कानपुर में NIA का डेरा:उदयपुर के टेलर हत्याकांड के आतंकियों का यूपी कनेक्शन मिला

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(www.arya-tv.com) राजस्थान के उदयपुर में हुई टेलर कन्हैयालाल की हत्या में यूपी का कनेक्शन सामने आया है। NIA की जांच में आतंकी मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद के कानपुर से जुड़े होने की बात सामने आई है। UP-ATS ने इसकी जानकारी होते ही अपनी सतर्कता यूपी से लेकर राजस्थान तक बढ़ा दी है। UP-ATS एडिशनल एसपी की अगुवाई में तीन लोगों की टीम के साथ राजस्थान पहुंच गई है, लेकिन आरोपियों के जेल में होने से पूछताछ नहीं कर सकी।

कन्हैयालाल हत्याकांड में कानपुर कनेक्शन सामने आने के बाद NIA की टीम गुरुवार रात से कानपुर में डेरा डाले है।

रिमांड मिलने पर आतंकियों से करेगी पूछताछ
ATS के एडीजी नवीन अरोड़ा के मुताबिक, हत्या के दोनों आरोपी जेल में होने से टीम उनसे पूछताछ नहीं कर सकी। रिमांड पर आने पर टीम पूछताछ करेगी। यूपी-एटीएस उत्तर प्रदेश में कोई आतंकी गतिविधियां न हों, इसको लेकर लगातार अलर्ट मोड पर है। पूरे केस को NIA देख रही है। इसके चलते यूपी-एटीएस सीधे तौर पर इस विषय पर कुछ नहीं कह सकती। टीम अन्य घटनाओं की तरह इस पर भी नजर बनाए है।

आतंकियों का हेडक्वार्टर है कानपुर, सरताज की तलाश में दबिश
उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल मर्डर के आरोपी मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद की जांच में दावत-ए-इस्लामी संगठन से जुड़े होने की बात सामने आई है। इसके साथ ही दोनों आरोपियों के पास मिले दस्तावेज की जांच से साफ हुआ है कि दोनों का कानपुर के साथ ही दिल्ली और मुंबई से कनेक्शन है। कानपुर कनेक्शन की जांच करने के लिए ही NIA की टीम कानपुर में डेरा डाले है।

हत्या कर दोनों कानपुर आना चाहते थे
जांच में यह भी पता चला है कि हत्या करने के बाद आतंकी भागकर कानपुर आना चाहते थे। आखिर दोनों कानपुर क्यों आना चाहते थे? यहां पर उन्हें कौन पनाह दे रहा था? इससे पहले भी दोनों आरोपियों का कानपुर आना-जाना किस सिलसिले में रहा है? इस तरह के सवालों का जवाब तलाशने के लिए NIA की टीम ने कानपुर में डेरा डाल दिया है।

दावत-ए-इस्लामी कानपुर के संचालक सरताज की तलाश में कई ठिकानों पर दबिश देने के साथ ही NIA अपनी जांच शुरू कर दी है। कानपुर के दावत-ए-इस्लामिक दफ्तर का भी पता लगाया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो दावत-ए-इस्लामिक के दफ्तर से ही आतंकी गतिविधियों के लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा था। यही यूपी का मुख्य सेंटर भी है।

ट्रेनिंग में युवा बन रहे जिहादी
NIA को जांच के दौरान यह भी जानकारी मिली है कि कानपुर में आतंक की ट्रेनिंग दी जा रही। यहां से ही युवाओं को आतंक के लिए मोटिवेट किया जा रहा है। सिर्फ कानपुर ही नहीं, अन्य प्रदेशों के लोगों को भी कानपुर सेंटर में ही ट्रेनिंग के लिए बुलाया जाता है। खुफिया रिपोर्ट की मानें तो कानपुर में अपना हेडक्वार्टर बनाकर आतंकी संगठन पूर्वोत्तर के इलाकों में हिंसा फैलाने की साजिश कर रहे थे।

आतंकियों का है कानपुर से पुराना नाता
कानपुर से आतंकियों का पुराना नाता है। यहां पर आतंकियों से लेकर स्लीपर सेल तक पकड़े जा चुके हैं। आइए जानते हैं कि कब-कब आतंक कनेक्शन में कानपुर का नाम सामने आया है…

  • 14 अगस्त 2000 में आर्यनगर में पहला कुकर बम धमाका हुआ था।
  • सचेंडी से 11 सितंबर 2009 को ISI एजेंट इम्तियाज की गिरफ्तारी हुई थी।
  • ISI एजेंट वकास की गिरफ्तारी बिठूर से 27 सितंबर 2009 को हुई थी।
  • 18 सितंबर 2011 को एटीएस ने रेल बाजार से ISI एजेंट रहमान उर्फ गड्डू को अरेस्ट किया था।
  • पटना में विस्फोट करने वाले एक संदिग्ध को ATS ने 14 अप्रैल को पनकी स्टेशन से अरेस्ट किया था।
  • 2017 में ISIS के आतंकियों के खुरासान मॉडयूल का खुलासा हुआ था। ATS ने हिजबुल मुजाहिदीन के करूज्जमा उर्फ कमरूद्दीन को 14 सितंबर 2018 को जाजमऊ से अरेस्ट किया था।
  • 8 मार्च 2017 को आतंकी सैफुल्लाह को लखनऊ में ATS ने मार गिराया था। इसके बाद कानपुर से कई आतंकी पकड़े गए थे।
  • 17 जनवरी 2020 को देशभर में 50 से ज्यादा आतंकी विस्फोट करने वाला डॉ. जलीस अंसारी उर्फ डॉ. बम पकड़ा गया था।