नवजात शिशु की मांसपेशियां इस तरह करें मजबूत, ये है मसाज का तरीका

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(www.arya-tv.com) 6 महीने से कम उम्र वाले बच्चों की हड्डियां और मांसपेशियां कमजोर होती है, जिसके कारण   मसाज करना जरूरी है। मालिश से शिशु को आराम मिलता है और अच्‍छी नींद आती है। कुछ अध्‍ययनों की मानें तो बेबी मसाज से शिशु का सही विकास होने में भी मदद मिलती है। मालिश से मांसपेशियों में तनाव कम होता है, इतना ही नहीं बच्चे को दांत निकलने पर होने वाली दिक्‍कतों से भी राहत मिलती है।

इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ इंफैंट के अनुसार मालिश करने से शिशु का परिसंचरण और पाचन तंत्र उत्तेजित करने में मदद मिल सकती है। मसाज करने से बच्चे में गैसे, ऐंठन और कब्ज जैसी समस्या से छुटकारा मिलता है। आइए जानते हैं कि बच्चे की मसाज करने का सही तरीका क्या है, और मसाज के दौरान क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।

बच्चे की मसाज करने के लिए आप जिस तेल का इस्तेमाल कर रही हैं सबसे पहले उसे बच्चे के शरीर के एक हिस्से में लगाकर टेस्ट करें। तेल लगाई हुई जगह पर किसी तरह के रैशेज तो नहीं आ रहे। अगर तेल लगाने के बाद स्किन लाल होती है या किसी तरह के रैशेज आते हैं तो समझ जाइए कि तेल बच्चे की स्किन को सूट नहीं कर रहा। ऐसा तेल बच्चे की मालिश के लिए उपयुक्त नहीं है।