मणिपुर हिंसा में तैनात जवान, बवाल के 100 दिन पूरे, संसद में हंगामे के बीच जानें क्या हैं ताजा हालात

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(www.arya-tv.vom) मणिपुर में 3 मई को जो हिंसा शुरू हुई थी, उसे 100 दिन पूरे हो गए हैं। अभी भी हालात ठीक नहीं हैं और राज्य की स्थिति को लेकर बीते दिन ही देश की संसद में एक लंबी बहस खत्म हुई है। विपक्ष द्वारा मणिपुर हिंसा को लेकर ही सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, जिसपर बीते दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जवाब दिया और मणिपुर को ये भरोसा जताया कि जल्द ही शांति का सूरज उगेगा। एक तरफ संसद में जब सरकार और विपक्ष मणिपुर पर आर-पार की जंग लड़ रहे थे, तब राज्य में कैसे हालात हैं और अभी वहां क्या चल रहा है,…

विधायकों की पीएम को चिट्ठी

मणिपुर में ताजा विवाद असम रायफल्स को लेकर चल रहा है, यहां पुलिस और असम रायफल्स आमने-सामने हैं। पुलिस ने एक मामले में सेना की इस टुकड़ी के खिलाफ केस भी दर्ज कर लिया है, इतना ही नहीं अब राज्य के कई विधायकों ने इस मसले पर सीधा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। मैतइ और कुकी समुदाय के विधायकों ने पीएम मोदी को असम रायफल्स के मद्देनज़र चिट्ठी लिखी है, इसमें मैतइ समुदाय ने राज्य से असम रायफल्स को तुरंत हटाने की अपील की है। जबकि 10 कुकी विधायकों ने ऐसा ना करने को कहा है, कुकी विधायकों का कहना है कि अगर असम रायफल्स हटती है तो उनके समुदाय पर खतरा होगा।

पीएम मोदी को शिकायत की गई है कि असम रायफल्स पिछले तीन महीने में हिंसा रोकने में नाकाम रही है, लगातार बॉर्डर से देश में हथियारों को लाया जा रहा है इसके बावजूद अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया गया है। ऐसे में जरूरत है कि असम रायफल्स की जगह किसी अन्य फोर्स को यहां पर तैनात किया जाए। इन विधायकों से पहले मणिपुर की भाजपा यूनिट ने भी प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी लिख असम रायफल्स को हटाने की मांग की थी।

100 दिन पूरे होने पर हुई स्टूडेंट रैली

मणिपुर में जारी हिंसा को 100 दिन हो गए हैं, ऐसे में गुरुवार को चूराचांदपुर में स्टूडेंट्स यूनियन ने रैली आयोजित की और राज्य में हिंसा को काबू ना किए जाने पर सवाल खड़े किए। जोमी स्टूडेंट्स फेडरेशन, कुकी स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन, हमर स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने अपनी रैली में आह्वान किया कि जबतक कुकी समुदाय की मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा, तबतक उनका संघर्ष जारी रहेगा।

‘द मणिपुर ट्राइबल्स फोरम डेल्ही’ ने भी राज्य में हिंसा के 100 दिन पूरा होने पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की और आरोप लगाया कि अभी तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है, अभी तक करीब 130 से ज्यादा आदिवासियों की मौत हुई है और 55 हजार से अधिक लोग राहत शिविरों में विस्थापित हो रहे हैं।

संसद में मणिपुर पर क्या हुआ?

मणिपुर हिंसा के मद्देनज़र ही विपक्ष ने केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। इसी पर 3 दिन तक चर्चा हुई, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि मणिपुर में शांति स्थापित करने के प्रयास हो रहे हैं और जल्द ही यहां पर शांति का सूरज उगेगा। गृह मंत्री अमित शाह ने विस्तार से इस मसले पर बात की और बताया कि किस तरह हाईकोर्ट के एक आदेश ने राज्य में छाए हुए तनाव को हिंसा में बदल दिया।

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए मणिपुर को हिंसा की आग में झोंकने का आरोप लगाया, साथ ही उन्होंने मणिपुर, भारत माता को लेकर ऐसे बयान भी दिए जिन्हें संसद की कार्यवाही से हटा दिया गया। बता दें कि मणिपुर में मैतइ और नागा-कुकी समुदाय के बीच विवाद के बाद ही हिंसा शुरू हुई थी. ये विवाद आरक्षण को लेकर था, जिस वजह से 3 मई को बवाल हुआ।

तभी से राज्य में हिंसा हो रही है और करीब 200 लोगों की जान जा चुकी है। अभी तक हजारों लोगों को अपना घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है, लाखों-करोड़ों की संपत्ति को आग के हवाले कर दिया गया है। राज्य में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा बातचीत की सभी कोशिशें फेल हो रही हैं और हर दिन अलग-अलग हिस्सों से बवाल की खबरें आ रही हैं। राज्य में अभी इंटरनेट बैन, अलग-अलग जगह कर्फ्यू और अन्य पांबदियां लगी हुई हैं।