सम्मिलित रहे।