रांची।(www.arya-tv.com) कुपोषण से पंजा लड़ा रहे झारखंड ने पोषण वाटिका के जरिये कुपोषण से लड़ाई लड़ने की ओर कदम बढ़ा दिया है। यही नहीं अब पोषण वाटिका महिलाओं के आय का माध्यम भी बन रहा है.
राज्य सरकार द्वारा संचालित ‘दीदी बाड़ी योजना’ या यूं कहें पोषण वाटिका अब गरीब परिवार के लिए पौष्टिक भोजन सुनिश्चित करने में सक्षम है। इसके अतिरिक्त, कुपोषण के खिलाफ लड़ाई जीतने के लिए सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 5 लाख रसोईघर/ घर-बगीचा / आंगनवाड़ी उद्यान स्थापित करने की योजना बना रही है।
मनरेगा एवं झारखण्ड राज्य आजीविका मिशन के संयुक्त प्रयास से दीदी बाड़ी योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। राज्य को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए ग्रामीण महिलाओं को अपने घर की बाड़ी में विभिन्न तरह की हरी सब्जियों की खेती का प्रशिक्षण देकर जेएसएलपीएस के द्वारा बीज उपलब्ध कराया जा रहा है.
इस पहल के ज़रिए ग्रामीण परिवार अपनी बाड़ी में उपजे सब्जी के जरिये अपनी थाली को पौष्टिक बनाएंगे, जिससे कुपोषण के खात्मे में मदद मिलेगी। योजना से कम से कम पांच लाख परिवारों को जोड़ने का लक्ष्य है.
योजना के जरिये लाभुक को अपनी बाड़ी में जैविक एवं पोषणयुक्त सब्जियों समेत फलों का उत्पादन करना है ताकि राज्य को कुपोषण मुक्त करने एवं रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने में सहयोग मिल सके।
आबादी के बीच इस योजना के बारे में जागरूकता पैदा करने और इसे बढ़ावा देने के लिए सरकार उन्हें मौसमी सब्जियां, फल, फूल आदि के बीज उपलब्ध कराती है। लाभुक महिलाएं बाजारों में अतिरिक्त उपज बेच आय अर्जित करने में सक्षम हो रही हैं।