लखनऊ के बिजनौर स्थित आर्यकुल कॉलेज में मंगल पांडे 197वीं वर्षगाँठ मनायी गयी। आर्यकुल कॉलेज के प्रबंध निदेशक डॉ. सशक्त सिंह ने दीप प्रज्वल्लित व माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत की। इस अवसर पर आर्यकुल कॉलेज के प्रबंधक निदेशक डॉ. सशक्त सिंह ने कहा की मंगल पांडे एक बहादुर व जाबाज़ स्वतंत्रता सेनानी थे। ब्रिटिश सेना के खिलाफ उनके साहसिक कार्यों ने उन्हें प्रतिरोध का प्रतीक और लाखों भारतीयों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना दिया। उनके द्वारा शुरू किया गया विद्रोह ब्रिटिश साम्राज्य को चुनौती देने वाले एक व्यापक आंदोलन में बदल गया। उनकी इसी पहल ने भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम, 1857 के विद्रोह को जन्म दिया। ब्रिटिश सेना के खिलाफ उनके साहसी और अथक प्रयासों ने उन्हें राष्ट्रीय नायक बना दिया।
श्रद्धांजलि के इस पहल को आगे बढ़ाते हुए फार्मेसी विभाग के उप निदेशक डॉ. आदित्य सिंह, शिक्षा विभाग के एचओडी प्रणव पांडे ने कहा कि हम सिर्फ सेना में रहकर ही देश सेवा नहीं कर सकते हैं बल्कि आमजन मानस के रूप में भी अपने कर्तव्यों का पालन कर देश को सफलता दिला सकते हैं। उनकी इस पहल से ही हम आज इस देश में स्वतंत्र रूप से विचरण कर सकते है। हम आपको बता दे की मंगल पांडेय का जन्म उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में 19 जुलाई 1827 को हुआ था। उनका 22 वर्ष की उम्र में ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना चयन हो गया। वह बंगाल नेटिव इंफेंट्री की 34 बटालियन में शामिल हुए थे। 1857 में भारत के प्रथम स्वाधीनता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका थी। उन्होंने अपने ही बटालियन के खिलाफ बगावत कर दिया था। चर्बी वाले कारतूस को मुंह से खोलने से मना कर दिया था, जिस वजह से उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और 08 अप्रैल 1857 को उन्हें फांसी दे दी गई थी।
इस अवसर पर आर्यकुल ग्रुप ऑफ कॉलेज के रजिस्ट्रार सुदेश तिवारी, फार्मेसी विभाग के उप निदेशक डॉ. आदित्य सिंह, प्रबंध- पत्रकारिता एवं शिक्षा विभाग की उप निदेशक डॉ. अंकिता अग्रवाल, शिक्षा विभाग के एचओडी प्रणव पांडे, शिक्षा विभाग के प्राचार्य एस.सी.तिवारी, डॉ. स्नेहा सिंह, डॉ. राहुल शर्मा, इंद्र देव पांडे, प्रियंका केशरवानी, वर्तिका सिंह, श्वेता मिश्रा, सदब, दीपिका, रोनी बिस्वास, तनया उपाध्याय, विनीता दीक्षित, प्रतिमा शुक्ला, नेहा कुमारी, दीप्ति सिंह, आकांक्षा सैनी, अनामिका ओझा के साथ अन्य शिक्षक गण व स्टाफ उपस्थित रहे।