टर्निंग ट्रैक पर पेस के आगे फेल हुआ भारत का टॉप ऑर्डर

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(www.arya-tv.com)इंग्लैंड ने तीसरे टी-20 मुकाबले में टीम इंडिया को 8 विकेट से हरा दिया। यह मैच लाल मिट्‌टी से बनी पिच पर हुआ था। लिहाजा, उम्मीद थी कि पिच से स्पिनर्स को ज्यादा मदद मिलेगी, लेकिन मार्क वुड और जोफ्रा आर्चर की तूफानी तेज गेंदबाजी ने भारतीय बल्लेबाजी को घुटने के बल ला दिया। पावर-प्ले में भारत की पारी पावर विहीन लगी। इसके बाद जब गेंदबाजी की बारी आई तब भी पहले 6 ओवर में ही यह लगभग साफ हो गया कि मैच किस ओर जा रहा है।

टॉस और खराब शुरुआत सहित कुछ पांच ऐसे फैक्टर रहे जो इस मुकाबले में भारत की हार का सबब बने। चलिए जान लेते हैं इन सभी फैक्टर के बारे में। पांचवां फैक्टर सबसे पहले और पहला आखिर में…

5. लगातार तीसरी बार टॉस बना बॉस
टॉस के लिए सिक्का उछाला तो हाथ से जाता है लेकिन यह किस करवट गिरेगा किसी के हाथ नहीं होता। विराट कोहली ने सीरीज में दूसरी बार टॉस गंवाया और साथ ही भारतीय टीम ने दूसरी बार मैच गंवा दिया। दूसरे टी-20 में इंग्लैंड ने टॉस और मैच गंवाया था। यानी इस सीरीज में टॉस ही बॉस साबित हो रहा है। पहले बल्लेबाजी के वक्त रन बनाना कठिन हो रहा है, लेकिन दूसरी पारी में ओस गिरने से बैटिंग आसान हो जाती है। इंग्लैंड की टीम ने इसका बखूबी फायदा उठाया।

4. दोनों पावर-प्ले में नहीं दिखा पावर

पहले बैटिंग करते हुए भारतीय टीम पावर-प्ले के 6 ओवरों में सिर्फ 24 रन बना सकी। विकेट भी तीन गंवा दिए। 20 ओ‌वर के मैच में करीब एक तिहाई ओवर तक रन रेट सिर्फ 4 का हो तो वापसी मुश्किल हो जाती है। बाद में विराट कोहली ने काफी दम लगाया, लेकिन टीम 156 रन तक ही पहुंच सकी। इसके बाद जब गेंदबाजी की बारी आई तो हमने पहले 6 ओवर में 57 रन लुटा दिए। विकेट भी सिर्फ 1 ले पाए। दोनों पावर-प्ले में भारत का पावरलेस खेल हार की मुख्य वजह साबित हुआ।

3. टर्निंग ट्रैक पर स्पीड से खाई मात
मार्क वुड ने नियमित तौर पर 150 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से गेंदबाजी की। जोफ्रा आर्चर भी ज्यादातर मौकों पर 140 की रफ्तार से ऊपर रहे। धीमी पिच पर इतनी तेज गेंदों के आगे भारतीय बल्लेबाज असहज रहे। वुड ने रोहित और राहुल के विकेट लेकर शुरुआत में ही भारत को बैकफुट पर धकेल दिया। बाद में उन्होंने श्रेयस अय्यर का विकेट भी लिया।

2. कोहली को कम मिली स्ट्राइक

विराट कोहली भारतीय पारी में 28 गेंद बाद ही क्रीज पर आ गए थे। उनके आने के बाद 92 गेंदें हुईं। विराट को इनमें से आधी यानी 46 गेंदें ही खेलने को मिली। अगर वे 55-60 गेंद खेल पाते तो भारतीय पारी भी 156 की जगह 175-180 पर पहुंच सकती थी। विराट ने 167 के स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी की, लेकिन दूसरे छोर के बल्लेबाज संघर्ष करते दिखे और नियमित तौर पर विराट को स्ट्राइक नहीं दे सके। ऋषभ पंत 125, श्रेयस अय्यर 100 और हार्दिक पंड्या 113 के स्ट्राइक रेट से ही बल्लेबाजी कर सके।